विशेष संवाददाता
बंगलुरु । यह शाश्वत सत्य है कि पाप का घड़ा आज नहीं तो कल फूटता जरूर है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के भी बरसों पुराने ‘पाप’ अब सबके सामने आने लगे हैं। यही वजह है कि सिद्धारमैया की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले पा रही हैं। करोड़ों के घोटाले में लोकायुक्त, ईडी की जांच और कोर्ट के कोड़े के बाद अब सिद्धारमैया के खिलाफ एक और नई शिकायत हुई है। उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने पत्नी को 14 बेशकीमती प्लॉट दिलाने में ही अहम भूमिका नहीं निभाई, बल्कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) के इस करोड़ों के घोटाले में जब अंगुलियां उनकी ओर उठने लगीं तो मुख्यमंत्री ने सबूतों को भी नष्ट कराने की अहम कोशिश की। प्रदीप कुमार नाम के व्यक्ति ने प्रवर्तन निदेशालय को लेटर लिखकर यह शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने सिद्धारमैया व अन्य के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के लिए जांच और मामला दर्ज करने की मांग की है। शिकायत में मुख्यमंत्री के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया का भी नाम है। इस शिकायत के बाद सीएम के साथ ही उनके पुत्र भी ईडी के रडार पर आ गए हैं।
सीएम के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया की भी 14 साइटों के अवैध अधिग्रहण में भूमिका
प्रदीप ने सत्ता का दुरुपयोग कर 14 साइटों को अवैध रूप से हासिल करने का आरोप लगाया गया है। ईडी को 2 अक्टूबर को लिखे पत्र में प्रदीप कुमार ने दावा किया, “सिद्धारमैया ने 8 जून 2009 से 12 मई 2013 के बीच और फिर 10 अक्टूबर 2019 से 20 मई 2023 के बीच कर्नाटक विधानसभा में विपक्षी दल के नेता के रूप में कार्य किया। सिद्धारमैया 13 मई 2013 से 15 मई 2018 के बीच कर्नाटक के सीएम भी थे। सिद्धारमैया के साथ-साथ उनके बेटे यतींद्र सिद्धारमैया, जिन्होंने 12 मई 2018 से 13 मई 2023 के बीच विधानसभा सदस्य के रूप में वरुणा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था, ने भी अपने माता-पिता सिद्धारमैया और पार्वती सिद्धारमैया के व्यक्तिगत आर्थिक लाभ के लिए अपने सार्वजनिक पद का दुरुपयोग करके गंभीर अपराध किया है।” उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल से भी सिद्धारमैया द्वारा कानून के प्रावधानों के विपरीत 14 साइटों के अवैध अधिग्रहण के बारे में शिकायत की थी।
सीएम MUDA के अधिकारियों का इस्तेमाल करके सबूतों को नष्ट कर रहे
ईडी को भेजे शिकायती पत्र में उन्होंने आगे कहा है, “इस बीच सिद्धारमैया अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल कर रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर रहे हैं और खुद के साथ-साथ MUDA के अधिकारियों का इस्तेमाल कर सबूतों को नष्ट कर रहे हैं।” इससे पहले कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा, जो MUDA घोटाले में याचिकाकर्ता हैं, गुरुवार को बेंगलुरु में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश हुए। उन्होंने कहा कि MUDA मामले में हजारों करोड़ रुपये शामिल हैं। ED ने उन्हें तलब किया और कथित MUDA घोटाले से संबंधित सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड पेश करने को कहा। यह कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ ED को की गई उनकी ईमेल शिकायत के संबंध में है।
सीएम MUDA के अधिकारियों का इस्तेमाल करके सबूतों को नष्ट कर रहे
ईडी को भेजे शिकायती पत्र में उन्होंने आगे कहा है, “इस बीच सिद्धारमैया अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल कर रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर रहे हैं और खुद के साथ-साथ MUDA के अधिकारियों का इस्तेमाल कर सबूतों को नष्ट कर रहे हैं।” इससे पहले कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा, जो MUDA घोटाले में याचिकाकर्ता हैं, गुरुवार को बेंगलुरु में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश हुए। उन्होंने कहा कि MUDA मामले में हजारों करोड़ रुपये शामिल हैं। ED ने उन्हें तलब किया और कथित MUDA घोटाले से संबंधित सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड पेश करने को कहा। यह कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ ED को की गई उनकी ईमेल शिकायत के संबंध में है।
कर्नाटक में जमीनों के खेल में किए गए पाप होने लगे उजागर
अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पर भी जमीनों के खेल में ईडी शिकंजा कसती जा रही है। दिग्गज कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के दबाव में मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से उनकी पत्नी ने उस जमीन के बदले मैसूर के पॉश इलाके में 14 प्लॉट हासिल कर लिए, जो कानूनन उनकी थी ही नहीं। इस जमीन घोटाले मामले में मैसूर लोकायुक्त ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने 30 सितंबर को इन सभी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ईडी की जांच से डरी सिद्धारमैया की पत्नी बीएन पार्वती अब MUDA को 14 विवादित प्लॉटों को वापस करने जा रही हैं। इससे यह अपने-आप ही साबित हो रहा है कि उन्होंने न सिर्फ घोटाला किया है, बल्कि अपनी गंभीर गलती मान भी ली है।
उस जमीन के बदले 14 प्लॉट दिए, जो कानूनन सीएम की पत्नी की नहीं थी
आइये पहले जानते हैं कि मूडा (MUDA) का यह मुद्दा असल में क्या है। दरअसल, कई साल पहले अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीनें ली थी। इसके बदले MUDA ने 50:50 की स्कीम दी। इसके तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50 प्रतिशत साइट या एक वैकल्पिक साइट देने का प्रावधान किया गया। आरोप है कि MUDA ने 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में 3.16 एकड़ जमीन के बदले मैसुरु के एक पॉश इलाके में 14 साइट्स आवंटित की। इन साइट्स की कीमत पार्वती की जमीन की तुलना में की गुना ज्यादा थी। सबसे बड़ी बात तो यह कि इस 3.16 एकड़ जमीन पर भी पार्वती का कोई कानूनी अधिकार ही नहीं था। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही सिद्धारमैया की पत्नी को प्लॉट आवंटन दे दिया।
गवर्नर ने दिए जांच के आदेश, सिद्धारमैया की याचिका हाईकोर्ट में खारिज
इस करोड़ों के घोटाले का खुलासा एक्टिविस्टों के माध्यम से हुआ। कर्नाटक के एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा ने आरोप लगाया था कि CM ने MUDA अधिकारियों के साथ मिलकर 14 महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल किया। इन लोगों का आरोप है कि MUDA में 5 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इधर राज्यपाल ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 218 के तहत सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी थी। CM ने 19 अगस्त को इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 24 सितंबर को हाईकोर्ट ने MUDA स्कैम में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश को बरकरार रखा। जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने राज्यपाल के आदेश के खिलाफ सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, ‘याचिका में जिन बातों का जिक्र है, उसकी जांच जरूरी है। केस में मुख्यमंत्री का परिवार शामिल है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।’
ये रही सीएम सिद्धारमैया पर लगे इन आरोपों की फेहरिस्त
सिद्धारमैया की पत्नी को MUDA की ओर से मुआवजे के तौर पर मिले विजयनगर के प्लॉट की कीमत कसारे गांव की उनकी जमीन से बहुत ज्यादा है।
स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। इसमें उन्होंने सिद्धारमैया पर MUDA साइट को पारिवारिक संपत्ति का दावा करने के लिए डॉक्युमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है।
1998 से लेकर 2023 तक सिद्धारमैया कर्नाटक में डिप्टी CM या CM जैसे प्रभावशाली पदों पर रहे। इसलिए उनके इस घोटाले से जुड़े होने की संभावना बहुत ज्यादा हैं। उन्होंने अपनी पावर का इस्तेमाल कर करीबी लोगों की मदद की।
सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने साल 2004 में डिनोटिफाई 3 एकड़ जमीन अवैध रूप से खरीदी थी। 2004-05 में कर्नाटक में फिर कांग्रेस-JDS गठबंधन की सरकार में सिद्धारमैया डिप्टी CM थे।
योजना के तहत, जिन लैंड ओनर्स की भूमि MUDA द्वारा अधिग्रहित की गई है। उन्हें मुआवजे के रूप में वैकल्पिक साइटें आवंटित की गई हैं। साथ ही रियल एस्टेट एजेंट्स को भी इस स्कीम में जमीन दी गई है।
भूमि आवंटन घोटाले का खुलासा एक RTI एक्टिविस्ट ने करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में 50:50 योजना के तहत 6,000 से अधिक साइटें आवंटित की गई हैं।