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प्रदेश में दुगुने से ज्यादा बढ़ीं एमबीबीएस की सीटें, बीमारियों से लड़ने में यूपी बना मॉडल: सीएम योगी

अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान सीएम योगी ने स्वास्थ्य सेवाओं में हुए सुधार का किया उल्लेख

  • केंद्र के साथ और अंतर्विभागीय समन्वय से आज समाप्त हुआ इंसेफेलाइटिस: सीएम
  • डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार जैसी बीमारियों को किया नियंत्रित, कोरोना प्रबंधन का प्रस्तुत किया मॉडल: योगी

विशेष संवाददाता

लखनऊ। विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और इसकी उपलब्धियों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने 7 वर्षों में एमबीबीएस की सीटों को दुगुना करने में सफलता प्राप्त की है तो वहीं इंसेफेलाइटिस और कोरोना जैसी बीमारियों को समाप्त करने में यूपी ने खुद को देश के सामने एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया है।

सार्थक प्रयासों का मिल रहा रिजल्ट

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के अंदर स्वास्थ्य के क्षेत्र में अगर आप देखेंगे तो लोगों को बेहतरीन लाभ मिला है। पहले कोई सोचता था कि सिद्धार्थनगर में भी मेडिकल कॉलेज की स्थापना होगी। कोई सोचता था कि देवरिया, अयोध्या, गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर, सुल्तानपुर, सोनभद्र, गाजीपुर, चंदौली जैसे जनपदों में भी मेडिकल कॉलेज शुरू होगा। ये उत्तर प्रदेश के वो जनपद हैं जहां माना जाता था कि लोगों की मौत की कोई कीमत नहीं। बीमारियां हर वर्ष उनको निगलती थीं। इंसेफेलाइटिस से डेढ़ से दो हजार बच्चों की मौत इसी सीजन में होती थी। मरने वाले बच्चे कौन थे, या तो दलित थे या फिर अल्पसंख्यक समुदाय के थे। हमारी सरकार ने अंतर्विभागीय और केंद्र सरकार के साथ समन्वय से बेहतरीन प्रयास किया और आज इंसेफेलाइटिस समाप्त हो गया। ये देश के लिए एक मॉडल है। डेंगू वाराणसी से लेकर बलिया तक, चिकनगुनिया बुंदेलखंड के क्षेत्र में, कालाजार बिहार से सटे हुए जनपदों में अपना कहर बरपाता था, लेकिन आज इन बीमारियों को नियंत्रित किया गया है। कोरोना प्रबंधन का मॉडल हमने देश के सामने प्रस्तुत किया। प्रदेश के अंदर इतनी बड़ी आबादी को हम बचाने में सफल हुए। प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत किया है और उसको और अच्छा किया जा रहा है। अगर हम प्रयास करने के बाद रिजल्ट दे रहे हैं तो इसका मतलब ये है कि हमारा प्रयास सार्थक है।

हर जनपद में एक मेडिकल कॉलेज के प्रति कृत संकल्पित

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के अंदर हम वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल क़ॉलेज की तरफ बढ़ रहे हैं। आजादी से लेकर 2017 से पहले तक कुल 12 मेडिकल कॉलेज स्थापित हुए थे। 2017 के बाद आज केवल 10 जनपद बचे हैं जहां मेडिकल कॉलेज नहीं बना है। इन जनपदों में भी हम एक नया मॉडल लाने जा रहे हैं। हम हर जनपद में एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण के प्रति कृत संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि हमने पीपीपी मोड पर संभल, महाराजगंज, शामली में जो मेडिकल कॉलेज बनाए उन्हें इस सत्र में चलाने के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल ने भी परमीशन दे दी है। इसके साथ ही प्रदेश के अंदर एमबीबीएस की 10 हजार 500 सीटों पर काउंसिलिंग होने जा रही है। उत्तर प्रदेश में हमने दुगुने से ज्यादा मेडिकल एडमीशन की क्षमता प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है।

आरोग्य मेले में अब तक 12 करोड़ रोगियों का उपचार

उन्होंने कहा कि नर्सिंग ऐसा क्षेत्र है जो 100 प्रतिशत युवाओं को रोजगार से जोड़ता है। गवर्नमेंट सेक्टर में 23 नए नर्सिंग कॉलेज को भी स्थापित कर रहे हैं या कर चुके हैं। प्रदेश के अंदर 22555 आरोग्य मंदिरों का भी गठन किया है। 5 करोड़ 11 लाख आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर हर सप्ताह आरोग्य मेला लग रहा है, जिसमें अब तक 12 करोड़ रोगियों का उपचार किया जा चुका है। क्लिनिकल ट्रायल फार्मास्युटिक रिसर्च एंड इनोवेशन के लिए हमने एक नीति बनाई है और प्रदेश का पहला फार्मा पार्क ललितपुर में बनाने जा रहे हैं। मेडिकल डिवाइस पार्क यमुना अथॉरिटी में आगे बढ़ रहा है।

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