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पंजाब में विहिप नेता विकास बग्गा हत्याकांड में हथियार सप्लायर गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस और एनआईए को मिली बड़ी कामयाबी, बब्बर खालसा के दो आतंकियों की तलाश जारी

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मिलकर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पंजाब में विश्व हिंदू परिषद के नेता की हत्या मामले में शामिल एक हथियार सप्लायर को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी पंजाब और मध्य प्रदेश पुलिस की मदद से की गई। गिरफ्तार आरोपी का नाम धर्मेंद्र कुमार उर्फ कुणाल है, और वह 22 साल का है।

अप्रैल में वीएचपी नेता की हत्या से जुड़े हैं तार

विहिप नेता विकास बग्गा

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पी. एस. कुशवाह ने बताया यह मामला पंजाब के नंगल में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नंगल इकाई के अध्यक्ष विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हत्या से जुड़ा है। विकास बग्गा की 13 अप्रैल 2024 को नंगल, पंजाब में उनकी मिठाई की दुकान पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। शुरुआत में यह मामला पंजाब के रूपनगर जिले के थाना नंगल में FIR नंबर 44/24 के तहत दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए, मई 2024 में इसे एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया। एनआईए ने इस मामले में अपनी जांच शुरू की और धर्मेंद्र कुमार उर्फ कुणाल को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला था कि विदेश में बैठे खालिस्तानी आतंकियों ने इस घटना को प्लान किया था।

विदेश में रहने वाले खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर कुमार उर्फ ​​सोनू के निर्देश पर हथियार शूटरों को सप्लाई किए गए थे। शूटरों की पहचान मंदीप कुमार उर्फ ​​मंगली और सुरिंदर कुमार उर्फ ​​रीका के रूप में हुई है, जो दोनों पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर के निवासी हैं। उन्हें 16 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

वहीं, दो अन्य आरोपियों बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के गुर्गों हरजीत सिंह उर्फ ​​लाधी निवासी नवांशहर पंजाब और कुलबीर सिंह उर्फ ​​सिद्धू निवासी यमुना नगर हरियाणा की तलाश जारी है। एनआईए की तरफ से इन दोनों गुर्गों के लिए 10-10 लाख रुपए का नकद इनाम भी जारी किया गया है।

मध्य प्रदेश से खरीदे थे हथियार

धर्मेंद्र कुमार उर्फ कुणाल पर आरोप है कि उसने मध्य प्रदेश से हथियार खरीदकर विकास बग्गा की हत्या करने वालों को दिए थे। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में धर्मेंद्र ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। धर्मेंद्र पहले भी मध्य प्रदेश से अवैध हथियारों की सप्लाई में शामिल रहा है और उसके खिलाफ मध्य प्रदेश और पंजाब में आर्म्स एक्ट के दो मामले दर्ज हैं।

सोशल मीडिया के जरिए हथियार डीलर से मिला

धर्मेंद्र ने बताया कि अप्रैल 2024 में जेल से छूटने के बाद वह सोशल मीडिया के जरिए एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आया जो मध्य प्रदेश में रहता था। इस व्यक्ति ने उसे हथियारों का इंतजाम करने का निर्देश दिया था। धर्मेंद्र ने मध्य प्रदेश से हथियार खरीदे और हमलावरों को सप्लाई कर दिए।

स्पेशल सेल और एनआईए ने साथ में किया ऑपरेशन

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को एक गुप्त सूचना मिली थी कि धर्मेंद्र कुमार उर्फ कुणाल पंजाब के लुधियाना इलाके में छिपा हुआ है। यह जानकारी तुरंत एनआईए के साथ साझा की गई। स्पेशल सेल और एनआईए की एक संयुक्त टीम ने पंजाब पुलिस की मदद से धर्मेंद्र को लुधियाना के शेरपुर कलां से गिरफ्तार कर लिया। धर्मेंद्र के खिलाफ एनआईए ने मामला दर्ज कर लिया है। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302/34/120B, आर्म्स एक्ट की धारा 25/27 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 16(1)(a)/17/18 और 20 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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