
विशेष संवाददाता
मेरठ। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मेरठ निवासी पार्टी के नेता नितिन सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। वह पार्टी के सेंट्रल कॉर्डिनेटर, दिल्ली प्रदेश के प्रभारी समेत कई प्रदेशों के प्रभारी हैं। उन्हें पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ के साथ ही निष्कासित किया गया है। दोनों पर गुटबाजी का आरोप लगा है। उनके निष्कासन व आरोप से राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि दिल्ली चुनाव संपन्न होने पर आखिर निष्कासन क्यों किया गया। वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार में भी सक्रिय थे।
मंगल पांडे नगर निवासी नितिन एक बार मेरठ मंडल के भी कोर्डिनेटर रहे हैं। उनके नाना हस्तिनापुर के विधायक रहे हैं।
गुटबाजी के आरोप पर पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता
मायावती ने एक्स पर पोस्ट करके लिखा कि ‘चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि पार्टी की विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।’ इस पर नितिन ने कहा कि वह आरोपों पर कुछ नहीं कहना चाहते। पार्टी का आदेश सर्वोपरि है। वह पार्टी के मिशनरी सिपाही हैं इसलिए बाहर रहकर भी पार्टी की सेवा करते रहेंगे।
55 सीटों पर एक हजार से अधिक वोट नहीं पा सकी बसपा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा की बुरी तरह हार हुई है। 55 सीटों पर बसपा एक हजार वोट तक ही सिमट गई। कई सीटों पर वह एआइएमआइएम से भी पिछड़ गई। बसपा को 0.58 प्रतिशत वोट मिला है।
मायावती ने ट्वीट कर दी जानकारी
मायावती ने ट्वीट कर लिखा, ‘बीएसपी की ओर से ख़ासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डा अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद व श्री नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।’
कौन हैं अशोक सिद्धार्थ
अशोक सिद्धार्थ मायावती के बेहद करीबी और खास माने जाते थे। वह कायमगंज (फर्रुखाबाद) के निवासी हैं। मायावती के कहने पर ही उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी थी और बसपा में शामिल हो गए थे। हालांकि इस सरकारी सेवा के दौरान भी वह बामसेफ से जुड़े रहे थे। वहीं, डॉ. सिद्धार्थ की पत्नी सुनीता सिद्धार्थ वर्ष 2007 से लेकर 2012 तक राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं।