नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने अब तक निगम को 16 सौ करोड़ का बकाया फंड नहीं दिया है. जिस कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. जिसकी वजह से निगम अपने कर्मचारियों का वेतन नहीं दे पा रहा है.
‘नहीं दिया कोई फंड’
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर निर्मल जैन ने बताया कि कोरोना काल के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी स्वयं स्वीकार कर चुके हैं कि कोरोना के कारण निगम की आर्थिक स्थिति खराब है. दिल्ली सरकार पर निगम का 1693 करोड़ रुपये बकाया है. जिसमें से अभी तक हमें मात्र 91 करोड़ रुपये मिले हैं. बकाया फंड के लिए हमने कई बार दिल्ली सरकार से गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक हमें कोई फंड नहीं मिला. जिस कारण निगम को समय से अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
‘घटे आय के साधन’
मेयर निर्मल जैन ने बताया कि कोरोना से पहले निगम के अपने जरिए से आय लगभग 300 करोड़ रुपये होते थे. लेकिन कोरोना काल में अभी तक 100 करोड़ रुपये से भी कम आय निगम की हुई है. जबकि निगम के कर्मचारियों के वेतन मद में 170 करोड़ों रुपये खर्च किया जाता है. ऐसे में अभी के समय निगम के समस्त कर्मचारियों को समय से तनख्वाह देने में भी दिक्कतें आ रही हैं.
‘सरकार-निगम में पिता-पुत्र का रिश्ता’
फंड की कमी के सवाल पर नेता सदन प्रवेश शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार और निगम का रिश्ता पिता-पुत्र के समान होता है. राज्य सरकार के सहयोग के बिना कोई निगम नहीं चल सकती. लेकिन यह हमारा दुर्भाग्य है कि दिल्ली सरकार हमारे फंड को दबा कर बैठी है. कोरोना के समय हमारे आय के साधन सीमित हो गए हैं और हमारा एकमात्र सहारा दिल्ली सरकार से मिलने वाला फंड है. लेकिन दिल्ली सरकार हमें हमारे हक का फंड देने में भी आनाकानी कर रही है.