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सीएम सिद्धारमैया पर कसा शिकंजा, MUDA जमीन घोटाले में राज्यपाल ने दी मुकदमा चलाने की मंजूरी

विशेष संवाददाता

बंगलुरू । मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA- मुडा) जमीन घोटाला मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर शिकंजा कसने लगा है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। इसके पहले राज्यपाल ने इस सामने में सीएम सिद्धारमैया को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। आरटीआई कार्यकर्ता टीजे अब्राहम ने सीएम सिद्धरमैया के खिलाफ केस दर्ज कराया था।

टीजे अब्राहम ने सीएम सिद्धारमैया के साथ ही उनकी पत्नी, बेटे और मुडा के कमिश्नर के खिलाफ केस चलाने की भी मांग की थी। मुडा जमीन घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के शामिल होने का आरोप है। मुडा भूखंड आवंटन फर्जीवाड़े में भूखंड प्राप्त करने वालों में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती सिद्धरमैया भी शामिल हैं। अब्राहम का आरोप है कि इस घोटाले से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती को फायदा हुआ।

इस मामले में बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती सिद्धारमैया के पास मैसूर के केसारे गांव में 3.16 एकड़ जमीन थी। जो कि पार्वती को उसके भाई ने 2010 में दिया था। 2021 में मुडा ने विकास कार्यों के लिए इस जमीन को अधिग्रहित कर लिया। मुडा ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत अन्य भूखंड आवंटित किए। पार्वती सिद्धारमैया को मैसुरू के विजयनगर में इतने ही जमीन का मुआवजा दिया गया।

लोगों का कहना है कि पार्वती की जिस जमीन को अधिग्रहित किया गया वो शहर से बाहर की थी, लेकिन उन्हें मुआवजे में जो जमीन दिया वो मैसूरु शहर के अंदर का एक पॉश इलाका है। दक्षिण मैसूर के पॉश इलाके विजयनगर में इस जमीन का बाजार मूल्य केसारे गांव के जमीन से काफी ज्यादा है। आरोप है कि इस जमीन पर सीएम की पत्नी का हक ही नहीं था, लेकिन सिद्धारमैया ने मुडा पर दबाव बनाकर इस प्राइम लैंड को अपने कब्जे में कर लिया।

आरोप है कि मुडा के इन जमीनों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है। घोटाले का मामला इस लिए भी गंभीर है क्योंकि सीएम सिद्धारमैया ने 2013 के चुनावी शपथ पत्र में इस जमीन का जिक्र नहीं किया, लेकिन 2018 के शपथ पत्र में इस जमीन की कीमत 25 लाख रुपये बताई। शपथ पत्र के अनुसार 2023 में इसके बदले मुआवजे में जो जमीन मिली उसकी कीमत 8.33 करोड़ रुपये थी। आज 2024 में उसकी कीमत 62 करोड़ से ज्यादा की हो चुकी है।

अब इस मामले में राज्यपाल की ओर से मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलते ही मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। लोग उनसे तुरंत इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग उनसे पद छोड़ने की मांग कर रहे है।

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