जयपुरः राजस्थान में कोरोना संक्रमण काबू होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। राजस्थान में शुक्रवार सुबह 375 नए कोरोना पॉजिटिव मामले और 4 लोगों की मौत होने के साथ ही कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 33,595 हो गई है। राज्य में कोरोना के 9,125 सक्रिय मामले हैं और अब तक 598 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन राज्य की कांग्रेसी गहलोत सरकार कोरोना संकट पर ध्यान देने की जगह कुर्सी बचाने में लगी है। कांग्रेसी मंत्री और विधायक संकट की इस घड़ी में लोगों को मदद पहुंचाने के बजाय 5 सितारा होटल में मौज कर हैं। सोशल मीडिया पर आज इसी तरह की एक तस्वीर वायरल हो रही है।
इधर, हाईकोर्ट से पायलट गुट को राहत मिलने के बाद गहलौत पांच सितारा होटल में ठहरे अपने विधायकों को लेकर राज्यपाल भवन पहुंच गए। लेकिन राज्यपाल ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया तो वे सब राजभवन के बाहर ही धरने पर बैठ गए। गहलौत गुट राज्यपाल के सामने विधायकों की परेड कराकर अपना बहुमत साबित करना चाहता है। लेकिन राज्यपाल ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने और गहलौत से मिलने से ये कहकर इंकार कर दिया कि इस वक्ता बीजेपी तथा कांग्रेस दोनों के ही विधायक कोरोना संक्रमित है इसलिए ऐसे में सत्र बुलाना या विधायकों की परेड कराना ख्तरनाक हो सकता है। जिसके बाद गहलौत ने राज्यपाल पर केन्द्र के दबाव में संवैधानिक नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया और राजभवन में धरना शुरू कर दिया।
दरअसल, राजस्थान में गहलौत की सत्ता डांवाडोल है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र अपने-अपने स्टैंड पर डटे हुए हैं। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि विधानसभा सत्र सोमवार को बुलाया जाए ताकि वो अपना शक्ति प्रदर्शन कर पाएं, वहीं राज्यपाल की दलील है कि उन्हें किसी फैसले पर पहुंचने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए। कांग्रेस ने राज्यपाल पर दबाव बनाने के लिए आज राज्य के हर जिले में विरोध प्रर्दशन शुरू किया है।