- संभागीय निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से किया गया निलंबित, एआरटीओ पर हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई
- चित्रकूट में समय पर फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं देने के कारण स्कूली वाहन को किया गया था सीज
- पुलिस लाइन में दो घंटे तक वाहन में बैठे रहे बच्चे, मामला संज्ञान में आते ही लिया गया एक्शन
विशेष संवाददाता
लखनऊ, 24 जुलाई। सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सीएम योगी का एक्शन जारी है। ताजा घटनाक्रम में योगी सरकार ने जनपद चित्रकूट के अंतर्गत स्कूली बस का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में लापरवाही पर एक्शन लेते हुए जिले के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, जबकि सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सरकारी कार्यों में किसी भी तरह की हीलाहवाली न की जाए। खासतौर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों पर सीएम योगी ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
2 घंटे तक पुलिस लाइन में खड़ी रही थी बसें
दरअसल, मंगलवार 23 जुलाई को जनपद चित्रकूट के श्रीजी इंटर कॉलेज, खोह के छोटे-छोटे बच्चों को लेकर आ रही दो बसों को वाहन की फिटनेस समाप्त हो जाने के कारण सहायक संभागीय परिहन अधिकारी (प्रवर्तन) चित्रकूट की टीम द्वारा सीज कर बच्चों सहित 10 किमी दूर पुलिस लाइन ले जाया गया था। वाहन को 11:15 बजे सीज कर फायर सर्विस परिसर पुलिस लाइन में दाखिल किया गया व 13:05 बजे छोड़ा गया। इसके चलते करीब दो घंटे तक बस को खड़ा रखा गया। जानकारी के अनुसार, चित्रकूट जनपद के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) गुलाब चंद्र को संबंधित स्कूलों में जाकर स्कूली बसों के फिटनेस चेक करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उनके द्वारा आदेशों की अवहेलना की गई, जिसके कारण दोनों वाहनों का फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो पाया। ऐसे में वाहनों को सीज करना पड़ा, जिससे बच्चों को भी तकलीफ हुई।
मामला संज्ञान में आते ही हुआ एक्शन
बुधवार को मामला संज्ञान में आने के बाद योगी सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की। इसके तहत संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) गुलाब चंद्र को प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाए जाने के कारण उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) विवेक कुमार शुक्ला के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की गई है। साथ ही, प्रदेश में परिवहन विभाग से जुड़े समस्त कर्मियों को भविष्य में इस तरह की लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।