विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम ने 21 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल का ये पहला बजट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश भर में पहली बार नौकरी पान वालों और देश भर के युवाओं को बड़ा तोहफा दिया है। भारत के मिडिल क्लास को केंद्रीय बजट 2024 का बेसब्री से इंतजार था. सभी नौकरीपेशा, प्रोफेशनल, कारोबारी टैक्सपेयर्स उम्मीद कर रहे थे कि सरकार बजट में उन्हें इनकम टैक्स में राहत देगी। नए टैक्स रिजीम में 3 लाख सैलरी पर कोई टैक्स नहीं।
वित्त मंत्री ने आम बजट पेश करते हुए ऐलान किया संगठित क्षेत्र में पहली बार नौकरी की शुरूआत करते वालों को बड़ा ऐलान किया है।
निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि संगठित क्षेत्र में पहली बार नौकरी की शुरूआत करने वालों को एक महीने की सैलरी दी जाएगी। ये सैलरी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से तीन किस्तों में संगठित क्षेत्र में नौकरी पाने वाले को दी जाएगी। तीन किस्तों में मिलेगी धनराशि बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा रोजगार और कौशल विकास सरकार की नौ प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने बताया युवाओं की मदद करने के लिए संगठित क्षेत्र में पहली बार नौकरी शुरू करने वालों को एक महीने की सैलरी दी जाएगी। ये डीबीटी के जरिए तीन किस्तों में जारी किया जाएगा।
जानें कितनी मिलेगी अधिकतम धनराशि वित्त मंत्री ने बताया इसके लिए अधिकत धनराशि 15,000 रुपये होगी। ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों को यह मदद मिलेगी। पात्रता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह होगी। इस पहल से 10 करोड़ युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका और मासिक भत्ता
इसके साथ ही अगले पांच सालों में एक करोड़ युवाओं को टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। ये इंटर्नशिप 12 महीने तक चलेगी, जिससे युवाओं को बिजनेस वर्ल्ड और प्रोफेशनल चुनौतियों का एक्स्पीरिएंस मिलेगा। प्रत्येक इंटर्न को 5,000 रुपये का हर महीने allowance और 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता मिलेगी।
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनियों मो अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व में अंतर्गत लागत और इंटर्नशिप व्यय का 10 फीसदी वहन करना आवश्यक है। स्किल डेवलेपमेंट के लिए नई योजना सीतारमण ने कौशल विकास के लिए प्रधानमंत्री पैकेज के तहत एक नई योजना की घोषणा की।
राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से, इस योजना का लक्ष्य पांच वर्षों में एक हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को हब में अपग्रेड करना है, जिससे 20 लाख युवाओं को लाभ मिलेगा। मनरेगा रोजगार गारंटी मौजूदा मनरेगा योजना शारीरिक श्रम करने के इच्छुक प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सालाना कम से कम 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती रहेगी। इससे रोजगार के अवसर तलाश रहे ग्रामीण परिवारों को निरंतर सहायता मिलती रहेगी।
वित्त मंत्री ने ने आईटी अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “मैं आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषण करती हूं. इससे विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी। इसे 6 महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है। ”
वित्त मंत्री ने ने नई कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती को बढ़ाकर 75,000 रुपये करने की घोषणा की। नए टैक्स रिजीम में 3 लाख सैलरी पर कोई टैक्स नहीं। ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस की दर 1% से घटाकर 0.1% की गई है।
निर्मला सीतारमण ने कुछ परिसंपत्तियों के लिए पूंजीगत लाभ पर टैक्स बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव पेश किया है। 7 से 10 लाख की इनकम पर 10 फीसदी, 10 से 12 लाख की आय पर 15 प्रतिशत और 15 लाख से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा।
बजट पेश करने से पहले उम्मीद की जा रही थी कि इसमें मध्यम वर्ग लिए मौजूदा 15 लाख रुपये के बजाय 20 लाख रुपये से अधिक की आय और वेतन स्तरों के लिए 30 फीसदी आयकर दर पेश की जा सकती है। इसके अलावा नई आयकर व्यवस्था में कटौती सीमा को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किए जाने की अपेक्षा थी।
बजट में सेविंग, इंवेस्टमेंट, हेल्थ इंश्यूरेंस और बैंक जमा पर ब्याज के लिए धारा 80C, धारा 80D, धारा 80TTA में भी बदलाव की उम्मीद की जा रही थी। इससे पहले कहा जा रहा था कि सरकार 10 साल के बाद इनकम टैक्स सेक्शन 80C में बदलाव कर सकती है। इसे 1.5 लाख से 2 लाख रुपये किया जा सकता है। फिलहाल 1.5 लाख रुपये तक की कटौती के लिए क्लेम किया जा सकता है।
बता दें कि पिछले साल नए टैक्स सिस्टम रिजीम के तहत मूल छूट सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया था। टैक्स एक्सपर्ट्स इसे भी बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की उम्मीद कर रहे थे. वहीं, 7 लाख रुपये की छूट सीमा को भी संशोधित कर 8 लाख रुपये करने की संभावना थी।