विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । भारतीय दल विनेश फोगट को महिला कुश्ती 50 किग्रा वर्ग से अयोग्य घोषित कर दिया गया है. फाइनल से पहले उनको आयोग्य घोषित किए जाने के बाद हर भारतीय को बड़ा झटका लगा है. अब वह न तो गोल्ड मेडल के लिए खेल पाएंगी और न ही वह सिल्वर पदक की हकदार रही हैं. रात भर टीम द्वारा किए गए बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, आज सुबह उनका वजन 50 किग्रा से कुछ ग्राम अधिक पाया गया. जिसके चलते वह फाइनल मुकाबला नहीं खेल पाएंगी.
भारतीय ओलंपिक संघ ने कहा, ‘यह खेदजनक है कि भारतीय दल महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम वर्ग से विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित होने की खबर साझा कर रहा है. रात भर टीम द्वारा किए गए बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, आज सुबह उसका वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम अधिक था. इस समय दल द्वारा कोई और टिप्पणी नहीं की जाएगी. भारतीय टीम आपसे विनेश की निजता का सम्मान करने का अनुरोध करती है. वह आगे की प्रतियोगिताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहेगी’.
फाइनल में पहुंचकर रचा था इतिहास
बता दें, विनेश फोगाट ने कुश्ती के फाइनल में पहुंचकर पहली बार इतिहास रच दिया था. फाइनल में पहुंचने वाली वह भारत की पहली महिला पहलवान थी. इसके साथ ही तीन ओलंपिक में भाग लेने के बाद उन्होंने पहली बार कोई पदक पक्का किया था. उनके अयोग्य घोषित होने के बाद हर भारतीय को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि भारत को अब इस 50 किग्रा वर्ग में सिल्वर पदक भी नहीं मिल पाएगा.
सिल्वर मेडल भी नहीं मिलेगा
इससे पहले, सूत्रों ने कहा था कि पहलवान का वजन स्वीकार्य सीमा से लगभग 100 ग्राम अधिक था, जिसके कारण उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है. प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार, फोगट रजत पदक के लिए भी पात्र नहीं होंगी और 50 किलोग्राम में केवल स्वर्ण और कांस्य पदक विजेता ही भाग लेंगे.
गत चैंपियन को दी थी मात
फोगाट ने अपने पहले मुकाबले जापान की पिछले ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता को करारी मात दी थी. उनकी विरोधी जापानी रेसलर आज तक एक भी मुकाबला हारी नहीं थी. विनेश उनको हराने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय रेसलर है.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, विनेश, आप चैंपियनों में चैंपियन हैं, आप भारत का गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं. आज की असफलता दुख देती है. काश मैं शब्दों में उस निराशा को व्यक्त कर पाता जो मैं अनुभव कर रहा हू. साथ ही, मैं जानता हूँ कि आप लचीलेपन की प्रतिमूर्ति हैं. चुनौतियों का सामना करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है. और मजबूत होकर वापस आओ, हम सब आपके लिए प्रार्थना कर रहे हैं.
अयोग्य घोषित होने पर बोले पीएम मोदी – यह खेदजनक है
बता दें, भारतीय ओलंपिक संघ ने बताया कि, ‘यह खेदजनक है कि भारतीय दल महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम वर्ग से विनेश फोगाट अयोग्य घोषित हो गई हैं. रात भर टीम द्वारा किए गए बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, आज सुबह उसका वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम अधिक था. इस समय दल द्वारा कोई और टिप्पणी नहीं की जाएगी. भारतीय टीम आपसे विनेश की निजता का सम्मान करने का अनुरोध करती है. वह आगे की प्रतियोगिताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहेगी’.
फाइनल से पहले उनको आयोग्य घोषित किए जाने के बाद हर भारतीय को बड़ा झटका लगा है. भारतीय दल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पौडीवाला ने बताया कि मंगलवार रात को सेमीफाइनल मुकाबले के बाद वास्तव में क्या हुआ था. उन्होंने यह भी बताया कि उनका वजन कम करने के लिए रात भर क्या चिकित्सा उपाय किए गए और किस तरह की कार्रवाई की गई. ‘पहलवान आमतौर पर अपने प्राकृतिक वजन से कम वजन श्रेणियों में भाग लेते हैं. इससे उन्हें फायदा होता है क्योंकि वे अपने कम मजबूत प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला कर रहे होते हैं.
भारतीय दल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा, उन्होंने कहा, ‘हमने पाया कि प्रतियोगिता के बाद उसका वजन सामान्य स्तर पर पहुंच गया था और कोच ने वजन घटाने की सामान्य प्रक्रिया शुरू की, जिसे वह हमेशा विनेश के साथ अपनाती रही हैं. यह कुछ ऐसा है जो उसके साथ लंबे समय तक काम करता रहा, उसे विश्वास था कि यह हासिल किया जा सकता है और रात भर हमने वजन घटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया. हालांकि, सुबह हमने पाया कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, वह 50 किलोग्राम वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने के लिए 100 ग्राम से अधिक वजन की थी और इसलिए उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया.
क्यों मापा जाता है वजन
वजन मापने की प्रक्रिया किसी भी कुश्ती प्रतियोगिता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती नियमों के तहत हर अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए इसका पालन किया जाता है कहीं वह प्रतिभागी अपने वर्ग से ज्यादा वजन का तो नही है.
यदि कोई एथलीट वजन-मापन में भाग नहीं लेता या असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाता है और बिना रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाता है. मैच से एक दिन पहले टीम लीडर द्वारा वजन से संबंधित जानकारी दोपहर 12:00 बजे तक आयोजक को प्रस्तुत किया जाना चाहिए.
हर रोज मापा जाता है वजन
वजन श्रेणी के लिए प्रत्येक सुबह वजन-मापन किया जाता है. वजन-मापन और मेडिकल नियंत्रण सत्र 30 मिनट तक चलता है. दूसरी सुबह, केवल रेपेचेज और फाइनल में भाग लेने वाले पहलवानों को वजन-मापन से गुजरना पड़ता है, जो 15 मिनट तक चलता है, उसके बाद फाइनल में वेट-इन के लिए आना होगा. यह वेट-इन 15 मिनट तक चलेगा.
नाखून भी नहीं होने चाहिए बड़े
किसी भी पहलवान को वेट-इन में स्वीकार नहीं किया जा सकता है यदि उसने पहली सुबह चिकित्सीय परीक्षण नहीं कराया हो. पहलवानों को अपने लाइसेंस और मान्यता के साथ चिकित्सा परीक्षण और वेट-इन में उपस्थित होना होगा. तौल के लिए सिर्फ एकमात्र कपडे वही पहन सकते हैं जो वह लड़ते हुए पहनते हैं. योग्य चिकित्सकों द्वारा जांच किए जाने के बाद, जो किसी भी संक्रामक बीमारी के खतरे को का शक है तो उसको लड़ने से मना भी किया जा सकता है. उसके बाद पहलवान को तौला जाता है.
प्रतियोगियों को पूरी शारीरिक स्थिति में होना चाहिए, उनके नाखून बहुत छोटे कटे होने चाहिए. संपूर्ण वजन अवधि के दौरान, पहलवानों को बारी-बारी से, जितनी बार चाहें उतनी बार स्केल पर चढ़ने का अधिकार होता है. वेट-इन के लिए जिम्मेदार रेफरी को यह जांचना चाहिए कि सभी पहलवानों का वजन उस श्रेणी के अनुरूप है जिसमें उन्हें प्रतियोगिता के लिए प्रवेश दिया गया है, कि वे अनुच्छेद 5 की सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. कपड़ों के अलावा किसी भी भार की अनुमति नहीं दी जाती है.
विनेश फोगाट के डिसक्वालीफिकेशन पर संसद में खेल मंत्री का बयान, विपक्ष का लोकसभा से वॉकआउट
रेसलर विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक से अयोग्य होने पर पूरा देश स्तब्ध है. सिर्फ 100 ग्राम वजन बढ़ने से विनेश फोगाट को डिसक्वालिफाई कर दिया गया है. इसको लेकर खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने संसद में बयान दिया. उन्होंने कहा कि विनेश का वजन 50 किलोग्राम कैटेगिरी में 100 ग्राम ज्यादा आया, इसलिए उनको अयोग्य घोषित किया गया. विनेश जीती थीं. भारत सरकार ने उनकी पूरी मदद की थी. वहीं खेल मंत्री के बयान के विरोध में विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट किया.
खेल मंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर भारतीय कुश्ती संघ ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज किया है. भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा जो पेरिस में है, प्रधानमंत्री ने उनसे बात करके उचित एक्शन लेने को कहा है. विनेश फोगाट मंगलवार 6 अगस्त को तीन मुकाबले जीतकर 50 किलोग्राम कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थी. उनका गोल्ड मेडल के लिए मुकाबला होना था.
उन्होंने कहा कि भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को तय कैटेगरी में ज्यादा वजन (100gm) होने की वजह से पेरिस ओलिंपिक से बाहर होना पड़ा है. विनेश 50 kg की कैटेगरी में खेल रही थी. स्पर्धा के लिए विनेश का वजन 50 किग्रा होना अनिवार्य था. UWW के नियमों और विनियमों के अनुसार, सभी प्रतियोगिताओं के लिए संबंधित श्रेणी के लिए प्रत्येक सुबह वजन-माप का आयोजन किया जाता है. अनुच्छेद 11 के अनुसार “यदि कोई एथलीट वजन-माप (प्रथम अथवा द्वितीय) में भाग नहीं लेता है अथवा असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना किसी रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा.
राज्यसभा में विपक्ष ने विनेश फोगाट के मुद्दे पर हंगामा किया. विपक्षी सदस्यों ने ‘विनेश फोगाट को न्याय दो’ जैसे नारे लगाए. विपक्ष के हंगामे पर भड़के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आप हर समय चेयर को चैलेंज करते हो, ये नहीं चलेगा. आप चेयर की अथॉरिटी पर सवाल उठाते हो. विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. सभापति ने कहा कि हम एक डिबेट के मध्य में हैं. डिबेट नियमों के अनुरूप चल रही है. उन्होंने कहा कि प्रमोद तिवारी ने मुझे पत्र लिखा और कहा कि हम एक अर्जेंट मैटर उठाना चाहते हैं. आप पॉलिटिकल पॉइंट्स उठाना चाहते हैं. मैं हर समय चेयर को चैलेंज करने के लिए स्टांस लूंगा. ये दुखद पल हैं. ये खतरनाक प्रैक्टिस है.