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आप सरकार की दोटूक- दिल्ली में नहीं लागू होगी आयुष्मान भारत स्कीम, हाई कोर्ट में दिया जवाब

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के शोर-शराबों के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) हाई कोर्ट में दो-दो हाथ कर रही है। मामला है दिल्ली में केंद्र की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) लागू नहीं करने का। दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को बताया है कि वह केंद्र की इस मुफ्त चिकित्सा योजना को दिल्ली में लागू नहीं करेगी। सरकार का तर्क है कि ऐसा करने से दिल्ली की मौजूदा स्वास्थ्य योजनाएं कमजोर पड़ जाएंगी और दिल्लीवासियों को राज्य सरकार की योजनाओं के ‘बेहतर’ लाभों से वंचित होना पड़ेगा। इस मामले में भाजपा के सात विधायकों ने AB-PMJAY को लागू करने के लिए याचिका दायर की थी, जिसके जवाब में आप सरकार ने यह हलफनामा दाखिल किया है।

मुफ्त इलाज योजना पर तू-तू, मैं-मैं

एबी-पीएमजेएवाई एक स्वास्थ्य बीमा योजना है जो सूचीबद्ध अस्पतालों के माध्यम से प्रत्येक परिवार को ₹5 लाख का अस्पताल देखभाल कवरेज प्रदान करती है। बीजेपी और आप इस मुद्दे पर आमने-सामने हैं। भाजपा नेताओं का आरोप है कि दिल्ली सरकार केंद्र की योजना के तहत मिलने वाले प्रमुख स्वास्थ्य लाभों से दिल्लीवासियों को वंचित कर रही है। आप का दावा है कि दिल्ली आरोग्य कोष योजना (DAK) जैसी उसकी मौजूदा स्वास्थ्य योजनाएं इलाज खर्चों पर बिना किसी सीमा के अधिक व्यापक कवरेज प्रदान करती हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे बीजेपी सांसद

यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है। AAP सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि 2018 में शुरू की गई PMJAY योजना दिल्ली के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि यह पुराने डेटा और अनुमानों पर आधारित है। आप का कहना है कि PMJAY से दिल्ली की केवल 12% से 15% आबादी को ही लाभ होगा, जबकि अधिकांश लोग स्वास्थ्य लाभों से वंचित रह जाएंगे। सरकार ने दावा किया कि AB-PMJAY से उसके मौजूदा कार्यक्रमों को बदलने से दिल्लीवासियों को नुकसान होगा क्योंकि उन्हें मिलने वाली सेवाओं और सुविधाओं में कमी आएगी। हलफनामे में कहा गया है, ‘अगर दिल्ली में पहले से मौजूद योजनाओं को केंद्र सरकार की योजना से बदल दिया जाता है, तो यह दिल्ली के निवासियों के लिए नुकसानदायक होगा क्योंकि विभिन्न सुविधाएं, सेवाएं और अन्य स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा जिनका दिल्ली के नागरिक लाभ उठा रहे हैं, उनसे छीन लिया जाएगा और वे अपने लाभों से वंचित रह जाएंगे।’

हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार की दोटूक

आप सरकार ने यह भी कहा कि संघीय ढांचे में अगर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मौजूदा व्यवस्था बेहतर है, तो वे केंद्रीय नीतियों को लागू करने के लिए बाध्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के मामले में हमारा स्वास्थ्य सेवा ढांचा कहीं बेहतर है, और AB-PMJAY को अपनाना एक कदम पीछे हटना होगा।’ आप ने आरोप लगाया कि यह याचिका राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक लाभ हासिल करना है। उन्होंने कहा, ‘याचिकाकर्ता प्रमुख विपक्षी दल के राजनीतिक व्यक्ति हैं। यह योजना लंबे समय से लागू है और इसे लागू करने में उनकी अचानक रुचि आगामी चुनावों से उपजी है।’ यह 52 पन्ने का हलफनामा हर्ष मल्होत्रा सहित सात भाजपा विधायकों द्वारा पीएमजेएवाई स्कीम को लागू करने के लिए दायर याचिका के जवाब में दायर किया गया था।

हाई कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार के रुख पर जताई चिंता

भाजपा विधायकों का पक्ष रख रहे अधिवक्ता सिद्धेश शिरिश कोतवाल ने तर्क दिया कि दिल्ली एकमात्र केंद्र शासित प्रदेश है जहां AB-PMJAY लागू नहीं किया गया है, जिससे निवासियों को देश के अन्य हिस्सों में उपलब्ध लाभों से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने दलील दी कि इस योजना को लागू करने में विफलता ने उन लोगों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा विकल्पों के बिना छोड़ दिया है जो केंद्र के शहरी लाभार्थी मानदंडों के तहत योग्य हैं। पिछली सुनवाई में, हाईकोर्ट ने केंद्र की सहायता को स्वीकार करने में दिल्ली सरकार की अनिच्छा पर चिंता व्यक्त की थी, खासकर राज्य के सीमित स्वास्थ्य संसाधनों को देखते हुए। अदालत ने टिप्पणी की, ‘यह अजीब है कि दिल्ली अपने स्वास्थ्य सेवा तंत्र के लिए पैसे न होने के बावजूद केंद्र से सहायता लेने से इनकार कर रही है।’ जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने कहा कि दिल्ली देश का हिस्सा है और अलग-थलग काम नहीं कर सकती। सोमवार को सूचीबद्ध इस मामले को याचिकाकर्ताओं को जवाब देने के लिए समय देते हुए 11 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

दिल्ली सरकार के अपने तर्क

आप ने कहा कि स्वास्थ्य नीति और सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा पूरी तरह से राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। उन्होंने तर्क दिया, ‘सिर्फ इसलिए कि केंद्र राष्ट्रीय शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, उसे स्वास्थ्य सेवा पर राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों की नीतियों को निर्देशित करने का अधिकार नहीं देता है।’ हलफनामे में दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवा में पिछली सफलताओं, जैसे मोहल्ला क्लीनिक और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाओं तक मुफ्त पहुंच पर प्रकाश डाला गया। इसमें दोहराया गया कि AB-PMJAY का कठोर ढांचा और अपर्याप्त कवरेज वर्तमान में निवासियों को उपलब्ध उच्च-गुणवत्ता वाली देखभाल को कमजोर कर देगा।

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