विशेष संवाददाता
गाजियाबाद । हत्या-लूट, चोरी और हत्या के प्रयास समेत अन्य अपराधों में लिप्त रहने वाले चार और अपराधियों को गुंडा घोषित कर गाजियाबाद पुलिस ने छह माह के लिए जिला बदर कर दिया है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ADCP) दिनेश कुमार पी ने बताया कि कोर्ट में दो दिन तक की गई सुनवाई के बाद उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम-1970 के अंतर्गत हत्या एवं हत्या के प्रयास, लूट, चोरी, नकबजनी, धोखाधडी, अवैध शस्त्र, गैंगस्टर एक्ट, गौवध, पशु क्रूरता, बलवा, छेड़खानी, अपहरण और जबरन वसूली आदि अपराधों में लिप्त चार अभियुक्तों को गुंडा घोषित कर छह माह के लिए जनपद की सीमाओं से बाहर रहने के आदेश पारित किए गए।
ये किए गए जिला बदर
कविनगर थानाक्षेत्र के रजापुर गांव निवासी मनीष उर्फ मंगल पुत्र जगपाल को के खिलाफ 15 मामले थाना कविनगर में और चार मामले थाना मधुबन- बापूधाम में और एक मामला मसूरी थाने में दर्ज है। मनीष को एडीसीपी न्यायालय से छह माह के लिए जिला बदर किया गया है। इसके अलावा टीला मोड़ थानाक्षेत्र से शाने आलम उर्फ शानू पुत्र मोहम्मद आकिल निवासी गरिमा गार्डन, खोड़ा थानाक्षेत्र से वसीम सिद्दीकी पुत्र बाबू सिद्दीकी, निवासी खोड़ा और मुरादनगर थानाक्षेत्र से सद्दाम पुत्र अख्तर निवासी बस्ती पठानान मोहल्ला, मुरादनगर को भी छह माह के लिए जिला बदर किया गया है। शाने आलम के खिलाफ 17, वसीम सिद्दीकी के खिलाफ 14 और सद्दाम के खिलाफ 11 मुकदमें दर्ज हैं।
वर्ष- 2024 में अब तक 462 जिला बदर हुए
एडिशनल पुलिस कमिश्नर (एडीसीपी) गाजियाबाद दिनेश कुमार पी. ने बताया कि वर्ष 2024 में अब जिले में कुल 462 बदमाशों को गुंडा घोषित कर जिला बदर किया जा चुका है। इसके अलावा 99 शातिर बदमाशों को रोजाना स्थानीय थाने में हाजिरी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। एडीसीपी ने बताया कि इन जिला बदर किए गए गुंडों का जनता में इतना भय व्याप्त है कि कोई भी व्यक्ति इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का साहस नहीं जुटा पाता है। जिला बदर किए जाने से आमजन में भयमुक्त, अपराधमुक्त और शांतिपूर्ण माहौल होने का विश्वास पैदा होगा।