विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव दिल्ली के सातों सांसदों की भी ‘अग्निपरीक्षा’ होंगे। दिल्ली में सभी सातों सांसद बीजेपी के हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी की तरफ से इनसे कहा गया है कि उनकी लोकसभा सीट पर पड़ने वाली सभी 10 विधानसभाओं की जिम्मेदारी उनकी है। दिल्ली का नतीजा एक तरह से सांसदों की परफॉर्मेंस का भी टेस्ट होगा।
अब दिल्ली जिताने की भी जिम्मेदारी
सूत्रों के मुताबिक जब ये सांसद चुनाव जीतकर आए थे और इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, तब ही सांसदों से कह दिया गया था कि पार्टी उन्हें जिताकर लोकसभा तक लाई है और अब दिल्ली में बीजेपी को लाना आपकी जिम्मेदारी है। पार्टी के सभी सांसद अपने-अपने एरिया में रणनीति बनाने में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी में अभी कैंडिडेट सिलेक्शन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन कैंडिडेट के चयन के पहले दावेदारों को लेकर सांसदों की राय भी ली जाएगी।
बीजेपी के एक नेता ने कहा कि अभी एक सीट पर 10 से 15 दावेदार सामने आ रहे हैं। पहले इन्हें शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और फिर जो टॉप 3-4 दावेदार होंगे, उनका फीडबैक कई स्तर पर लिया जाएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राय तो ली ही जाएगी। साथ ही संघ से जुड़े संगठन भी अपना फीडबैक देंगे। संघ के अलग-अलग संगठन अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं। उनकी राय का मतलब होगा कि अलग-अलग क्षेत्र में दावेदार को लेकर क्या सोच है, उसका पता लग जाएगा।
एंटी इनकंबेंसी पर भरोसा
बीजेपी इस चुनाव में एंटी इनकंबेंसी पर भरोसा कर रही है। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि हमारा पूरा फोकस इस पर है कि हम हर विधानसभा में वहां की दिक्कतों को हाइलाइट करें। लोगों को बताएं कि उनके क्षेत्र में क्या दिक्कतें हैं और वह किस वजह से हैं। बीजेपी नेता के मुताबिक अगर हम लोगों को यह समझाने में सफल हो गए कि उनके इलाके की हालत आम आदमी पार्टी के राज में खराब हुई है। सड़कों से लेकर सीवर और पानी की दिक्कतों के लिए आम आदमी पार्टी जिम्मेदार है, तो यही बीजेपी की जीत की वजह बनेगी। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि इसलिए हम माइक्रो स्तर पर मुद्दों को देख रहे हैं और उन्हें बड़े स्तर पर उठाएंगे।