विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हर स्तर पर महिलाओं के सम्पूर्ण विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। मोदी सरकार महिलाओं के हाथों में एक के बाद एक क्षेत्र में कमान सौंप रही है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा महिलाओं को उचित मौका देने और उन पर भरोसा जताने से न केवल महिलाओं में आत्मविश्वास जगा है, बल्कि वे आत्मनिर्भर भी हो रही हैं। अब लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर आर्मी मेडिकल सर्विस की पहली महिला महानिदेशक- DG बनीं हैं। लेफ्टिनेंट जनरल साधना ने 1 अगस्त, 2024 को महानिदेशक, चिकित्सा सेवा (सेना) का पदभार संभाला। इससे पहले, वह एयर मार्शल के पद पर पदोन्नति के बाद महानिदेशक अस्पताल सेवा (सशस्त्र बल) का पद संभालने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (AFMC), पुणे से एक विशिष्ट शैक्षणिक रिकॉर्ड के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की और दिसंबर 1985 में सेना चिकित्सा कोर में कमीशन प्राप्त किया। उनके पास फैमिली मेडिसिन में स्नातकोत्तर की डिग्री, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन में डिप्लोमा है, और उन्होंने एम्स, नई दिल्ली में चिकित्सा सूचना विज्ञान में दो साल का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया है। अपनी सराहनीय सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति की ओर से एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी वायु कमान और चीफ ऑफ द एयर स्टाफ प्रशंसा के साथ-साथ विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।
पीएम मोदी की प्रेरणा से सुरक्षा बलों में नारीशक्ति का जलवा
प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से आज देश की बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। खेल का मैदान हो या जंग का मैदान या फिर सरहद की सुरक्षा, हर मोर्चे पर देश की बेटियां देश का सिर ऊंचा कर रही हैं। मोदी सरकार ने दूरगामी योजना के तहत सैन्य सेवाओं में महिलाओ के बड़े स्तर पर प्रवेश और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं। इनमें एक महत्वपूर्ण निर्णय यह लिया गया कि भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को भी कमांडर की भूमिका मिले जिससे वे अपनी टीम को लीड कर सकें। इसी का नतीजा है कि महिला अफसरों ने ऐसे पदों को संभाल कर इतिहास रच दिया जिन पदों को अब तक पुरुष ही संभालते रहे थे।
नीना सिंह: CISF की पहली महिला महानिदेशक बनीं
सीनियर आईपीएस अधिकारी नीना सिंह पुरुषों के दबदबे वाले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की पहली महिला महानिदेशक (DG) बनाई गईं। मूलरूप से बिहार के पटना की रहने वाली नीना सिंह राजस्थान कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं। नीना सिंह पहले सीआईएसएफ की एडिशनल डायरेक्टर जनरल (ADG) थी। वो पहले राजस्थान की पहली महिला डीजी भी रही हैं। नीना सिंह केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में संयुक्त निदेशक के रूप में भी काम कर चुकी हैं। साल 2005 में उन्हें पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।
प्रेरणा देवस्थलीः भारतीय नौसेना के युद्धपोत की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी
नौसेना ने लेफ्टिनेंट कमांडर प्रेरणा देवस्थली को 2 दिसंबर 2023 को युद्धपोत की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी नियुक्त किया। उन्हें भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े में वॉटरजेट एफएसी आईएनएस ट्रिंकट के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में चुना गया है। लेफ्टिनेंट कमांडर प्रेरणा को एक अन्य टोही विमान, पी8आई पर अपनी सेवा के बाद, समुद्री टोही विमान टुपोलेव टीयू-142 पर पहली महिला पर्यवेक्षक होने का गौरव प्राप्त हुआ है। नौसेना की यह घोषणा महिला कर्मियों के लिए ‘सभी भूमिकाएं-सभी रैंक’ दर्शन के प्रति भारतीय सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। 2009 में भारतीय नौसेना में शामिल हुईं प्रेरणा एक नौसैनिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
मनीषा पाढ़ीः देश की पहली महिला एडीसी बनी, रचा इतिहास
वायु सेना की एक महिला अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर मनीषा पाढ़ी को 29 नवंबर 2023 को भारतीय सशस्त्र बल में भारत की पहली महिला सहायक-डी-कैंप (एडीसी) के रूप में नियुक्त किया गया। इसी के साथ मनीषा पाढ़ी देश की पहली महिला एडीसी बन गईं। मिजोरम के राज्यपाल डॉ हरि बाबू कुंभपति ने साल 2015 बैच की वायु सेना अधिकारी रहीं मनीषा पाढ़ी को पहली महिला एडीसी के रूप में नियुक्त किया। भारत में एड-डी-कैंप एक ऐसे सम्मान की उपाधि है, जिसे पोस्ट-नॉमिनल लेटर एडीसी से सम्मानित किया जाता है। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख सहित सेवा प्रमुखों के पास आमतौर पर तीन सहायक डे-कैंप होते हैं और राष्ट्रपति के पास पांच सहायक डे-कैंप होते हैं।
सुनीता बीएसः दिल्ली कैंट की पहली महिला कमांडिग अफसर बनी
सेना मेडिकल कोर की अधिकारी कर्नल सुनीता बीएस ने 21 नवंबर 2023 को सशस्त्र बल रक्त-संचार केन्द्र, दिल्ली कैंट की पहली महिला कमांडिग आफीसर बनकर इतिहास रच दिया। इससे पहले उन्होंने अरूणाचल प्रदेश में रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण फील्ड हास्पिटल में कमांडिग आफीसर की चुनौतीपूर्ण भूमिका को बखूबी निभाया जहां उन्होंने युद्ध क्षेत्र की सबसे बेहतर संभावित चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराईं। रोहतक के स्नातकोत्तर चिकित्सा विज्ञान संस्थान से स्नातक, कर्नल सुनीता रोग विज्ञान में स्नातकोत्तर (एमडी और डीएनबी) डिग्री धारक हैं।
शुचिता शेखरः मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट बटालियन की कमांड संभालने वाली पहली महिला अधिकारी
लेडी कमांडर कर्नल शुचिता शेखर ऐसी पहली वुमेन आर्मी अफसर हैं, जिन्हें कम्युनिकेशन जोन मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट बटालियन की कमांड 5 जून 2023 को सौंपी गई। कर्नल शुचिता शेखर सेना सेवा कोर की पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने पूरी तरह से परिचालन उत्तरी कमान की आपूर्ति श्रृंखला के रखरखाव के लिए जिम्मेदार कम्युनिकेशन जोन मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट बटालियन की कमान संभाली है। पठानकोट स्थित ‘कम्युनिकेशन जोन मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट बटालियन’ का प्रभार कर्नल शेखर ने कर्नल एनपीएस संधू से ग्रहण किया है।
पांच महिला अधिकारीः पहली बार लड़ाकू रेजिमेंट में किया गया शामिल
भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में पहली बार 29 अप्रैल 2023 में महिलाओं को मौका मिला। आर्टिलरी रेजिमेंट में पांच महिला अधिकारियों को कमीशन किया गया। ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) चेन्नई में सफल प्रशिक्षण के बाद ये महिला अधिकारी आर्टिलरी रेजिमेंट का हिस्सा बन गईं।रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी में शामिल होने वाली महिला अधिकारियों में लेफ्टिनेंट महक सैनी, लेफ्टिनेंट साक्षी दुबे, लेफ्टिनेंट अदिति यादव और लेफ्टिनेंट पवित्र मुदगिल शामिल हैं। पांच महिला अधिकारियों में से तीन को चीन की सीमा पर तैनात इकाइयों में तैनात किया गया है और अन्य दो को पाकिस्तान से लगती सीमा के पास “चुनौतीपूर्ण स्थानों” पर तैनात किया गया है।
दीपिका मिश्राः वीरता पुरस्कार पाने वाली वायुसेना की पहली महिला अधिकारी बनीं
विंग कमांडर दीपिका मिश्रा 20 अप्रैल 2023 को भारतीय वायुसेना का गैलेंटरी अवॉर्ड (वीरता पुरस्कार) पाने वाली पहली महिला अधिकारी बन गईं। राजस्थान की कोटा की रहने वाली हेलीकॉप्टर पायलट मिश्रा को मध्य प्रदेश में बाढ़ राहत अभियान के दौरान ‘अदम्य साहस’ का प्रदर्शन करने के लिए वायुसेना मेडल (गैलेंटरी) से अलंकृत किया गया है। दीपिका ने मध्य प्रदेश में बाढ़ राहत अभियान के दौरान 47 से ज्यादा लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। दीपिका मिश्रा साल 2006 में भारतीय वायुसेना की कोटा से पहली महिला फ्लाइंग अफसर बनी थी। दीपिका सारंग टीम की भी पहली महिला अफसर रही हैं।
गीता राणाः लद्दाख में फील्ड वर्कशॉप को कमांड करने वाली पहली महिला अधिकारी बनी
भारतीय सेना के कॉर्प्स ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड मकैनिकल इंजीनियर्स की कर्नल गीता राणा ने इतिहास रच दिया। वह 9 मार्च 2023 को पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चे पर फील्ड वर्कशॉप को कमांड करने वाली भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी बन गईं। भारतीय सेना ने महिला अधिकारियों को भी कमांडर की भूमिका में लेने की मंजूरी दी है। जिसके बाद कर्नल गीता यह उपलब्धि पाने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं।
शालिजा धामीः वायुसेना में लड़ाकू इकाई की पहली महिला कमांडर बनी
भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को 8 मार्च 2023 को पश्चिमी सेक्टर में अग्रिम लड़ाकू इकाई का कमांडर नियुक्त किया गया। वह वायुसेना में लड़ाकू इकाई की पहली महिला कमांडर हैं। ग्रुप कैप्टन धामी 2003 में हेलीकाप्टर पायलट के रूप में वायुसेना में भर्ती हुई थीं और उन्हें 2,800 घंटों से ज्यादा का उड़ान अनुभव है। वह क्वालीफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी हैं और पश्चिमी सेक्टर में हेलीकाप्टर यूनिट की फ्लाइट कमांडर रह चुकी हैं। वह वर्तमान में एक अग्रिम कमान मुख्यालय की आपरेशंस ब्रांच में पदस्थ हैं।
सुरभि जाखमोलाः पहली बार भारत की बेटी विदेश में संभालेगी BRO का असाइनमेंट
सुरभि पहली महिला अधिकारी हैं जिनकी सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के किसी विदेशी प्रोजेक्ट पर तैनाती की गई है। भारतीय सेना अधिकारी कैप्टन सुरभि जाखमोला को 11 जनवरी 2023 को भूटान में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के प्रोजेक्ट दंतक में तैनात किया गया है। वह बीआरओ में विदेशी असाइनमेंट पर तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। बीआरओ भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों और मैत्रीपूर्ण पड़ोसी देशों में सड़क नेटवर्क को तैयार और उसका रखरखाव करता है। ये भारतीय सेना के साथ करीबी में रहते हुए सड़कों का निर्माण करता है। इसके लिए भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, मिलिट्री पुलिस के जवानों और अधिकारियों द्वारा काम किया जाता है।
शिवा चौहानः सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला कैप्टन
कैप्टन शिवा चौहान 2 जनवरी 2023 को दुनिया की सबसे ऊंची युद्धक्षेत्र सियाचिन में सक्रिय रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं हैं। सियाचिन बैटल स्कूल में कैप्टन शिवा चौहान को कठोर प्रशिक्षण दिया गया था, जिसमें बर्फ की दीवार पर चढ़ना, हिमस्खलन और हिमस्खलन बचाव के अभ्यास शामिल थे। कैप्टन शिव चौहान इस साल 2 जनवरी को एक कठिन चढ़ाई के बाद सियाचिन ग्लेशियर में शामिल हुई थीं। फायर एंड फ्यूरी सैपर्स की कैप्टन शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में कठिन प्रशिक्षण पूरा करने के बाद कुमार पोस्ट में ऑपरेशनल रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। उन्होंने कहा कि आजकल नौकरी के सभी क्षेत्रों में महिला अधिकारियों को पर्याप्त अवसर दिए जाते हैं और वे अपने पुरुष समकक्ष के बराबर समान रूप से कार्यरत हैं। पीएम मोदी ने 3 जनवरी को उनकी तैनाती पर सराहना कहा कि थी। उन्होंने ट्वीट किया, “यह भारत की नारी शक्ति की भावना को दर्शाते हुए हर भारतीय को गौरवान्वित करेगा।”