
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की रणनीतिक कूटनीति से मुंबई हमलों में वांछित पाकिस्तानी मूल के कनाडाई आतंकी तहव्वुर राणा को भारत लाने में कामयाबी मिली है। एनआईए ने राणा को गुरुवार रात को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। रात करीब दो बजे कोर्ट ने उसके 18 दिन की रिमांड पर भेजने का फैसला दिया। आतंकी तहव्वुर राणा ही नहीं, मोदी सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल में ही राणा समेत 24 खूंखार अपराधी और भगोड़ों को प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। दरअसल, भारत की दुनिया के 48 देशों से प्रत्यर्पण संधि है। इन देशों से भारत ने 178 वांछित अपराधियों को प्रत्यर्पित करने का अनुरोध कर रखा है जिनमें 60 मामले तो अकेले अमरीका के ही हैं। वर्ष 2015 से 2024 तक 60 और भगोड़ों को प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। करांची में रह रहा 1993 के मुंबई बम विस्फोट का आरोपी डॉन दाउद इब्राहिम भारत में वांछित है। पाक से प्रत्यर्पण संधि नहीं होने से उसे लाने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई हो पाई है।
सीएम रहते भी नरेन्द्र मोदी के रडार पर था आतंकी तहव्वुर राणा
आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुरू से ही जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। जिस तहव्वुर राणा को उनके प्रधानमंत्रित्व काल में प्रत्यर्पण करके लाया गया है। नरेन्द्र मोदी के राडार पर तो राणा तभी से था, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण और रिमांड पर भेजे जाने के बीच अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का साल 2011 का पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी उस वक्त गुजरात के सीएम थे। पीएम ने तत्कालीन यूपीए सरकार की विदेश नीति की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (तब ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा था, ‘अमेरिका द्वारा मुंबई हमले में तहव्वुर राणा को निर्दोष घोषित करना भारत की संप्रभुता का अपमान है और यह विदेश नीति के लिए बड़ा झटका है।’ पीएम बनने के बाद वे ऐसे अंतर्राष्ट्रीय अपराधियों के खिलाफ पूरी कूटनीति से सख्ती बरत रहे हैं।
छोटा राजन को इंडोनेशिया से प्रत्यर्पण कर लाया गया
अंतर्राष्ट्रीय अपराधी छोटा राजन कभी दाऊद इब्राहिम के जिगरी दोस्त रहा था। एक समय बाद दाऊद इब्राहिम की तरह ही खुद कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन बन गया था। छोटा राजन पर भारत में कई मुकदमे दर्ज थे। जिनमें मर्डर से लेकर किडनैपिंग तक जैसे खूंखार अपराध शामिल थे। साल 2015 में सीबीआई की टीम ने इंडोनेशिया में छोटा राजन को गिरफ्तार किया गया। बता दें छोटा राजन पर इंटरपोल की ओर से रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था। इंडोनेशिया में गिरफ्तारी के बाद छोटा राजन को प्रत्यर्पण करके भारत लाया गया था। इसके अलावा 2018 में क्रिश्चियन मिशेल यूएई से प्रत्यर्पण करके और 2020 में रवि पुजारी सेनेगल से प्रत्यर्पण करके लाया गया था। ये तीनों अपराधी अब भारतीय जेलों में बंद हैं। इसके अलावा बात की जाए तो विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2015 तक भारत में कुल 60 अपराधियों को प्रत्यर्पण करके लाया जा चुका है। इनमें यूएई, नाइजीरिया,यूएसए, हॉन्ग कोंग, कनाडा, जर्मनी, बुल्गारिया, ऑस्ट्रेलिया, पुर्तगाल, थाईलैंड, बेल्जियम, मॉरीशस, साउथ अफ्रीका, सऊदी अरब मोरक्को, इंडोनेशिया और बांग्लादेश जैसे देशों से अपराधियों को लाया गया है। पिछले 16 वर्षों में प्रत्यर्पण के मामलों को देखें तो पता चलता है कि सरकार इस दौरान सिर्फ 66 भगोड़ों को भारत लाई है। जबकि सौ से ज्यादा के प्रत्यर्पण के लिए अर्जी दी है। इनमें से 13 आर्थिक मामलों में अपराधी थे।
ब्रिटेन से 17 भगोड़ों के भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी
ब्रिटेन से 17 लोगों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही थी। इनमें विजय माल्या, ललित मोदी, गुलशन कुमार हत्याकांड में आरोपी और संगीतकार नदीम सैफी, गुजरात में 1993 में हुए धमाकों का आरोपी टाइगर हनीफ भी शामिल हैं। इनके अलावा सरकार को 24 देशों से करीब 121 भगोड़ों को प्रत्यर्पण कर भारत लाने का इंतज़ार है। भारत और ब्रिटेन के बीच 1993 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी। तब से लेकर अब तक पहले आरोपी को भारत लाने में 23 साल लग गए। वह भी मोदी सरकार के कार्यकाल में ही हो पाया। इसके तहत मर्डर के मामले में समीरभाई वीनूभाई पटेल का 19 अक्टूबर 2016 को प्रत्यर्पण किया जा सका है। सरकार अपराध कर भागने वाले तीन ब्रिटिश नागरिकों को भी भारत लाई है, लेकिन इन्हें अमेरिका और तंजानिया से लाया गया। अगस्ता वेस्टलैंड डील मामले में आरोपी बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को यूएई से लाया गया।
अब इन भगोड़ों को भारत लाने की चल रही है बड़ी तैयारी
विजय माल्या
नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन डिफॉल्ट मामले में भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को वापस लाने के लिए भी सरकार तेजी से काम कर रही है। 2016 में भारत छोड़कर गए माल्या फिलहाल ब्रिटेन में हैं। किंगफिशर एयरलाइंस के बंद होने के बाद धोखाधड़ी के मामले में माल्या वांटेड हैं। माल्या को 2019 में भगोड़ा घोषित किया गया था। भारत माल्या की हिरासत के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रहा है, जिसके जल्द खत्म होने की संभावना है। बुधवार (9 अप्रैल) को भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के एक संघ ने उनके खिलाफ दिवालियापन आदेश को बरकरार रखने के लिए लंदन में अपनी अदालती अपील जीत ली। 69 वर्षीय व्यवसायी को जुलाई 2021 में दिवालिया घोषित कर दिया गया था। वह ब्रिटेन में फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
नीरव मोदी
हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी 14,000 करोड़ रुपये के पीएनबी लोन धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी हैं। भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पण की लड़ाई हारने के बाद नीरव मोदी लगभग छह साल से लंदन की जेल में है। भारत में उसके खिलाफ तीन तरह की आपराधिक कार्यवाही चल रही है। उसे 19 मार्च, 2019 को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त तत्कालीन ब्रिटिश गृह सचिव प्रीति पटेल ने अप्रैल 2021 में उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। तब से उसने मामले में सुप्रीम कोर्ट तक अपनी कानूनी अपीलें पूरी कर ली है। उसने कई जमानत याचिकाएं दायर की हैं। जिनमें से कई मामलों को खारिज कर दिया गया है।
मेहुल चोकसी
भगोड़ा कारोबारी कथित तौर पर अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ बेल्जियम में रह रहा है। वह बेल्जियम का नागरिक बन गया है। उसने ‘ रेजीडेंसी कार्ड’ हासिल किया है। भारतीय अधिकारियों ने बेल्जियम सरकार से उसके प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया है, लेकिन देश में उसके नए अधिग्रहीत निवास ने मामले को जटिल बना दिया है। वह कुख्यात पीएनबी धोखाधड़ी मामले में वांछित हे, जिसमें वह और उसका भतीजा नीरव भी शामिल है। वहीं, मेहुल चोकसी अब एंटीगुआ में है।
अनमोल बिश्नोई
अनमोल बिश्नोई गुजरात की जेल से खूंखार गैंग चलाने वाला लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई है। लॉरेंस पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्याओं सहित कई हाई-प्रोफाइल मामलों में वांटेड है। बिना वैध दस्तावेजों के देश में प्रवेश करने के कारण अनमोल को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, अनमोल को भारत प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर कवायद चल रही है।
अर्श दल्ला
खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श दल्ला प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का नेता है। अर्श कनाडा में रहता है और उसपर हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के 50 से अधिक मामले दर्ज है। अर्श दल्ला को जनवरी 2004 में आतंकवादी घोषित किया गया था। ये भी कहा जाता है कि अर्श दल्ला पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई के संपर्क में है। पिछले अक्टूबर में एक हमले में घायल होने के बाद दल्ला को गिरफ्तार किया गया था। तब से भारत उसे प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रहा है।
अब हर तरफ से एक ही आवाज- तहव्वुर राणा को फांसी दो
मुंबई पर आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों और अन्य लोगों ने तहव्वुर राणा को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है। मुंबई हमले के दौरान मौके पर आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ने में मुख्य भूमिका निभाने वाले शहीद एएसआइ तुकाराम ओम्बले के भाई एकनाथ ओम्बले ने कहा कि राणा को सार्वजनिक रूप से फांसी की सजा देनी चाहिए। हमले के दौरान पीड़ितों-घायलों की जान बचाने वाले छोटू चाय वाला के नाम से चर्चित मोहम्मद तौफीक ने कहा कि राणा को सुविधाएं और बिरयानी देने की जरूरत नहीं। ऐसे लोगों के लिए अलग कानून बनाकर जल्द से जल्द फांसी दी जाए। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में आतंकी हमले में घायल हुए सदाशिव कालोके ने कहा कि जल्दी मुकदमा चलाकर राणा को फांसी की सजा दी जाए। हमले में हथगोले से अपने पति को खो चुकी और खुद घायल हुईं वाराणसी की सुनीता यादव ने कहा कि हम उस दिन का मंजर आज भी नहीं भूलते। अमरीका से लाए अपराधी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।