नई दिल्ली । भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से जिस चीज का ज्यादातर लोगों को इंतजार है, वह वैक्सीन है। वैक्सीन को लेकर अब रूस से एक अच्छी खबर सामने आई है। रूस ने 10 अगस्त तक दुनिया की पहली कोरोना वायरस की वैक्सीन को मंजूरी देने की योजना बनाई है।
वैक्सीन के मंजूरी मिलने के तीन-चार दिन बाद संस्थान बाजार में वैक्सीन उतार सकता है। सूत्रों ने बताया, ‘पंजीकरण के दस्तावेज 10-12 अगस्त तक तैयार हो जाने चाहिए। इसके बाद बाजार में इसके 15-16 अगस्त तक उतरने की संभावना है।’ न्यूज चैनल सीएनएन ने बताया कि रूस 10 अगस्त तक वैक्सीन को मंजूरी देने की योजना बना रहा है, जिसे मॉस्को स्थित गामालेया महामारी संस्थान केंद्र ने बनाया है।
सोवियत संघ द्वारा दुनिया के पहले उपग्रह के साल 1957 के प्रक्षेपण का जिक्र करते हुए, रूस के संप्रभु धन कोष के प्रमुख, किरिल दिमित्री ने कहा था कि यह एक स्पूतनिक क्षण है। रूस का संप्रभु धन कोष वैक्सीन के लिए वित्तपोषण कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब स्पूतनिक के बारे में अमेरिका ने सुना तो वह हैरान था। इस वैक्सीन के साथ भी ऐसा ही होना जा रहा है। रूस बाकियों से पहले सफलता पा लेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन का सबसे पहले इस्तेमाल आम लोगों के बजाए, हेल्थ वर्कर्स पर होगा। इसके बाद, वैक्सीन की पहुंच अन्य लोगों तक होगी। हालांकि, रूस की इस वैक्सीन को दूसरा चरण पूरा करना बाकी है, जबकि दुनिया भर में बनाई जा रही कुछ वैक्सीन का परीक्षण तीसरे चरण में पहले से ही हो रहा है।
वैक्सीन के ट्रायल को लेकर रूस के रक्षा मंत्रालय ने कथित तौर पर कहा है कि सैनिकों ने मानव परीक्षणों में स्वेच्छा से भाग लिया है। प्रोजेक्ट के निदेशक एलेक्जेंडर गिन्सबर्ग ने जानकारी दी है कि उन्होंने पहले ही अपने ऊपर वैक्सीन का इंजेक्शन लगा लिया था।