विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। हिंदी भवन में मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान के कार्यक्रम के दौरान यति नरसिंहानंद के बयान से पूरे देश में हड़कंप मच गया है। सिहानीगेट कोतवाली पुलिस ने मामले के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद गुरुवार शाम एफआईआर दर्ज की। अब तमाम मुस्लिम संगठन महामंडलेश्वर और डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। स्थिति यह है कि X; पर # arrest_Narsighanand अरेस्ट नरसिंहानंद ट्रेंड कर रहा है। मामले में मसूरी थाना पुलिस को भी तहरीर दी गई है।
गिरफ्तारी की मांग ने जोर पकड़ा
गाजियाबाद के अलावा श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यदि नरसिंहानंद के खिलाफ मुंबई में भी एफआईआर दर्ज हुई है। असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग की है। पार्टी का कहना है अपमान हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। उनके लिए हम सब कुछ कुर्बान कर सकते हैं।
इस बयान पर मचा बवाल
29 सितंबर को हिंदी भवन में कार्यक्रम के दौरान यति नरसिंहानंद ने कहा था कि हम कभी धर्म से नहीं बंधे, जो राष्ट्र की बात करते हैं तो उनके पास न कोई देश है, न राष्ट्र। जो धर्म के लिए मर मिटने के लिए तैयार रहते हैं उनके देख लो कितने राष्ट्र हैं। दशहरा आ रहा है, हम फिर मेघनाथ को जलाएंगे जबकि उसके जैसे चरित्र वाला दूसरा आदमी इस धरती पर पैदा ही नहीं हुआ। कुंभकरण को जलाते हैं, जबकि उसके जैसा वैज्ञानिक नहीं हुआ। रावण ने एक छोटा सा अपराध किया था, हम उसी के पुतले जलाए जा रहे हैं। उन्होंने रावण की तुलना करते हुए कहा कि अब तो ऐसे – ऐसे अपराधी हो गए हैं कि रावण से बहुत आगे निकल गए। एक नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि अबकी बार उसके पुतले जलाओ।
यति के खिलाफ प्रयागराज से भी उठी आवाज
प्रयागराज से खबर है कि मुस्लिम तंजीमो के द्वारा भी यति की गिरफ्तारी न होने पर डीजीपी कार्यालय पर प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है। यति के भाषण वाला 29 सितंबर का वीडियो सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। हजारों लोग गाजियाबाद से यति की गिरफ्तारी की मांग सोशल मीडिया के जरिए कर रहे हैं।
अकसर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती कौन हैं ? अब तक उनके बहुत सारे बयानों पर बवाल मच चुका है। शिवशक्ति धाम डासना के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के खिलाफ भी गैरमर्यादित बयान दे चुके हैं। मौजूद केंद्र और राज्य सरकार पर भी वह अकसर हमलावर होते रहे हैं। डासना मंदिर में प्रवेश के दौरान एक बच्चे की पिटाई के बाद भी महंत काफी दिनों तक मीडिया की सुर्खियों में रहे थे। वह धर्मांतरण को लेकर भी अकसर पर तीखे बयान देते रहे हैं।
विवादों से पुराना नाता, 2022 में गिरफ्तारी
एक बार दिल्ली में प्रशासन की अनुमति के बिना आयोजित हिंदू महापंचायत में यति नरसिंहानंद ने कथित तौर पर हिंदुओं को अपना अस्तित्व बचाने के लिए हथियार उठाने की नसीहत दे डाली थी। इसके अलावा दिल्ली के प्रेस क्लब में विशेष धर्म को लेकर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी भी चर्चाओं में रही थी। हरिद्वार में 2022 में आयोजित धर्म संसद में विवादित बयान देने पर यति नरसिंहानंद सरस्वती की गिरफ्तारी हुई थी।
जानिए कैसे मेरठ के किसान परिवार में जन्मा दीपक त्यागी संत बन गया, मास्को में की इंजीनियरिंग की पढ़ाई
1969 में मेरठ जनपद के एक किसान परिवार में जन्मे यति नरसिंहानंद सरस्वती का असली नाम दीपक त्यागी था। हापुड़ के ताराचंद इंटर कॉलेज से शुरूआती पढ़ाई पूरी कर वह 1989 में केमिकल टैक्नोलॉजी की पढ़ाई करने मास्को चले गए थे। उन्होंने मास्को में 1994 में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और वहीं नौकरी करने लगे, लेकिन 1997 में मां के बीमार पड़ने पर वह स्वदेश लौट आए और यहीं के होकर रह गए। उसी दौरान भाजपा नेता स्वर्गीय बीएल शर्मा के संपर्क में आने से उनके जीवन में बड़ा मोड़ आया और उसके बाद उन्होंने परिवार छोड़ दिया। वे बीएल शर्मा को अपना गुरु मानते हैं। उन्हीं की प्रेरणा के बाद यति नरसिंहानंद की सोच बदली और सांसारिक जीवन छोड़कर भगवा चोला धारण कर लिया था। यति नरसिंहानंद को अखिल भारतीय संत परिषद का राष्ट्रीय संयोजक भी बताया जाता है। साथ ही वह हिंदुओं के सबसे बड़े जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भी हैं। हिंदू स्वाभिमान संसथा के अलावा वह धर्म सेना का गठन भी कर चुके हैं। धर्म सेना का गठन महंत ने हिंदु युवाओं को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के लिए किया था। सांसारिक जीवन छोड़कर संन्यासी जीवन अपनाते हुए उन्होंने अपना नाम दीपक त्यागी से बदलकर दीपेंद्र नारायण सिंह रख लिया था। उसके कुछ दिन बाद उन्होंने फिर से अपना नाम बदल लिया और यति नरसिंहानंद हो गए। 2007 से वह गाजियाबाद के डासना मंदिर के पीठाधीश्वर हैं और हिंदुओ के सबसे बड़े संप्रदाय माने जाने वाले जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भी हैं। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर