विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। इस्लामी आतंकी संगठन के प्रभाव वाले देश लेबनान में बीते तीन दिनों से लगातार धमाके हो रहे हैं। सबसे पहले यह धमाके हिजबुल्लाह आतंकियों पेजर डिवाइस में हुए। इसके बाद इन धमाकों का सिलसिला वॉकी-टॉकी से होते हुए सोलर पैनल और दफ्तरों में लगने वाली बायोमीट्रिक मशीनों तक पहुँच गया। लेबनान में हो रहे इन धमाकों के पीछे क्या कारण है, यह अभी तक साफ़ नहीं हो पाया है।
हालाँकि, शक की सुई पूरी तरह से इजरायल की खुफिया एजेंसियों की तरफ जा रही है। बताया जा रहा है कि इजरायल की खुफिया एजेंसियों ने लेबनान के भीतर फटने वाली मशीनों में विस्फोटक भरे हुए थे। इस काम को इजरायल की किस किस एजेंसी ने किया यह साफ़ नहीं है लेकिन इस बीच इजरायली सेना की 8200 यूनिट की चर्चा हो रही है।
क्या है इजरायल की यूनिट 8200?
जिस यूनिट 8200 पर बात हो रही है, वह इजरायल की सेना का हिस्सा है। यह इजरायली सेना के इंटेलिजेंस डायरेक्टरेट के अंतर्गत आती है। इसके अलावा दो और यूनिट इसके अंतर्गत काम करती है। यूनिट 8200 का मुख्य फोकस तकनीक होती है। यह खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और उस पर एक्शन लेने के तकनीकी एंगल पर काम करती है।
यूनिट 8200 मात्र खुफिया जानकारी इकट्ठा ही नहीं करती बल्कि वह टूल्स भी बनाती हैं जो इसमें काम आते हैं। इसके अलावा यह साइबर युद्ध और टेलीकम्यूनिकेशन जैसी तकनीकों में भी माहिर है। हमेशा पर्दे के पीछे रह काम करने वाली यह एजेंसी सामान्य फोन की बातचीत से लेकर जटिल कम्प्यूटर वाली तकनीकों को हैक करने में सक्षम मानी जाती है।
लेबनान हमले के मामले में यूनिट 8200 का नाम इसलिए आया है क्योंकि ऐसी तकनीकी क्षमता इसी के पास है। बताया जा रहा है कि लेबनान में हुए धमाकों की प्लानिंग में यह ख़ुफ़िया एजेंसी शुरूआती दिनों से जुड़ी हुई थी। कथित तौर पर इसका काम इन पेजरों और बाकी मशीनों में विस्फोटक को रखना था।
लेबनान मु हुए धमाकों में हिजबुल्लाह को बड़ा नुकसान हुआ है, उसने इन धमाकों की पूरी जिम्मेदारी इजरायल पर ही डाली है। हालाँकि, इजरायल और उसकी सेना ने इन धमाकों के बारे में अभी चुप्पी साध रखी है, उसने इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की है।
टेक एक्सपर्ट होते हैं भर्ती
चर्चाओं में बनी इजरायल की यह यूनिट 8200 बड़ी संख्या में टेक एक्सपर्ट भर्ती करती है। यह यूनिट मेधावी युवाओं को भर्ती करती है जो साइबर या कम्प्यूटर की फील्ड के विद्वान होते हैं। इसके अलावा गणित जैसे विषयों के विशेषज्ञ भी भर्ती किए जाते हैं। उन लोगों को टीम में जगह दी जाती है जो इजरायल की बड़ी आईटी कम्पनियों में ऊँचे पदों पर रहे होते हैं।
इनका काम नई तकनीकों की खोज करना और दुश्मनों की तकनीकों को काटने वाले टूल खोना तथा लीक से हटकर सोचना होता है। इसके कई पुराने सदस्य बताते हैं कि यह यूनिट एक स्टार्टअप की तरह काम करती है और। हालाँकि, इसके सैनिक जमीन पर लड़ने के लिए भी भेजे जा सकते हैं।
इस यूनिट में करने वाले लगातार दुश्मनों के फोन, कम्प्यूटर समेत बाकी डिवाइस से जानकारी इकट्ठा करने के लिए काम करते हैं। इसके अलावा दुश्मन देशों की साइबर तकनीक को मात देना भी इनके एजेंडे में शामिल होता है। इस यूनिट का हाथ कई बड़े साइबरअटैक में बताया जाता है।
जबरदस्त है यूनिट 8200 का ट्रैक रिकॉर्ड
इजरायल की इस यूनिट के नाम कई कारनामे हैं। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बर्बाद करने में इस यूनिट की बड़ी भूमिका मानी जाती है। बताया जाता है कि इसने Struxnet नाम का एक वायरस बनाया था। इस वायरस के जरिए इस यूनिट ने ईरान के परमाणु संयत्रों पर हमला किया।
यह वायरस परमाणु संयत्रों में लगे सेंट्रीफ्यूज को अंदर से ही जला देता था। इसकी जानकारी लम्बे समय तक ईरान को नहीं हो पाई। सेंट्रीफ्यूज किसी भी परमाणु प्रोग्राम का प्रमुख हिस्सा होते हैं क्योंकि जरिए ही परमाणु पदार्थों जैसे यूरेनियम को विस्फोटक स्तर पर लाया जाता है।
इसके अलावा इस 8200 यूनिट ने 2018 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से ऑस्ट्रेलिया जा रहे एक विमान को ISIS से हाइजैक होने से बचाया था। बताया गया था कि इस विमान पर ISIS हमला करता उससे पहले ही ऑस्ट्रेलिया की पुलिस को यह सूचना 8200 यूनिट ने दे दी और यह घटना टल गई।
लेबनान में अफरातफरी का माहौल
जहाँ एक ओर इजरायल इस हमले को लेकर शांत है, वहीं लेबनान के भीतर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। लेबनान के भीतर अलग-अलग तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों में हुए धमाकों ने हिजबुल्लाह की चूलें हिला दी हैं। हिजबुल्लाह के सारे संचार माध्यम तबाह हो गए हैं। हिजबुल्लाह इसे खुद ही बड़ी चूक मान रहा है।
लेबनान में पेजरों में हुए धमाकों के बाद जिन लोगों की मौत हुई थी, उनके जनाजों में भी धमाके हो गए। यह धमाके वायरलेस में हुए। धमाके कैसे किए गए, इसमें क्या तकनीक उपयोग में लाई गई, इसका कुछ साफ पता अभी भी नहीं लग सका है। हिजबुल्लाह ने इजरायल से बदला लेने की बात कही है।