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शिमला में मस्जिद में अवैध निर्माण पर हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन पर तोड़फोड़, लाठीचार्ज, पानी की बौछार

विशेष संवाददाता

शिमला । शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद परिसर में अवैध निर्माण को लेकर बुधवार को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने करीब 5:30 घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस कर्मियों से झड़प भी हुई. प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद की ओर मार्च करते हुए, ‘हिमाचल ने ठाना है, देवभूमि को बचाना है’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे लगाए. इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की, जिसे लोगों ने तोड़ दिया और आगे बढ़ने लगे. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन चलाया और लाठीचार्ज किया.

यह मार्च शिमला के संजौली इलाके में स्थित एक मस्जिद में अतिरिक्त मंजिलों के कथित अवैध निर्माण के विरोध में बुलाया गया था. इस मुद्दे पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें शांतिपूर्वक और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना अपना विरोध जाहिर करना चाहिए. सीएम सुक्खू ने यह भी कहा था कि संजौली मस्जिद में कथित अवैध निर्माण के मुद्दे की सुनवाई स्थानीय नगरपालिका अदालत कर रही है और कानून अपना काम करेगा. हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विवादित मस्जिद का मामला कोर्ट में है. अगर निर्माण अवैध पाया गया तो उसे ढाहाया जाएगा.

मस्जिद का विस्तार करने के ​उद्देश्य से इसके परिसर में 2007 के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ था. साल 2010 में मस्जिद को अवैध बताते हुए इसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. हालांकि, पिछले 14 वर्षों में मस्जिद पर चार नई मंजिलें जोड़ी गईं. नगर निगम द्वारा इस मामले की 44 बार सुनवाई की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. पिछले महीने कुछ लोगों के एक समूह ने दावा किया कि उनकी जमीन पर मस्जिद का विस्तार किया जा रहा है और इसे लेकर दो समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई. इस विवाद के बाद यह पांच मंजिला मस्जिद स्थानीय और राजनीतिक चर्चा के केंद्र में आई.

गत 30 अगस्त को अल्पसंख्यक समुदाय के आधा दर्जन लोगों ने कथित तौर पर मल्याणा इलाके में व्यापारी यशपाल सिंह और कुछ अन्य पर रॉड और लाठियों से हमला किया, जिसमें से चार घायल हो गए. व्यवसायी यशपाल सिंह कथित तौर पर शिमला के पास कसुम्पटी विधानसभा के मल्याणा के रहने वाले हैं. गुलनवाज (32), सारिक (20), सैफ अली (23), रोहित (23), रिहान (17) और समीर (17) और रिहान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पांच आरोपी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं, जबकि रिहान देहरादून का रहने वाला है.

हमले के बाद हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन

हिंदू संगठनों ने पिछले हफ्ते हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पास स्थित चौरा मैदान में मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया. लोग संजौली के बाहर के इलाके मल्याणा में इकट्ठा हुए. उनका दावा था कि मस्जिद की चार मंजिलें अवैध हैं. 10 साल हो गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने अवैध मस्जिद को तुरंत ढहाने की मांग की. हिमाचल की कांग्रेस सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी आरोप लगाया कि संजौली में मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया है. उन्होंने इसके निर्माण की जांच की मांग की.

कांग्रेस नेता मस्जिद को बताया अवैध निर्माण

कांग्रेस नेता अनिरुद्ध सिंह ने कहा, ‘बिना मंजूरी के निर्माण शुरू कर दिया. यह एक अवैध ढांचा था. पहले, एक मंजिल बनाई गई, फिर बाकी मंजिलें बनाई गईं. संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है. चोरियां हो रही हैं. झगड़े हो रहे हैं. लव जिहाद एक और गंभीर मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है और यह हमारे देश और राज्य के लिए खतरनाक है. मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है और मामला पिछले 14 साल से अदालत में विचाराधीन है.’ हालांकि, अनिरुद्ध सिंह के बयान का खुद उनकी पार्टी के कुछ विधायकों ने विरोध किया.

अनिरुद्ध सिंह के बयान का कांग्रेस में विरोध

मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि इलाके में कोई तनाव नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मस्जिद मूल रूप से 1960 से पहले बनाई गई थी और 2010 में वक्फ बोर्ड की जमीन पर तीन अतिरिक्त मंजिलें अवैध रूप से जोड़ी गईं.’ हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी अनिरुद्ध सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने आश्चर्य जताते हुए पूछा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार चला रही है या कांग्रेस? उन्होंने अपने X हैंडल से अनिरुद्ध सिंह के भाषण का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘हिमाचल की मोहब्बत की दुकान में सिर्फ नफरत है! इस वीडियो में हिमाचल के मंत्री बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं.

विक्रमादित्य ने कही उचित कार्रवाई की बात

हालांकि, कांग्रेस नेता और हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने ओवैसी के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें मुद्दे का राजनीतिकरण न करने की सलाह दी. विक्रमादित्य सिंह ने लिखा, ‘शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद मामले में हर कार्रवाई कानून के मुताबिक की जाएगी. हिमाचल प्रदेश में कानून का राज है और यहां हर कार्य कानून के मुताबिक होता है. यहां सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं है.’ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से कहा कि राज्य के सभी निवासियों के समान अधिकार हैं और वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा, ‘शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति है लेकिन किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

 

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