
संवाददाता
नई दिल्ली । दिल्ली की सातवीं विधानसभा (2020-25) के विधायकों ने एमएलए लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड के तहत आवंटित कुल राशि का केवल 45 फीसदी ही खर्च किया। यह पैसा उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए दिया गया था। पांच सालों में उन्हें जितना पैसा मिला, उसमें से आधा से भी कम खर्च हो पाया।
दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग ने विधायकों को उनके क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए 1,764.5 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। यह पैसा 2020-21 से 2024-25 तक के पांच सालों के लिए था। लेकिन, इसमें से केवल 973.06 करोड़ रुपये ही जारी किए गए। सबसे कम खर्च 2024-25 में हुआ, जो कि चुनाव का साल था। उस साल सरकार ने रिकॉर्ड 800 करोड़ रुपये आवंटित किए, लेकिन मार्च 19, 2025 तक केवल एक तिहाई यानी 281 करोड़ रुपये ही जारी किए गए।
दिल्ली सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि योजना के तहत खर्च की गई वास्तविक राशि कुछ महीनों में पता चलेगी। 2024-25 के वित्तीय वर्ष के खातों को अभी मिलाना बाकी है। अधिकारी ने कहा, “यह संभव है कि विधायकों को बड़ी राशि की परियोजनाओं के लिए मंजूरी मिल गई हो, लेकिन सरकार ने केवल एक हिस्सा जारी किया, क्योंकि काम अभी भी पूरा हो रहा है।”
आम आदमी पार्टी सरकार ने अक्टूबर 2024 में एमएलए लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये कर दिया था। यह पैसा प्रत्येक 70 विधानसभा क्षेत्रों के लिए था। लेकिन, बीजेपी सरकार ने 2025-26 के वित्तीय वर्ष के लिए इसे 5 करोड़ रुपये पर ही रखा है। इसके अलावा, एक अलग सीएम डेवलपमेंट फंड बनाया गया है, जिसमें 1,400 करोड़ रुपये का बजट है।
यह फंड शहरी विकास विभाग द्वारा विभिन्न एजेंसियों को जारी किया जाता है। इन एजेंसियों में दिल्ली नगर निगम, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड, दिल्ली जल बोर्ड और बिजली वितरण कंपनियां शामिल हैं। ये एजेंसियां इस पैसे से विकास कार्य करती हैं। किसी वित्तीय वर्ष में विधायक का जो पैसा खर्च नहीं होता है, उसे अगले वित्तीय वर्ष के आवंटन में जोड़ दिया जाता है। लेकिन, यह पैसा केवल पांच साल की अवधि के दौरान ही उपलब्ध रहता है। अब नई विधानसभा आ गई है, इसलिए जो भी पैसा खर्च नहीं हुआ है, वह अब खत्म हो गया है।