
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद पूर्ण बहुमत से वापसी के बाद नई भाजपा सरकार के गठन की तैयारियां चल रही हैं. अगले सप्ताह मुख्यमंत्री और मंत्रियों के शपथ लेने के साथ सरकार का गठन हो जाएगा. जिसके बाद नई सरकार के सामने चुनावी वादों को पूरा करने की चुनौती से पहले नए वित्त वर्ष के लिए विधानसभा में दिल्ली सरकार का बजट पेश करना होगा.
मुख्य सचिव को 100 दिनों का एजेंडा तैयार करने के आदेश
चुनाव नतीजे 8 फरवरी को आने के बाद भाजपा को पूर्ण बहुमत मिली है, नई सरकार के गठन और कामकाज संभालने से पहले ही दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार ने सभी विभागों के अधिकारियों को 100 दिनों के कामकाज का एजेंडा तैयार करने के आदेश दिए हैं. वहीं वित्त विभाग के सामने नई सरकार के मनमाफिक बजट तैयार करने की चुनौती है.
पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल ने दी जानकारी
दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल बताते हैं कि कोई भी नई सरकार जब काम संभालती है तो सबसे पहले सरकारी खजाने को ही देखा जाता है. दिल्ली में पहले विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर में होते थे. तब उसके बाद नई सरकार को नए वित्त वर्ष के लिए बजट तैयार करने का समय मिल जाता था. मगर वर्ष 2014 में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा था. जिसके बाद से विधानसभा चुनाव फरवरी में होने लगे. नई सरकार के गठन होने के तुरंत बाद विधानसभा में बजट भी पेश करना है ये एक बड़ा काम होता है, चूंकि चुनी हुई सरकार जो चुनावी वादे करती है, उसको भी लागू करना एजेंडे में सबसे ऊपर रहता है, और यह निश्चित तौर पर भाजपा की नई सरकार के सामने एक चुनौती होगी.
वित्त विभाग बजट की तैयारियों मेंं जुटा
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि वित्त विभाग एक तरफ तो नई सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले पहले बजट की तैयारियों मेंं जुटा है, वहीं दूसरी तरफ एक इंटरनल रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है, जिसके माध्यम से सरकार को दिल्ली की वित्तीय स्थिति से जुड़े हर पहलू से अवगत कराया जाएगा. वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अभी केवल दिल्ली की वित्तीय स्थिति पर एक आंतरिक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जो नई सरकार के समक्ष पेश की जाएगी.