
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। नगर निगम की संगम विहार, मरियमनगर और नंदग्राम क्षेत्र में 100 बीघा से अधिक भूमि पर भूमाफिया ने कब्जा कर लिया है, जिसकी कीमत करीब 500 करोड़ रुपये है। भूमाफिया ने निगम की भूमि में प्लॉटिंग कर करोड़ों रुपये कमा लिए। महापौर सुनीता दयाल ने सोमवार को स्थानीय पार्षदों और अधिकारियों के साथ नंदग्राम का निरीक्षण किया।
बंदरबाट करने वालों पर होगी FIR
इस दौरान उन्हें निगम की करोड़ों की भूमि की बंदरबाट का पता चला। इस पर उन्होंने मौके पर नंदग्राम थानाध्यक्ष को बुलाकर प्लॉट खरीदने वाले लोगों की ओर से भूमाफिया पर मुकदमा दर्ज कराने को कहा है। महापौर सुनीता दयाल ने बताया कि वार्ड छह की पार्षद छाया त्यागी के कहने पर वह नंदग्राम स्थित नगर निगम की भूमि को देखने अधिकारियों के साथ पहुंचीं।
खसरा नं. 207, 208, 172, 142, 167, 98, 95, 1082, 87, 88, 113, 117, 60 व 74 का निरीक्षण किया तो पता चला कि अधिकांश भूमि भूमाफिया के द्वारा बेच दी गई और अब वहा मकान बने हुए हैं। कुछ भूमि पर सब्जी उग रही है और कुछ किराए पर दी हुई है। जमीन के कुछ हिस्से पर पार्किंग बनाकर उगाही की जा रही थी तो कुछ कहीं झुग्गी डलवा कर वसूली चलती मिली।
भूमि लगभग 100 बीघा से अधिक होगी, जिसकी कीमत लगभग 500 करोड़ होगी। यह भूमि नंदग्राम से संगम विहार, राधा कुंज एवं सिहानी के जंगल की है। जिसमें मौके पर मकानों के कागज देखे तो पता चला कि रजिस्ट्री में खसरा नंबर कुछ और है और कब्जा नगर निगम की भूमि पर दिया है।
पूछताछ में सामने आए नाम
पूछताछ में भूमि बेचने वाले मुकेश त्यागी, अवधेश त्यागी, नंदू त्यागी, विनोद त्यागी, आरडी त्यागी, शिव कुमार त्यागी, धर्मपाल प्रजापति आदि के नाम सामने आए। महापौर सुनीता दयाल ने नंदग्राम थानाध्यक्ष को मौके पर बुलवाया और धोखाधड़ी के शिकार लोगों से तहरीर लेकर आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की बात कही। बताया कि जल्द भूमि को खाली कराया जाएगा।
सील भवन में चल रहा था हॉस्टल
कुछ माह पहले मरियमनगर में नगर निगम की 500 गज भूमि पर मकान बनाकर तैयार किया गया था, जिसमें नगर निगम ने आठ लोगों पर एफआईआर कराई थी और भवन की सील भी किया गया था। निरीक्षण के दौरान सील भवन में हॉस्टल चलता मिला और नगर निगम गाजियाबाद की संपत्ति लिखे बोर्ड को छिपा दिया गया।
महापौर ने मौके पर वीडियोग्राफी भी कराई और होस्टल संचालक को हॉस्टल खाली कराने को कहा गया। हास्टल के मालिक ईश्वर त्यागी, आयूब मालिक द्वारा बताए गए खसरा नंबर 133 व 134 हैं, जो नगर निगम का है। इन पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।