विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। राजधानी को नशे नाम के ‘दैत्य’ से बचाने की कोशिश में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में एक बड़े ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने 6,500 करोड़ रुपये के कीमत की कोकीन महरौली से जब्त करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार भी किया। उन चारों आरोपियों में से एक इस सिंडिकेट का सरगना तुषार गोयल भी शामिल है। जिनसे पूछताछ के दौरान बहुत बड़ा खुलासा हुआ है।
दिल्ली में दबे पांव चल रहे इस नशे के गोरखधंधे का यूके कनेक्शन निकला है। दरअसल दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गुरुवार को यूके निवासी जितेंद्र प्रीत गिल को गिरफ्तार किया है। गिल पर बुधवार को पकड़े गए कोकीन तस्करी गिरोह में शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने बताया कि गिल अंतरराष्ट्रीय बाजार में 6,500 करोड़ रुपये कीमत की कोकीन की बिक्री की निगरानी के लिए यूके से भारत आया था। गिल ने खुलासा किया कि ड्रग्स की डिलीवरी एक ऐप के जरिए की जाती थी।
तुषार गोयल से पूछताछ के दौरान गिल की भूमिका सामने आई। पुलिस ने सबसे पहले गोयल द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर शहर के एक होटल में छापेमारी की। हालांकि, तब तक गिल फरार हो चुका था। पुलिस ने बुधवार को ही उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करवा लिया था। पता चला कि गिल अमृतसर भाग गया था और देश छोड़ने वाला था, लेकिन वहां एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन के दौरान उसे पकड़ लिया गया। दिल्ली पुलिस की एक टीम बुधवार रात अमृतसर पहुंची और गिल को हिरासत में ले लिया। उसे गुरुवार रात दिल्ली लाया गया।
पूछताछ के दौरान, गिल ने खुलासा किया कि वह और दुबई स्थित वीरू नाम का व्यक्ति दो अन्य विदेशी खिलाड़ियों के साथ मिलकर इस सिंडिकेट को चला रहे थे। चूंकि इस बार की खेप बहुत बड़ी थी, इसलिए वीरू ने गिल को दिल्ली जाने को कहा था। पुलिस ने कहा कि गिल का सामना पुलिस रिमांड पर गोयल से कराया जाएगा। उसके बाद इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।
पुलिस अब गोयल के नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि गोयल कांग्रेस से जुड़ा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमें ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनसे पता चलता है कि वह 2022 में भारतीय युवा कांग्रेस के सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ का अध्यक्ष था। इस संबंध में एक नियुक्ति पत्र भी बरामद हुआ है, साथ ही नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें भी मिली हैं जिनमें वह उनके साथ दिखाई दे रहा है। हालांकि कांग्रेस ने गोयल के साथ संबंधों से इनकार किया है और कहा है कि उसे दो साल पहले पार्टी से निकाल दिया गया था।
दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स गिरोह के हैंडलर समेत चार सदस्यों को रिमांड पर लेकर एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं कि विदेश से किस रूट से कोकेन भारत लाया गया था। इस ड्रग्स तस्करी गिरोह के रूप में अब वीरू का नाम मास्टरमाइंड के रूप में सामने आ रहा है। इधर दुबई से कारोबार चलाने और मुंबई के रहने वाले भरत कुमार जैन के दिल्ली से पकड़े जाने पर स्पेशल सेल को शक है कि इनके तार मुंबई की डी कंपनी से भी जुड़े हो सकते हैं।
माना जा रहा है कि दुबई डी कंपनी का सेफ जोन है। डायरेक्टरेट आफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) के अधिकारी भी इनसे पूछताछ करेंगे। गुरुवार को आईबी की टीम ने नार्को टेरर और दुबई कनेक्शन पर तुषार गोयल से लंबी पूछताछ की, क्योंकि वही लगातार दुबई में वीरू से संपर्क में था।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ माह पहले केंद्रीय एजेंसियां जब थ्रीमा एप पर हो रही कुछ संदिग्ध बातचीत की निगरानी कर रही थीं, तब उन्हें इस ड्रग्स गिरोह का पता चला था। दुबई में रहने वाले वीरू की मुंबई के एक व्यक्ति के साथ ब्रिटिश राक बैंड को लेकर बात हो रही थी। उस बातचीत को लगातार इंटरसेप्ट करने पर जांच एजेंसी को कोकेन की तस्करी किए जाने का पता चला।