विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 के तारीखों की घोषणा के बाद चुनावी सरगर्मी बढ़ने लगी है. आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज को मुख्यमंत्री आवास के बाहर पुलिस ने रोक दिया है. दोनों नेता भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों की सच्चाई जांच करने के लिए सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास जा रहे थे. पुलिस ने रास्ते में बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया, जिसके चलते दोनों नेताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई.
संजय सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी का झूठ पूरे देश के सामने उजागर हो गया है. मुख्यमंत्री आवास में न तो सोने का टॉयलेट है, न स्विमिंग पूल है और न ही मिनी बार. अब हम मोदी जी का राजमहल देखने जा रहे थे, लेकिन वहां भी पुलिस ने रोक दिया.” सौरभ भारद्वाज ने पुलिस से सवाल करते हुए कहा, “अगर LG ने रोकने के निर्देश दिए हैं, तो स्पष्ट बताइए. अन्यथा हमें अंदर जाने दीजिए. इस बार दिल्ली का चुनाव मुख्यमंत्री आवास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजमहल के मुद्दे पर होगा.”
धरने पर बैठे आप नेता: पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद, संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज ने मौके पर ही धरना देना शुरू कर दिया. इस दौरान आप नेताओं ने भाजपा पर झूठ फैलाने और दिल्ली पुलिस पर सत्ताधारी दल के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है.
सिसोदिया ने किया BJP पर हमला
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “गाली-गलौच पार्टी के नेता लगातार चिल्ला रहे थे कि अरविंद केजरीवाल जी ने मुख्यमंत्री आवास में स्विमिंग पूल बनवा दिया है, सोने के टॉयलेट लगवा दिए हैं, मिनी बार बनवा दिया है. इनके इस झूठ को उजागर करने जब संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज मीडिया के साथ आगे बढ़े, तो झूठे प्रोपेगैंडा की पोल खुलने के डर से दिल्ली पुलिस को आगे कर उनका रास्ता रुकवा दिया.”
“अगर मीडिया के सामने यह पोल खुल जाती कि मुख्यमंत्री आवास पर कोई स्विमिंग पूल, सोने के टॉयलेट या मिनी बार नहीं हैं, तो भाजपा का झूठ बेनकाब हो जाता. यही वजह है कि पुलिस ने रास्ता रोकने का काम किया है.”-मनीष सिसोदिया
भाजपा का AAP पर आरोप
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है, “शीला दीक्षित ने 15 साल तक इसी आवास से सरकार चलाई, जो आतिशी को आवंटित किया गया है, तो आतिशी को ‘शीश महल’ क्यों चाहिए और जब इसे आवंटित किया जा रहा था, तो उन्होंने 3 महीने से कार्यभार क्यों नहीं संभाला? ऐसा इसलिए था क्योंकि इसकी जांच हो रही थी और सीएम को सहयोग करना होगा, जो आतिशी नहीं चाहती थीं और अब जब आचार संहिता लागू हो गई है, तो इसकी मांग की जा रही है. जब संजय सिंह, सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया जमानत मिलने के बाद वहां गए थे या जब स्वाति मालीवाल पर हमला हुआ था, तब मीडिया को ‘शीश महल’ क्यों नहीं दिखाया गया?. यह आवास (एबी-17, मथुरा रोड) आतिशी को कालकाजी के साथ आवंटित किया गया है, उन्हें कितने बंगले चाहिए?.
वीरेंद्र सचदेवा ने ये भी कहा; ”केजरीवाल ने एक बार भी ‘शीश महल’ को सीएम आवास घोषित नहीं किया. संजय सिंह को राहुल गांधी से पूछना चाहिए कि 7, लोक कल्याण मार्ग पर ‘राज महल’ क्यों बनाया गया, जबकि हर प्रधानमंत्री, चाहे वह राजीव गांधी, नरसिम्हा राव, चंद्रशेखर हों, वी.पी. सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी या मनमोहन सिंह और अब मोदी वह (प्रधानमंत्री आवास) सरकार द्वारा वित्तपोषित आवास है, जबकि पीडब्ल्यूडी ने ‘शीश महल’ के लिए धन देने से इनकार कर दिया, इसलिए हम जवाब मांग रहे हैं कि यह धन कहां से आया? अरविंद केजरीवाल 5, फिरोज शाह रोड के अवैध कब्जेदार हैं ”
राजनीतिक बयानबाजी तेज
बता दें, इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में गर्मी ला दी है. आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. आगामी चुनावों में यह मुद्दा कितना बड़ा रूप लेगा, यह देखने वाली बात होगी. दिल्ली में मतदान 5 फरवरी और मतगणना 8 फरवरी को की जाएगी.