
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद । भाजपा की राजनीति की बात करें तो यहां पर मुख्य संगठन के साथ-साथ मोर्चों की राजनीति का भी अपना ही एक अलग महत्व है। भाजपा की राजनीति में भाजपा युवा मोर्चा, भाजपा महिला मोर्चा, भाजपा ओबीसी मोर्चा और भाजपा किसान मोर्चा अहम जाने जाते हैं। महिला राजनीति की बात करें तो महिला मोर्चा को एक तरह से महिला राजनीति की प्रथम पाठशाला भी कहा जाता है। यहां से एक पहचान मिलती है और फिर राजनीति में मुख्य संगठन से लेकर चुनाव लड़ने तक का भी मौका मिलता है। अगर हम पुराने चेहरों की बात करें तो यहां पूर्व मेयर आशा शर्मा, मौजूदा मेयर सुनीता दयाल भी भाजपा के महिला मोर्चा का हिस्सा रही हैं। अब जब भाजपा में नए अध्यक्ष की घोषणा का इंतजार हो रहा है तो इसी के साथ ये भी इंतजार हो रहा है कि महानगर की टीम में किसे स्थान मिलेगा। वहीं एक चर्चा मुख्य संगठन में महिला को कमान दिये जाने की है। ऐसे में अब महिला मोर्चा की टीम भी चर्चा में हैं। संगठन घोषित होने के बाद जब मोर्चों के गठन की बारी आएगी तो क्या महिला मोर्चा में इस बार कोई नया चेहरा आएगा। इस मोर्चे की कमान के लिये जातीय समीकरण साधा जाएगा या वरिष्ठता को स्थान मिलेगा। सभी की नजर इस पर है।
महानगर अध्यक्ष पद के लिए आए थे 63 आवेदन और यहां रहेगा क्या सीन
भाजपा की महिला राजनीति पूरी तरह से एक्टिव मोड में रहती है। संगठन के आयाम, प्रकल्प और सभी फॉर्मेट के कार्यक्रम में महिला मोर्चा आगे रहता है। भाजपा में सक्रिय महिला नेताओं की कमी नहीं हैं। यहां ओबीसी वर्ग से भी नेता हैं तो सामान्य वर्ग से भी नेता हैं। यहां मंडल वाले भी दमखम रखते हैं और महानगर वाले भी दावेदारी में हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल ये है कि जब महिला मोर्चा का नंबर आएगा तो कितनी महिला नेता अध्यक्ष पद के लिये फ्रंट पर आएंगी। महानगर अध्यक्ष पद के लिये रिकॉर्ड नामांकन हुए थे। यहां महानगर अध्यक्ष पद की दावेदारी करने वालों का आंकड़ा 60 के पार हो गया था। ऐसे में क्या महिला मोर्चा की अध्यक्ष बनने के लिये ये आंकड़ा 30 तक पहुंचेगा। क्या कोई मंडल स्तर की महिला नेता महानगर की दावेदारी करेगी। क्या महानगर महिला मोर्चा की मौजूदा टीम के पदाधिकारी महानगर अध्यक्ष पद मांगेंगे। महानगर अध्यक्ष की घोषणा के साथ-साथ महिला मोर्चा की दावेदारी भी अंदरखाने चल रही है।
पूनम कौशिक, उदिता त्यागी के बाद अब किस चेहरे को मिलेगी कमान
भाजपा की महिला राजनीति में महानगर वाला ताज किसके सिर पर आएगा। यहां भाजपा ने पूनम कौशिक को महिला मोर्चा का महानगर अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद उदिता त्यागी को महानगर संयोजिका की कमान मिली। हालांकि ये इत्तेफाक ही रहा कि उदिता त्यागी का पूरा फोकस हिंदुत्व की ओर मुड़ गया और वो कुंभ मेले से लेकर देहात के मंदिरों तक लाइव करती दिखाई दीं। वहीं पूनम कौशिक बैकफुट पर नजर आर्इं। दोनों ही महिला नेता ऊजार्वान हैं, भाजपा की सक्रिय कार्यकर्ता हैं और हो सकता है कि उनकी अपनी प्राथमिकताएं रही हों। ऐसे में एक चर्चा ये है कि पूनम कौशिक और उदिता त्यागी के बाद अब यहां अध्यक्ष पद की कमान किसे मिलेगी। भाजपा इस मोर्चे के लिये ओबीसी कार्ड खेलेगी या फिर किसी अन्य फैक्टर पर विचार होगा। फिलहाल इंतजार हो रहा है।