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रियल एस्टेट कंपनी के घोटाले में ईडी छापे से सामने आया मायावती के करीबी पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह का एक और कारनामा

12 करोड़ रुपये का हीरा, 7 करोड़ के आभूषण, लाखों की नकदी ने खोली पूर्व नौकरशाह के भ्रष्टाचार की पोल

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। नोएडा में लग्जरी फ्लैट बनाने वाली कंपनी के लोटस 300 प्रोजेक्ट में निवेशकों से धोखाधड़ी की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार शहरों दिल्ली, मेरठ, चंडीगढ़ और गोवा में 11 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी । छापे में कंपनी के कई अन्य प्रोजेक्ट में नियम विरुद्ध निवेश के प्रमाण मिले हैं। ईडी ने सभी ठिकानों से संदिग्ध दस्तावेज, बैंक खातों से जुड़ी जानकारी, कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि कब्जे में लिए हैं। छापे की कार्रवाई के दौरान रिटायर्ड आईएएस और नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित कोठी पर भी रेड हुई। इस दौरान ईडी की टीम को उनके आवास से 1 करोड़ रुपये कैश, 12 करोड़ रुपये के हीरे, 7 करोड़ रुपये के सोने के जेवरात सहित संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं।

1978 बैच के आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह तत्कालीन सीएम मायावती के वह बहुत करीबी थे। मायावती सरकार में उनकी गितनी यूपी के सबसे ताकतवर तीन अधिकारियों में होती थी। 31 जुलाई 2012 को वह रिटायर हुए। मायावती शासन में उनकी तू-ती बोलती थी। यही कारण था कि उन्‍हें एक समय में नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी का सीईओ बनाया गया था। इसके अलावा वह तीनों विकास प्राधिकरणों के भी चेयरमैन रहे थे। पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह पर मायावती सरकार के दौरान हुए 9000 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले में भी सीधे तौर पर शामिल होने के आरोप हैं। इस घोटाले में भूमि आवंटन का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए होने के आरोप लगे।

मोहिंदर सिंह पर आम्रपाली और सुपरटेक सहित कई बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों की मदद करने का भी आरोप है। सुपरटेक ट्विन टावर घोटाले में भी मोहिंदर सिंह समेत 11 अधिकारी दोषी पाए गए थे। इस मामले में कुल 26 अधिकारियों पर आरोप लगे थे जिनमें से 20 अधिकारी रिटायर हो चुके हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारीयों ने लोटस 300 प्रोजेक्ट मामले में नोएडा, मेरठ, दिल्ली और चंडीगढ़ में की गई छापेमारी की जानकारी देते हुए कई खुलासे किए हैं। बता दें कि लोटस 300 प्रोजेक्ट में 300 करोड़ रुपये का घोटाला था। इस मामले में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामले की जांच कर रही है। यह जमीन हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल) को लोटस 300 परियोजना को विकसित करने के लिए दी गई थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने घोर लापरवाही के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण को फटकार भी लगाई थी।

साल 2018 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नोएडा के सेक्टर 107 में लोटस 300 प्रोजेक्ट के मामले में रियल एस्टेट कंपनी 3सी के तीन डायरेक्टर निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह और विदुर भारद्वाज को गिरफ्तार किया था। साल 2018 में 24 मार्च को होम बायर्स की शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस के अनुसार बायर्स से प्रोजेक्ट में 636 करोड़ रुपये लिए गए थे, जिसमें से करीब 191 करोड़ की रकम 3सी कंपनी की सब्सिडरी कंपनी में ट्रांसफर की गई, जिनका कंस्ट्रक्शन से कोई लेना-देना नहीं था। बाद में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जाँच शुरू की थी।

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