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तिरुपति के लड्डुओं में चर्बी के आरोपों पर बढ़ा विवाद, प्रह्लाद जोशी बोले- गहन जांच कराएंगे

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। तिरुपति के लड्डुओं में पशु चर्बी के इस्तेमाल के दावों के बाद विवाद लगातार गहराता जा रहा है। अब केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा तिरुपति के लड्डुओं में पशु चर्बी के इस्तेमाल के संबंध में लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की है। बता दें कि सीएम नायडू के इन दावे से श्रद्धालुओं में चिंता पैदा हो गई है।

मामले की होगी गहरी जांच- खाद्य मंत्री

वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन के अवसर पर संवाददाताओं से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, आंध्र के मुख्यमंत्री ने जो कुछ भी कहा है, वह गंभीर चिंता का विषय है। विस्तृत जांच की आवश्यकता है और दोषी को दंडित किया जाना चाहिए। बता दें कि, बुधवार को एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान नायडू ने दावा किया कि पिछली वाई एस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने तिरुपति मंदिर को भी नहीं बख्शा। पिछली सरकार में लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया।

गिरिराज सिंह ने की फांसी की मांग

वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि तिरुपति प्रसादम मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है। सीबीआई को जांच करनी चाहिए कि प्रसादम में इस्तेमाल होने वाले घी पर कितना पैसा खर्च हुआ? गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि, इसकी भी जांच होनी चाहिए कि क्या हिंदू धर्म को खत्म करने की साजिश की जा रही थी? जो लोग दोषी हैं उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये मामला सिर्फ घोटाले का नहीं है। आंध्र की वाईएसआर सरकार ने बड़े स्तर पर हिंदुओं का धर्मांतरण करवाने का काम किया था।

टीडीपी प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई थी लैब रिपोर्ट

टीडीपी के प्रवक्ता ए वेंकट रमण रेड्डी ने गुरुवार को अमरावती में एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया था कि, श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाली संस्था तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में मिलावट की पुष्टि हुई है। ये जांच गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा की गई है।

प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान टीडीपी प्रवक्ता ने प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाई थी। जिसमें कथित तौर पर दिए गए घी के नमूने में “बीफ टैलो”, “लार्ड” और “मछली का तेल” मौजूद होने की पुष्टि की गई थी। घी के नूमने 9 जुलाई, 2024 को लिए गए थे और प्रयोगशाला रिपोर्ट 16 जुलाई को सामने आई थी। हालांकि, आंध्र प्रदेश सरकार या टीटीडी की ओर से प्रयोगशाला रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। वहीं दूसरी ओर वाईएसआरसीपी नेताओं ने आरोपों से इनकार किया है।

 

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