
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद । मयंक गोयल बाल्यकाल संघ कार्यकर्ता हैं। वो शुरू से ही एक ऐसी नर्सरी से निकले हैं जहां उनका व्यक्तित्व राष्टवाद के संस्कारों के साथ निर्मित हुआ है। मयंक गोयल शानदार वक्ता हैं और वो संबोधन में ये जानते हैं कि शब्दों से किसी तरह से साधना है। बुधवार को भी जब ताजपोशी की बेला थी तो माइक मयंक गोयल के हाथ में आया और उन्होंने यहां अपने शब्दों से सभी को साधा। सभी ने उनकी तारीफ भी की। शहर विधायक संजीव शर्मा ने कहा कि मयंक गोयल अच्छे वक्ता हैं और संबोधन का ये क्रम आगे चला और यहां कई वक्ताओं के साथ-साथ क्षेत्रीय अध्यक्ष ने अपनी बात रखी और सबसे खास बात ये थी कि मयंक गोयल ने जब माइक थामा तो उन्होंने सबका नाम तो लिया ही सबके नाम के साथ शब्दों के जरिये भी अपनी बात को साधा। मयंक गोयल ने सबसे पहले क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र शिशौदिया का उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता का सम्मान क्या होता है ये कोई क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र शिशौदिया से सीखे। मयंक ने बताया कि जब सतेंद्र शिशौदिया अध्यक्ष रहें और कार्यकर्ता के नाते मैं मिलने पहुंचा तो उस समय आपको 103 डिग्री बुखार था। मैंने उसी समय कहा कि आप विश्राम करें और कार्यकर्ता और हम सब फिर कभी आ जाएंगे, लेकिन 103 डिग्री बुखार में भी सतेंद्र शिशौदिया ने कहा कि मुझे बुखार है ये मुझे पता है या तुम्हें पता है, लेकिन जो कार्यकर्ता उत्साह के साथ दूर से आए हैं उन्हें नहीं पता और सतेंद्र शिशौदिया कार्यकतार्ओं से मुस्कराकर मिले। ये मैंने उन्हीं से सीखा कि कार्यकर्ता की भावना का सम्मान क्या होता है। इसके बाद मयंक गोयल ने पूर्व मेयर अशु वर्मा को पिता तुल्य बताया और उनके छह बार जेल जाने का जिक्र किया। अपने शब्दों से उन्होंने इस बात को बखूबी चित्रित किया कि पूर्व मेयर अशु वर्मा ने पार्टी के लिये कितना संघर्ष किया है।
शब्द साधना का ये क्रम अनव्रत जारी रहा और फिर महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने शहर विधायक संजीव शर्मा के लिये भी अपने संबोधन में शब्द अलंकृत किये। उन्होंने कहा कि संजीव शर्मा अब तक के सबसे लोकप्रिय अध्यक्ष हैं और इसी क्रम में उन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता सरदार एसपी सिंह को भी सवा लाख एक लड़ाऊ वाली कहावत से नवाजा तो कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा की सादगी के बारे में भी कई बात कही। मयंक गोयल जिस तरह से अपने शब्दों से सभी के लिये अच्छे शब्द कह रहे थे उससे ये स्पष्ट था कि इरादा बिल्कुल साफ है, वो सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं।
जो जिम्मेदारी मिली है पार्टी हित में उसे निभाएंगे मयंक गोयल: अतुल गर्ग
लोकसभा सांसद अतुल गर्ग बुधवार को भाजपा महानगर कार्यालय नहीं पहुंचे। दैनिक करंट क्राइम ने जब उन्हें तलाश कि तो उनकी लोकेशन दिल्ली में मिली। उन्होंने बताया कि वह पार्टी के कार्य से दिल्ली में मौजूद हैं। मयंक गोयल के अध्यक्ष वाले कार्यकाल को लेकर उन्होंने कहा कि मयंक गोयल उत्साही युवा हैं। पार्टी ने एक ऐसे व्यक्ति को पदभार सौंपा है जो उस पद के योग्य है। इस सम्मान के लिये मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं और मुझे उम्मीद है कि महानगर अध्यक्ष के रूप में जो जिम्मेदारी मयंक गोयल को मिली है उसे वह पार्टी हित में जरूर निभाएंगे।
जब विधायक अजीतपाल त्यागी के लिए कहा- चुप रहो तो दुआ समझूं, कह दिया तो हुआ समझूं
महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने मुरादनगर विधायक अजीतपाल त्यागी के लिये ऐसे शब्द कहे कि सबने इन शब्दों के मायने निकाले। उन्होंने एक तरह से अपने शब्दों के जरिये मुरादनगर विधायक अजीतपाल त्यागी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अजीतपाल त्यागी ऐसी विधानसभा से विधायक हैं जिस विधानसभा से यहां मौजूद 90 प्रतिशत नेता आते हैं। इसी विधानसभा से निकले हैं। उन्होंने मुरादनगर विधायक अजीतपाल त्यागी के परिवार की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस परिवार ने लंबे समय से क्षेत्र की सेवा की है। उन्होंने इसके बाद अजीतपाल त्यागी की प्रशंसा करते हुए अपने शब्दों से बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ये ऐसे विधायक हैं कि चुप रहे तो दुआ समझूं और कह दिया तो काम हुआ समझूं। मयंक गोयल ने अपने शब्दों के जरिये जो संदेश देना था वो दिया और ये एहसास करा दिया कि ताजपोशी में एक रोल रहा है। इसके बाद एक मौका ऐसा भी आया जब विधायक अजीतपाल त्यागी ने कहा कि इतनी तारीफ तो कुछ ज्यादा हो गई, तो महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने फिर से अपने शब्दों को दोहराया और कहा कि मैं मंच से उतरकर भी अपने शब्द आपके लिये फिर से कह सकता हूं और इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया।
जब पूर्व सांसद अनिल अग्रवाल की मयंक गोयल ने की जमकर तारीफ
पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। महानगर अध्यक्ष के रूप में अपने संबोधन में मयंक गोयल ने पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि अनिल अग्रवाल एक ऐसे जनप्रतिनिधि रहे हैं जिनसे ये सीखा जा सकता है कि कार्यकर्ता के सम्मान में कैसे मैदान में आना है। मयंक गोयल ने कहा कि अनिल अग्रवाल ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जिनके बारे में कह सकता हूं कि ये ऐसे जनप्रतिनिधि रहे हैं जो कार्यकर्ता के लिये अधिकारियों से भिड़ जाते हैं।
जब संजीव ने कराया एहसास, इस पल का था चार महीने से इंतजार
शहर विधायक संजीव शर्मा ने एक तरह से अपना पदभार मयंक गोयल को सौंपा और अपने संबोधन में संजीव शर्मा ने जाते-जाते ये एहसास कराया। संजीव शर्मा ने माइक थामा और कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं, क्योंकि इस पल का इंतजार मैं चार महीने से कर रहा था। शहर विधायक संजीव शर्मा ने बताया कि मैंने अपने चुनाव के दौरान क्षेत्रीय अध्यक्ष से ये निवेदन किया था कि चुनाव के दौरान कार्यवाहक अध्यक्ष की व्यवस्था कर दी जाए, लेकिन ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे दोनों ही व्यवस्थाएं एक-साथ संभालने का मौका भी दिया। संजीव शर्मा ने कहा कि आज मैं बहुत खुद हूं क्योंकि महानगर अध्यक्ष की कमान एक जिम्मेदार व्यक्ति को दी गई है। संजीव शर्मा ने कहा कि अक्सर एक लंबी लाइन खींचने की बात हो रही है तो मैं इस पर कहना चाहता हूं कि मैंने कोई लंबी लाइन नहीं खींची है। बल्कि जो लाइन है उस लाइन को अब मयंक गोयल महानगर अध्यक्ष के रूप में आगे बढ़ाएंगे। मयंक गोयल ऊजार्वान नेता हैं और बेहतर वक्ता हैं।