विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की पत्नी और राज्य सभा सांसद जया बच्चन आजकल बार बार विवादों में आ रही हैं। संसद सत्र के दौरान अपने नाम के साथ पति का नाम आने पर वो बार-बार भड़क जाती हैं। जबकि उन्होंने खुद राज्य सभा सदस्य के रूप में शपथ पत्र और चुनाव शपथ पत्र में भी अपना पूरा नाम ‘जया अमिताभ बच्चन’ ही लिखवाया है। ऐसे में जया बच्चन के बार-बार ‘अमिताभ का नाम सुनते ही’ अपना आपा खो देने पर लोग हैरान हैं। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री रह चुकी जया बच्चन वर्तमान में समाजवादी पार्टी से सांसद हैं।
9 अगस्त को जब संसद के बजट सत्र का समापन दिवस था तो जया बच्चन एक बार फिर उखड़ गईं। जया बच्चन संसद के समाप्त हुए सत्र में 10 दिनों में राज्यसभा में तीसरी बार भड़की। ताजा मामले ये था कि जया बच्चन और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी बहस हुई। वो एक बार फिर सभापति धनखड़ के ‘जया अमिताभ बच्चन’ कहने पर भड़क गईं। सभापति ने जया बच्चन को रजिस्टर में दर्ज उनके नाम के अनुसार ‘जया अमिताभ बच्चन’ कहकर बुलाया। इस पर गुस्से से भड़कते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि आपकी जो टोन है, वो मुझे स्वीकार नहीं है। वो एक एक्टर हैं और बॉडी लैंग्वेज को अच्छी तरह से समझती हैं। इस पर जगदीप धनखड़ ने भी उनकी क्लास लगा दी। सभापति ने कहा कि भले ही आप कोई भी हों, भले ही आप सेलिब्रिटी ही क्यों ना हों। मैं इस तरह की चीजें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगा।
कुछ दिन पहले भी दूसरी बार जया बच्चन ने अपने नाम के साथ अमिताभ आने पर टोका-टोकी की थी। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि जो नाम इलेक्शन सर्टिफिकेट में आता है और जो यहां जमा किया जाता है, उसे ही बोला जाता है। इसके अंदर बदलाव की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया का लाभ मैंने खुद उठाया था 1989 में। वो बदलाव की प्रक्रिया हमने हर मेंबर को बताई है।
मालूम हो कि जया बच्चन ने पहली बार राज्यसभा सदन में इस प्रकार ‘जया अमिताभ बच्चन’ कहे जाने पर नाराजगी नहीं जताई। कुछ दिन पहले उपसभापति ने हरिवंश नारायण सिंह ने उन्हें उनके पूरे नाम ‘जया अमिताभ बच्चन’ से संबोधित किया, तो इस पर वह नाराज हो गईं और इसे नारीवाद का मुद्दा बना दिया था।
उन्होंने भड़कते हुए कहा था, सिर्फ जया बच्चन बोलते तो काफी था। जब उन्हें बताया गया कि उनके डॉक्यूमेंट्स में उनका यही नाम लिखा है, तो उन्होंने कहा था, ‘ये जो है कुछ नया शुरू हुआ है कि महिलाएँ जो हैं वो अपने पति के नाम से जानी जाएँ। उनका कोई अस्तित्व ही नहीं हैं। उनकी कोई उपलब्धि नहीं है अपने में।’
इसके कुछ दिन बाद उपराष्ट्रपति व सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें इस नाम से पुकारा तो उन्हें इससे भी आपत्ति हो गई। हालाँकि तब जगदीप धनखड़ ने उन्हें सलाह दी कि अगर उन्हें नाम नहीं पसंद तो वो नाम बदल लें, मगर तब जया बच्चन ने कहा कि उन्हें इस पर और अपने पति पर गर्व है और इस तरह उस दिन भी ये मामला हँसी में टल गया।
जानकर हैरानी होगी कि जया बच्चन ने अपने चुनावी हलफनामे में खुद अपना नाम ‘जया अमिताभ बच्चन’ ही लिखवाया है। संसद के रिकॉर्ड में भी उनका नाम ‘जया अमिताभ बच्चन’ ही दर्ज है।
संसद सत्र के दौरान जया बच्चन के बार-बार भड़कने से लोग उनके और अमिताभ बच्चन के बीच के रिश्ते को लेकर तरह-तरह की बातें करने लगे हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि अपने पति अमिताभ बच्चन के साथ उनका सबकुछ सही से तो चल रहा है? बार-बार भड़क कर जया बच्चन अपनी ही किरकिरी करा रही हैं।
वैसे ये मामला इतना बड़ा भी नहीं था कि जया बच्चन को इतना बखेडा खड़ा करना चाहिए था। सदन में जो हुआ वो तो हुआ ही उन्होंने सदन से बाहर निकलने के बाद मीडिया के समक्ष सभापति से माफी मांगने की मांग रखकर विवाद को और गहरा कर दिया। वैसे राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड की अपने कार्यशैली को लेकर इस सत्र में खूब विवादों में रहे हैं।
जया बच्चन के विवाद ने इसमें आग में घी डालने का काम किया है। कांग्रेस राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे धनखड़ पर पहले ही विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगा चुके है और कह चुके हैं कि विपक्ष के सदस्यों का माइक बंद कर उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा। यही कारण है कि अब समूचे विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैंसला कर लिया है। क्या होगा ये तो बाद की बात है लेकिन अभी तो जया अमिताभ बच्चन विवाद सुर्खियां बटोर रहा है।