नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के नारकोटिक्स दस्ते ने दुर्दांत हत्यारे डॉ. देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया है। जिसने पूछताछ में दावा किया है कि अब तक 100 से ज्यादा ट्रक ड्राइवरों और टैक्सी चालकों की हत्या कर चुका है इसके बाद उसने अपने किए हुए शिकारों की गिनती करना छोड़ दिया। जानकारी मिल रही है कि ये सीरियल किलर हत्या करने के बाद शिकार की किडनी निकाल लेता था और शव को अलीगढ में एक तालाब में पलने वाले मगरमच्छों के सामने खाने के लिए डाल देता था, जिस कारण पुलिस आज तक किसी टैक्सी चालक का शव भी बरामद नहीं कर सकी थी।
इंसान नहीं जल्लाद है डॉक्टर डेथ
पुलिस ने उसे डॉक्टर डेथ, सीरियल किलर और हरियाणा का सबसे बड़ा जल्लाद नाम दिया है। वह कई राज्यों में फैले किडनी रैकेट से भी जुड़ा था। वह करीब 125 लोगों की किडनी अवैध रूप से निकालकर ट्रांसप्लांट कर चुका है। राजस्थान की जयपुर पुलिस को इसकी पैरोल जंपिंग मामले में तलाश थी।
अपराध शाखा के डीसीपी डॉ. राकेश पावरिया के अनुसार, नारकोटिक्स सेल के इंस्पेक्टर राममनोहर को 28 जुलाई को सूचना मिली कि हत्या में उम्रकैद काट रहा सीरियल किलर देवेंद्र कुमार शर्मा जनवरी 2020 में पैरोल जंप कर गया था और दिल्ली के बापरौला में छिपकर रह रहा है। उनकी देखरेख में एसआई श्याम बिहारी सरन, हवलदार अशोक नागर, संजय, सिपाही सुमित व सुनील की टीम ने डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा (62) को गिरफ्तार कर लिया।
विधवा से शादी कर दिल्ली में छिपा था
पुलिस के मुताबिक, एक विधवा से शादी कर वह यहां छिपकर रह रहा था। इसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। दिल्ली पुलिस ने जयपुर पुलिस सें संपर्क साधा और इसके बारे में जानकारी ली तो उसने सच उगल दिया। जयपुर पुलिस को इसकी सूचना दे दी गई है। डॉ. देवेंद्र शर्मा की डिग्री बीएएमएस है, मगर वह किडनी निकालने व ट्रांसप्लॉट करने के लिए सर्जरी करता था। जयपुर पुलिस सीरियल किलर को लेने दिल्ली आएगी।
मगरमच्छों वाली नहर में फेंकता था शव
वह ट्रक ड्राइवरों की हत्या कर उनके शव को कासगंज स्थित हजारा नहर में मगरमच्छों के लिए फेंक देता था ताकि कोई सुबूत न मिले। गाड़ियों को कासगंज में बेच देता था या फिर मेरठ में कटवा देता था। एक टैक्सी के बिकने या कटने पर डॉक्टर को 20 से 25 हजार रुपये मिलते थे।
डॉ. देवेन्द्र शर्मा को मौत बांटने का शौक सा बन गया था। वह करीब-करीब हर दस दिन में एक टैक्सी चालक की हत्या करता था। वह टैक्सी चालक की तड़पा-तड़पाकर हत्या करता था। इसने जो 100 से ज्यादा टैक्सी चालकों की हत्या की है वह एक ही तरीके से की है। हालांकि गुरुग्राम पुलिस के रिकार्ड में सिर्फ 20 हत्या का जिक्र है। कोर्ट ने उसे करीब 80 हत्याओं में बरी कर दिया था। पुलिस के पास इन हत्याओं का कोई सबूत नहीं था। आरोपी इतना चालाक था कि वह किसी हत्या का कोई सबूत नहीं छोड़ता था। परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर उसे एक ही हत्या में उम्रकैद की सजा हुई है।
एनसीआर के टैक्सी चालकों को बनाता था निशानाा
अपराध शाखा के अधिकारियों के अनुसार आरोपी गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, अलवर, जयपुर, रेवाडी, गुरुग्राम, बल्लभगढ़ व फरीदाबाद के टैक्सी चालकों को ही अपना शिकार बनाता था। ये अलीगढ़ के लिए टैक्सी बुक करता था। एमरजेंसी होने की बात कहकर टैक्सी चालक को ज्यादा पैसे देने की बात कहता था। रास्ते में ये टैक्सी चालक से दोस्ती गांठ लेता था। अलीगढ़ से पहले ये टैक्सी को रुकवाता और पीछे से रस्सी से चालक का गला दबाकर हत्या कर देता था। इसके बाद ये चालक के शव को हजारा नहर में फेंक देता था। शव को फेंकने से पहले वह उनकी किडनी निकाल लेता था। पुलिस को किसी टैक्सी चालक का अभी तक शव नहीं मिला है जिससे ये पता लग सके। ये कत्ल करने में माहिर हो चुका था और कुछ ही सेकेंड में चालक की हत्या कर देता था। गुरुग्राम व आसपास से जब टैक्सी चालक गायब होने लगे तो हरियाणा पुलिस परेशान हो गई थी। गुरुग्राम पुलिस ने टैक्सी स्टेंडों पर सादा वर्दी में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और टैक्सी बुक करते हुए डॉक्टर देवेन्द्र को पहली बार नौ फरवरी, 2004 को गिरफ्तार किया गया था।
विधवा से की शादी
अलीगढ़ के छर्रा थाना क्षेत्र के पुरैनी गांव का रहने वाला 62 वर्षीय देवेंद्र शर्मा बेहद शातिर किस्म का अपराधी है। उसने बिहार के सिवान से बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी) की डिग्री ली थी। पैरोल पर बाहर आने के बाद पुलिस से बचने के लिए दिल्ली में एक विधवा से शादी की और उसके साथ रहते हुए प्रॉपर्टी का काम करने लगा। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी राकेश पावेरिया ने बताया कि सूचना मिली कि सीरियल किलर और हत्या के एक मामले में ताउम्र सजायाफ्ता देवेंद्र शर्मा जयपुर की सेंट्रल जेल से जनवरी में 20 दिन के पैरोल पर बाहर आने के बाद से फरार है और दिल्ली में छुपा हुआ है। उसे दिल्ली के बपरोला की गली नंबर दस के एक मकान से गिरफ्तार कर किया गया है।
ये है डॉ देवेंद्र की क्राइम हिस्ट्रीट
पूछताछ में देवेंद्र शर्मा ने बताया कि सिवान से बीएएमएस में स्नातक करने के बाद 1984 से 11 वर्ष तक जयपुर के बांदीकुई में जनता अस्पताल और डायग्नोस्टिक्स के नाम से क्लिनिक चलाया। 1982 में शादी हुई। वर्ष 1994 में थापर चैंबर में भारत फ्यूल कंपनी के कार्यालय ने गैस डीलरशिप देने की योजना चलाई। उसने इसमें 11 लाख रुपये का निवेश किया था, लेकिन कंपनी के अचानक गायब होने से उसका पैसा डूब गया। वर्ष 1995 में अलीगढ़ के छर्रा में भारत पेट्रोलियम की एक नकली गैस एजेंसी शुरू की। उस दौरान पास के गांव दलालपुर निवासी राज, उदयवीर और वेदवीर के संपर्क में आया। उनके साथ मिलकर चालक की हत्या करके एलपीजी सिलेंडर ले जाने वाले ट्रकों को लूटना शुरू किया। फर्जी गैस एजेंसी में सिलेंडर उतारकर मेरठ में लूटे गए ट्रक को बेचते थे। डेढ़ वर्ष बाद उसे नकली गैस एजेंसी चलाने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद वर्ष 2001 में उसने फिर अमरोहा में नकली गैस एजेंसी शुरू की।
किडनी गिरोह में ऐेसे हुआ शामिल
1994 में भारी नुकसान के बाद वह जयपुर, बल्लभगढ़, गुरुग्राम और अन्य जगह चल रहे अंतरराज्यीय किडनी प्रत्यारोपण गिरोह में शामिल हो गया। उसे गुरुग्राम में डॉ. अमित द्वारा संचालित अनमोल नर्सिंग होम में किडनी रैकेट मामले में वर्ष 2004 में गिरफ्तार किया गया। 1994 से 2004 तक वह अवैध रूप से किए गए 125 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण के लिए उसने किडनी देने वाले लोगों की व्यवस्था की। एक प्रत्यारोपण में उसे 5-7 लाख रुपये मिलते थे। इसी दौरान वह जयपुर भी गया और 2003 तक अपना क्लिनिक चलाता रहा।
चालक की हत्या कर टैक्सी लूट लेता था डॉ देवेंद्र
इस दौरान उन लोग के संपर्क में आया, जो अलीगढ़ जाने के लिए टैक्सी किराये पर लेते और फिर चालक की हत्या कर टैक्सी लूट लेते थे। वे कासगंज के हजारा नहर में शव को फेंकते थे, जिसमें मगरमच्छ होते हैं, इसलिए किसी का भी शव नहीं मिलता था। लूटी हुई टैक्सी को कासगंज और मेरठ में 20-25 हजार रुपये में बेचता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद उससे कार खरीदने वाले सभी लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसने माना कि वह ऐसी 50 से ज्यादा हत्याओं का मास्टरमाइंड रहा है।