अयाेध्या। जिस शुभ घड़ी का लंबे वक्त से इंतजार था, वह आखिरकार आ गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रख दी है. भूमि पूजन की सभी प्रक्रिया करने के बाद प्रधानमंत्री ने शुभ मुहूर्त में शिला रखी.
प्रधानमंत्री ने शिला रखकर भूमि को प्रणाम किया. पीएम मोदी ने ठीक 12.44.08 बजे शिला रखी. इससे पहले पीएम मोदी ने विधिवत भूमि पूजन किया और रामलला के दर्शन किए.
प्रधानमंत्री मोदी रामभक्ति से पूरी तरह ओत-प्रोत नजर आए. जैसे ही वह राम लला के समक्ष पहुंचे, उन्होंने सष्टांग प्रणाम किया.
पीएम मोदी ने शीश नवाकर श्रीराम की मूर्ति के दर्शन किए. उनकी भक्ति का ये अंदाज अभिभूत कर देने वाला था. पीएम मोदी ने पारंपरिक लिबास धोती-कुर्ता पहना था.
अयोध्या के विख्यात पंडितों ने पूरे विधि-विधान से भूमि-पूजन संपन्न करवाया. देशभर में जिन-जिन जगहों पर शिला पूजन हुआ है, उन सभी शिलाओं का इस्तेमाल राम मंदिर के निर्माण में किया गया है.
कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए पूजा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी खास ख्याल रखा गया. पीएम मोदी समेत सभी पुरोहितों और मेहमानों ने मास्क लगा रखा था.
रामलला के दर्शन करने के बाद पीएम मोदी ने परिसर में पारिजात का पौधा भी लगाया. पारिजात के पौधे से कई सारी पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. इसे हिंदू धर्म में काफी शुभ माना जाता है.
भूमि पूजन के कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ योगी आदित्यनाथ, मोहन भागवत और आनंदी बेन पटेल मौजूद रहे.
भूमि पूजन कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी शामिल हुईं. इससे पहले उमा भारती की मौजूदगी पर संशय बना हुआ था. उन्होंने कहा था कि वो अयोध्या के भूमि पूजन कार्यक्रम में तो आएंगी, लेकिन मंदिर स्थल पर ना रहकर सरयू नदी के तट पर रहेंगी. हालांकि, बाद में उमा भारती ने कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला किया.
योगगुरु बाबा रामदेव भी भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए.
अयोध्या के महंतों के साथ यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ चर्चा करते हुए नजर आए.
भूमि पूजन स्थल पर जाने से पहले पीएम मोदी ने हनुमानगढ़ी मंदिर में पारंपरिक तरीके से पूजा-पाठ किया. रामलला के दर्शन से पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा करने की परंपरा है.
हनुमानगढ़ी मंदिर के प्रमुख पुजारी श्री गद्दीनशीन प्रेमदास महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी को पगड़ी, चांदी का मुकुट और पारंपरिक स्टोल पहनाया. इस दौरान पीएम ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा था. पीएम मोदी ने इस दौरान हनुमान जी की प्रतिमा के सामने शीश नवाया.
अयोध्या के बीचों बीच हनुमानगढ़ी में रामभक्त हनुमानजी का विशाल मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि अयोध्या में सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में बजरंगबली के दर्शन करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए, फिर किसी दूसरे मंदिर जाना चाहिए.
सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर के दर्शन करने के पीछे ‘राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे…’ वाली मान्यता दिखती है. यानी हनुमानजी की कृपा के बिना किसी को रामजी का आशीर्वाद नहीं मिलता है.
रामलला के दर्शन के बाद पीएम मोदी ने सभी धार्मिक अनुष्ठान पूरे किए और राम मंदिर की आधारशिला रखी.
आपको बता दें कि भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त 12.44.08 मिनट था. पूजा के दौरान 9 शिलाओं का अनुष्ठान किया गया, इसके अलावा भगवान राम की कुलदेवी काली माता की भी पूजी की गई.
पूजा करने वाले संत ने बताया कि देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से शिलाएं लाई गई हैं, जिनपर श्रीराम का नाम लिखा है.
पीएम मोदी के द्वारा अयोध्या में भूमि पूजन के साथ ही अब राम मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से शुरू हो जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने राम मंदिर की सीमा तय कर रखी है और 2024 के पहले अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.