विशेष संवाददाता
गाजियाबाद । इंदिरापुरम योजना के 50,893 भवन स्वामी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को मेंटेनेंस चार्ज दबाए बैठे हैं। इन भवन स्वामियों पर वर्ष 2023-24 को 95.42 करोड़ रुपया बकाया है। इंदिरापुरम योजना का रखरखाव करने के जीडीए मेंटेनेंस चार्ज यानि अनुरक्षण शुल्क वसूलता था, जिसमें पानी, सीवर, सड़क पार्क आदि का टैक्स शामिल किया गया था। बकाया की पूरी डिटेल जीडीए ने अब नगर निगम की सौंप दी है। बकाया वसूली के लिए नगर निगम जल्द ही भवन स्वामियों को नोटिस जारी करेगा। बता दें कि इंदिरापुरम योजना गाजियाबाद नगर निगम को हैंड ओवर हो चुकी है, धीरे- धीरे तमाम जिम्मेदारियां जीडीए से नगर निगम को ट्रांसफर हो रही हैं।
बकाएदारों को नोटिस जारी करेगा निगम
वसुंधरा जोन प्रभारी सुनील राय ने बताया कि शुक्रवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने बकायदारों की सूची गाजियाबाद नगर निगम को सौंप दी है। अब बकाया वसूली के लिए गाजियाबाद नगर निगम की ओर से इन भवन स्वामियों को नोटिस जारी किए जाएंगे। नगर निगम नोटिस अपने कर्मचारियों के जरिए घर- घर तक पहुंचाएगा। नोटिस के बाद भी यदि कोई बकाएदार मेंटेनेंस शुल्क जमा नहीं कराएगा तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अब मेटेंनेंस चार्ज नहीं प्रोपर्टी टैक्स कहिए
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण इंदिरापुरम योजना का रखरखाव करने के लिए मेंटनेंस चार्ज वसूलता था, लेकिन अब रखरखाव नगर निगम को करना है और नगर निगम मेंटेनेंस चार्ज नहीं बल्कि प्रोपर्टी टैक्स वसूलता है। उसी में भवन कर, पानी, सीवर, सड़क आदि का टैक्स शामिल होते हैं। यानि इंदिरापुरम वाले भी केवल एक मद (प्रोपर्टी टैक्स) में पैसा देंगे। इसी पैसे से गाजियाबाद नगर निगम रखरखाव का काम करता है।
185 करोड़ से होंगे विकास कार्य
इंदिरापुरम योजना के साथ गाजियाबाद नगर निगम को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से 185 करोड़ रुपये की राशि भी मिली है। यह राशि इंदिरापुरम में विकास कार्यों पर खर्च होगी। इंदिरापुरम में सबसे बड़ी समस्या सीवर की है। जीडीए ने नगर निगम को 50 करोड़ रुपये की राशि सड़कों के निर्माण और इतनी ही राशि नाले नालियों के निर्माण के लिए देने की बात तय की है। यह पैसा किश्तों में नियमित अंतराल पर देना तय हुआ है। नगर निगम जल्द ही विकास कार्य शुरू करने की तैयारी कर रहा है।