
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के रूप में मंगलवार को विजेंद्र गुप्ता ने अपनी पहली प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पांच दिन तक चली सदन की कार्रवाई का लेखा जोखा रखा. उन्होंने बताया कि आठवीं विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी को शुरू हुआ और 03 मार्च, 2025 को सदन अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित हुआ. इन पांच बैठकों के दौरान कुल 18 घंटे 18 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली. पांच दिनों तक विभिन्न अवसरों पर कुल 126 बार सदस्यों ने सदन में अपने विचार व्यक्त किए. विधानसभा के पहले ही सत्र में इतने सदस्यों को बोलने का अवसर मिलना किसी रिकॉर्ड से कम नहीं है.
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि, ”सदस्यों ने पहले दिन 24 फरवरी, 2025 को शपथ ली. वरिष्ठ सदस्य अरविंदर सिंह लवली को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया. दिनांक 25 फरवरी, 2025 को उपराज्यपाल महोदय ने सदन को सम्बोधित किया तथा उन मुद्दों के बारे में व्याख्या की, जिन पर सरकार दिल्ली के विकास तथा लोगों की भलाई के लिए कार्य करेगी. उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव सदन में 28 फरवरी, 2025 को पारित किया गया.”
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आने वाले समय में सदन पूरी गरिमापूर्ण तरीके से चलेगा. विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि पिछली सरकार ने सदन का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में किया. सदन का सत्रावसान नहीं किया जाता था. सदन को बुलाने का तरीका भी गलत रहा. हम सत्रावसान नहीं करने की परंपरा को आज से खत्म करते हैं. अब नियमानुसार विधिवत रूप से विधानसभा के सत्रावसान होंगे.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्रावसान न होने का नुकसान ये होता है कि आपात स्थिति में सरकार कोई अध्यादेश नहीं ला सकती. अब ऐसा नहीं होगा. विपक्ष का रवैया शपथ ग्रहण के दिन ही बहुत गैरजिम्मेदाराना रहा. पहले ही दिन उन्होंने शपथ लेने के दिन ही हंगामा किया. चेयर चाहती तो उस दिन भी कार्रवाई हो सकती थी, लेकिन संयम बरता गया. अगले दिन फिर जब उपराज्यपाल के अभिभाषण में भी विपक्ष का दुर्भावनापूर्ण रवैया जारी रहा तो मजबूरन निलंबन की कार्रवाई करनी पड़ी, जो नहीं होना चाहिए था. पांच दिन में नियम 280 के तहत 242 मामले उठाए गए. इनको संबंधित विभाग को उत्तर देने के लिए भेज दिया गया है.
विजेंद्र गुप्ता ने ये भी कहा कि विधानसभा में जो भी सदस्य अब सवाल उठाएंगे वे सिर्फ सवाल उठाने तक सीमित नहीं रहेंगे. संबंधित विभाग से सदस्य को उस सवाल का उत्तर जरूर भेजा जाएगा, जिससे सदस्य को संतुष्टि मिले. अभी तक चले सदन में सभी को बोलने का मौका दिया. विपक्ष की तरफ से जितने नाम आए सभी को बुलवाया गया. सीएजी की रिपोर्ट जिसे सदन में बहुत पहले आ जाना चाहिए था. पिछले सदन में इस मांग को लगातार हम उठा रहे थे. सीएजी की रिपोर्ट पेश हुई है लेकिन ये अभी शुरुआत है इसे अंजाम तक पहुंचाया जाएगा. पीएसी 3 महीने में रिपोर्ट देगी. एक्शन टेकन नोट एक महीने में आ जाएगा. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. दोषियों को सजा देने की जिम्मेदारी सदन की है.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मैं ज्यादा से जायद सदस्यों से चर्चा में भाग लेने का आव्हान करता हूं. सोमवार को एक सदस्य ने सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई, उन पर कार्रवाई की गई. उन्होंने फिर सदन में माफी भी मांगी, अपना ट्वीट डिलीट किया. यह सदन के मजबूती की ओर बढ़ने का संदेश है.