विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । सिविल लाइन जोन ने लोकसभा चुनाव की व्यवस्था में लगी एजेंसी के खर्च का भुगतान करने के लिए फाइल तैयार कर सिविक सेंटर भेजी थी। सिविक सेंटर में बैठे अधिकारियों ने जब फाइल पर नजर डाली तो बिल देखकर वे हैरान रह गए। बिल की धनराशि तीन करोड़ के करीब थी। इलेक्शन का काम देख रहे सीनियर अधिकारियों ने सिविल लाइन जोन के अधिकारियों से पूछा कि इतना बिल कैसे बैठ गया? फाइल में लगाए गए बिल आदि को सही करने की हिदायत के साथ फाइल वापस जोन भेज दी गई। सूत्रों का कहना है कि हेड ऑफिस से दूसरी बार फाइल पर आब्जेक्शन लगाया गया है।
क्या है मामला?
एमसीडी को हर चुनाव के दौरान लगभग 30-35 करोड़ रुपये का फंड मिलता है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी लगभग इतना ही फंड मिला था। इस फंड का इस्तेमाल पोलिंग बूथ पर चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने पर किया जाता है।
3 करोड़ के करीब कैसे पहुंच गया बिल?
सूत्रों ने बताया कि सिविल लाइन जोन ने लोकसभा चुनाव से पहले एमसीडी के इलेक्शन का जो बिल बनाकर भेजा था वह 1.25 करोड़ के करीब था। लोकसभा चुनाव में यह बिल 3 करोड़ के करीब कैसे पहुंच गया सीनियर अधिकारियों के यही बात गले नहीं उतर रही है। अधिकारियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में भीष्ण गर्मी पड़ रही थी। इसके लिए अतिरिक्त टेंट और पीने के पानी पर अधिक धनराशि खर्च हुई, लेकिन फिर भी इतनी धनराशि खर्च नहीं हो सकती। इसलिए फाइल वापस जोन भेजी गई है।