विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। इस साल जनमाष्टमी का महोत्सव 26 अगस्त को मनाया जाएगा. बाजार सज गए हैं. कान्हा जी की ड्रेस उनके श्रृंगार, उनके आभूषण लगभग सभी सामान बाजारों में मिल रहा है. देश-दुनिया में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को मानने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. मंदिरों में चमकदार लाइट लगी है. बाजारों में भगवान कृष्ण की नई-नई वैराइटी की पोशाक मिल रही है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने भगवान श्री कृष्ण की पोशाकों को नया रूप दिया है. इस बार बाजार में कई ऐसे ग्राहक दिखाई दे रहे हैं, जो इंस्टाग्राम की रील्स या सोशल मीडिया पर मौजूद फोटो देखकर दुकानदारों से भगवान की नई डिजाइन की पोशाक डिमांड कर रहे हैं. चांदनी चौक में स्थित किनारी बाजार में भगवानों की पोशाकों के खरीददार बड़ी संख्या में मार्केट पहुंच रहे हैं.
दुकानदारों के मुताबिक पिछले तीन-चार साल से सोशल मीडिया के माध्यम से लोग नए ट्रेंड की पोशाकें मांगते हैं. इसे देखते हुए नई और आकर्षक पोशाकें बेचनी शुरू की हैं.
मंदिर के पुजारी भी खरीद रहे कान्हा की ट्रेंडी ड्रेस
जन्माष्ठमी के पर्व की तैयारियां जोरों पर है। भगवान श्री कृष्ण के भक्तों ने घरों से लेकर मंदिरों को सजना शुरू कर दिया है। कई पुजारी भी मंदिरों में स्थापित भगवान की मोहक मूर्ति के लिए भी बड़े साइज की पोशाक खरीदने पहुंच रहे हैं.
किनारी बाजार में मौजूद शिवम पोशाक के मालिक मनीष शर्मा ने बताया कि दुकान पर भगवान श्री कृष्ण और उनके बाल रूप लड्डू गोपाल की कई पोशाकें मौजूद हैं. वैसे तो उनकी दुकान पर सभी भगवानों की हर साइज की पोशाक है लेकिन पिछले तीन सालों से भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पोशाकों की डिमांड काफी बढ़ गई है. उनके पास कई ऐसे ग्राहक आते हैं जो इंस्टाग्राम पर मौजूद रील्स और फोटो दिखा करके नई पोशाकें मांगते हैं. वह हर बार कोशिश करते हैं कि रील और ट्रेंडिंग के आधार पर पोशाकें खरीद कर दुकान पर बेचने के लिए रखें. दुकान पर बिकने वाली लड्डू गोपाल जी की सभी साइज की पोशाकों को उनके कारीगर तैयार करते हैं.
मनीष आगे बताते हैं कि वर्तमान में सबसे ज्यादा ग्राहक घरों में छोटे लड्डू गोपाल की पोशाकों की डिमांड करते हैं. इसमें दो नंबर से लेकर पांच नंबर तक की साइज की पोशाकें सबसे ज्यादा बिक रही हैं. मंदिरों में विराजित श्री कृष्ण की बड़ी मूर्ति के लिए लोग बड़े साइज की पोशाक लेकर जाते हैं. भगवान श्री कृष्ण के भक्त चाहते हैं कि वह हर बार जन्माष्टमी के पर्व पर भगवान को नई और आकर्षक पोशाकें पहनाएं. देशभर से ग्राहक किनारी बाजार आते हैं. इस बार बाजार में गोल्ड और डायमंड जैसी दिखने वाली जूलरी भी मौजूद है जो ग्राहकों को काफी पसंद आ रही है.
वहीं दुकानदार मनीष ने ये भी बताया कि इस बार बाजार में ईडी की जूलरी आई है. इसको डिजाइन देखने में ओरिजिनल गोल्ड और डायमंड की तरह लगती है। वही वही बाजार में ऐसी महिला ग्राहक भी आती है जो इंस्टाग्राम से नई फोटो और ट्रेंडिंग की जूलरी निकाल कर लाती हैं और दुकान पर आकर बिल्कुल वैसी ही जूलरी की डिमांड करती हैं. उनके भक्ति भाव को देखते हुए प्रयास किया गया इंस्टाग्राम फेसबुक वह अन्य सोशल मीडिया पर दिखाई जाने वाली भगवान की पोशाक और ज्वेलरी को दुकान पर लाया जाए, ताकि चांदनी चौक आने वाला कोई भी ग्राहक निराश न हो.
क्या कहते हैं ग्राहक
किनारी बाजार में अपने नन्हें लड्डू गोपाल के लिए पोशाक खरीदने आई एक महिला ने बताया कि वह हर बार प्रयास करती हैं कि जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण को नए कपड़े पहनाए. इसकी तैयारी वह हफ्ते भर पहले से शुरू कर देती हैं. इस बार भी उन्होंने भगवान के लिए एक नई पोशाक खरीदी है. इसके अलावा वह कुछ नए जेवर और सजावट के सामान खरीदेंगी. ताकि वह जन्माष्टमी को पर्व को धूमधाम से मना सके.
गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहने वाली उषा ने बताया कि वह भगवान सोसाइटी में स्थापित श्री कृष्ण की बड़ी प्रतिमा के लिए पोशाकें खरीदें आई हैं. इससे पहले 22 जनवरी को जब देशभर में राम जन्मभूमि अयोधया में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित हुआ था, तब भी उन्होंने मंदिर में मौजूद सभी भगवानों को नई पोशाकें पहनाई थी.
वहीं हरियाणा के पानीपत जिले से आए एक मंदिर के पुजारी ने बताया कि वह हर बार किनारी बाजार से भगवान श्री कृष्ण व अन्य भगवानों की पोशाक लेकर जाते हैं. इस बाजार में मंदिर की सजावट का सामान और पोशाकें काफी सस्ती और सुंदर बिकती हैं. इस बार उन्होंने बाजार से भगवान श्री कृष्ण की विशाल प्रतिमा के लिए पगड़ी और मुकुट भी खरीदा है. पुजारी का मानना है कि चाहे जन्माष्टमी हो या कोई विशेष पर्व, वह हर बार यह कोशिश करते हैं कि मंदिर में मौजूद सभी भगवानों को नई पोशाक पहनाई जानी चाहिए.
गौरतलब है कि हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस बार 26 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. अष्टमी तिथि का आरंभ 26 अगस्त को सुबह 03 बजकर 39 मिनट से होगा और 27 अगस्त को सुबह 02 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी.