
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद । बढ़ते साइबर फ्रॉड से बचने का एक ही उपाय है, वह है जागरुकता। हम जागरुक होंगे तो कोई भी स्कैमर हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। इसलिए आप आंख और कान खोलकर रखें, आपके आसपास जो घटित हो रहा है, उसके बारे में जानें ताकि अपराधी उसी घिसे पिटे तरीके से आपको शिकार न बना सके। यह बातें एडीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद ने कहीं। उन्होंने बताया कि जागरुकता के अभाव में आए दिन साइबर फ्रॉड हो रहे हैं। गाजियाबाद पुलिस लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक कर रही है। इसके लिए सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से एक वीडियो क्लिप चलाई रही है ताकि लोग अवेयर हो सकें और स्कैमर्स का शिकार बनने से बच सकें।
स्कैमर पुलिस की वर्दी में करते हैं डिजिटल अरेस्ट
सिनेमाघरों में स्क्रीन पर दिखाई जा रही वीडियो क्लिप में एक स्कैमर पुलिस की वर्दी में दिखता है। वह लैपटॉप के जरिए वीडियो कॉल करता है और एक महिला को धमकाता है कि आपके बेटे के पार्सल में यह ड्रग्स मिली हैं। इस बीच वह एक पाउच भी उठाकर दिखाता है। महिला का बेटा गिड़गिड़ाता हुआ कहता है कि सर ये पार्सल मेरा नहीं है। स्कैमर कड़क आवाज में धमकाते हुए कहता है, पुलिस को वाले को झूठ बोलते हो, अब तुम्हे पुलिस स्टेशन भी आना पड़ेगा और उसके बाद जेल। इस बीच वह हथकड़ी भी दिखाता है और मां-बेटे को ‌डिजिटल अरेस्ट करते हुए कहता है, या तो जेल जाओ, या पैसे दो। इतने में महिला के पति आ जाते हैं और धमकाते हुए कहते हैं कि अब इंडिया जानता है कि स्कैम कॉल्स में कभी ड्रग्स और कभी किडनैपिंग का बहाना बनाकर पैसे लूटते हो, इतना सुनते ही स्कैमर कॉल डिस्कनेक्ट कर देता है।
विदेश में नौकरी के नाम पर हो रहे फ्रॉड
एडीसीपी सच्चिदानंद ने बताया कि गाजियाबाद पुलिस की पहल पर सिनेमाघरों में चल रही एक वीडियो क्लिप यह भी बताती है कि विदेश में अच्छी नौकरी के लिए आने वाली कॉल साइबर फ्रॉड का हिस्सा हो सकती है। एडीसीपी बताते हैं कि फर्जी एजेंट इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं, इसलिए विदेश में नौकरी के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा वेरिफाइड एजेंसी को ही चुनें। एजेंसी के बारे में पूरी जानकारी कर लें और विदेश में नौकरी दिलाने वाली फर्जी कॉल्स की जानकारी 1930 डायल करके दें। इसके अलावा रिवार्ड्स के नाम पर भी साइबर फ्रॉड से सतर्क करने के लिए वीडियो क्लिप सिनेमाघरों में दिखाई जा रही है।
रिवार्ड्स के नाम पर ऐसे होता है साइबर फ्रॉड
अचानक आपको एक अंजान नंबर से कॉल आएगी, किसी सरकारी विभाग को नाम लेकर आपके लिए रिवार्ड्स की जानकारी दी जाएगी, रिवार्ड्स के लालच में आप खुश हो जाओगे, आपको मोबाइल पर एक लिंक भेजा जाएगा, उस पर बिना सोचे क्लिक करते ही फंस जाओगे और आपका मोबाइल हैक हो जाएगा और स्कैमर आपके ओटीपी और दूसरी जरूरी जानकारी लेकर आपके बैंक अकाउंट में सेंध लगा दें। इतने में आकाशवाणी होती है कि मिस्टर स्कैमर फंसोगे और पकड़े भी जाओगे। कोई भी गवर्नमेंट बॉडी रिवार्ड के लिए कोई कॉल लिंक नहीं भेजती। स्कैमर्स के घिसे पिटे तरीके अब नहीं बनेंगे डिस्ट्रेक्शन, स्टॉप थिंक टेक एक्शन।
कोई एजेंसी नहीं करती डिजिटल अरेस्ट
एडीसीपी बताते हैं कि कोई भी एजेंसी या पुलिस किसी को डिजिटल अरेस्ट नहीं करती और न ही अपराध होने पर ऐसे कॉल करके धमकाती है। असल में डिजिटल अरेस्ट आपके डर के अलावा कुछ नहीं होता। इसलिए ऐसी कॉल आने पर बिल्कुल न डरें। अपने नजदीकी पुलिस थाने या फिर साइबर सेल को सूचित करें अन्यथा 1930 नंबर पर कॉल करके अपने साथ हुई घटना के बारे में तत्काल बताएं, या फिर www.cybercrime.com.gov.in पर रिपोर्ट करें।