संवाददाता
हाथरस। हाथरस कांड के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को शुक्रवार रात दिल्ली में गिरफ्तार किया गया. हाथरस हादसे के बाद से मधुकर फरार था. उस पर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था. आज देव प्रकाश मधुकर को हाथरस कोर्ट में पेश किया जाएगा. पुलिस ने शुरुआती पूछताछ में पता लगाया है कि देव प्रकाश मधुकर ही भोले बाबा के कार्यक्रमों को आयोजित करवाता था और इन कार्यक्रमों के लिए फंड्स भी इकट्ठा करता था. इन आयोजनों में देव प्रकाश की यही दो अहम भूमिकाएं रही हैं. देव प्रकाश मधुकर को पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। देवप्रकाश मधुकर को बीते दिन दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। भगदड़ हादसे में एक्शन लेते हुए पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
बताया जा रहा है कि देव प्रकाश मधुकर ने सरेंडर किया है. दिल्ली के नजफगढ़-उत्तम नगर के बीच के एक अस्पताल में यूपी की हाथरस पुलिस पहुंची थी. देव प्रकाश ने उनके सामने सरेंडर किया. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. हाथरस पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी. इस भगदड़ के बाद हुए हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर की तलाश की जा रही थी.
हाथरस एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि देव प्रकाश मधुकर 2008 से जूनियर इंजीनियर के पद पर काम कर रहा है. यही वो शख्स है जो कि कार्यक्रम स्थल पर पुलिसकर्मियों को आने से रोकता था. इसका साथ कई और सेवादार भी देते थे. कार्यक्रम के दौरान सभी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी यही लोग अपने हाथ में लिए रहते थे. पुलिस ने बताया कि सत्संग के लिए जो अनुमति ली गई थी उसमें कई बातों का उल्लंघन आयोजकों ने किया है.
भगदड़ के वक्त क्या हुआ?
एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान जब भगदड़ मची उस वक्त भीड़ को संभालने के लिए कोई भी सेवादार आगे नहीं आया और भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की गई. भगदड़ के बाद सभी सेवादार फरार हो गए. सत्संग के दौरान अव्यवस्था फैलने की वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ है. जब सत्संग खत्म हुआ उसके बाद जानबूझकर भोले बाबा की गाड़ी भीड़ के बीच से निकाली गई. सेवादारों को पता था कि भीड़ ज्यादा है और ऐसा करना ठीक नहीं होगा. इसके बावजूद इन लोगों ने ध्यान नहीं दिया.
फंड्स का जिम्मा संभालता था मधुकर
पूछताछ में पता चला है कि देव प्रकाश मधुकर बाबा का सबसे करीबी सेवादार है और वह उनके लिए कार्यक्रम आयोजिन तो करता ही है साथ ही कार्यक्रम के लिए फंड रेजर का काम भी करता है. ऐसे में पुलिस अब राजनीतिक कनेक्शन खंगालने में भी लगी हुई है. पुलिस को शक है कि भोले बाबा ने किसी राजनीतिक दल से भी फंड लिया होगा, हालांकि अभी तक कोई पुख्ता सबूत पुलिस के पास नहीं आए हैं. लेकिन, पुलिस इस ओर भी जांच कर रही है.
मनी ट्रेल की भी हो रही जांच
पुलिस फिलहाल देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार करने के बाद उसके बैकग्राउंड को चेक करने में जुटी है. पुलिस के मुताबिक प्रमुख सेवादार होने की वजह से मधुकर के हाथ में पैसों का लेन-देन भी हुआ करता था. इसलिए उसके मनी ट्रेल की जांच भी जा रही है. मधुकर के चल-अचल संपत्ति की भी जांच की जा रही है. पुलिस के साथ-साथ आयकर विभाग और राजस्व विभाग भी मधुकर की जानकारी जुटाने में लगा हुआ है. पुलिस फिलहाल मधुकर की कॉल डिटेल भी खंगाल रही है. पुलिस ने बताया कि मधुकर को पुलिस रिमांड पर लेकर डिटेल में पूछताछ की जाएगी.
वकील एपी सिंह बोले- हमने सरेंडर कराया
सुप्रीम कोर्ट में भोले बाबा के लिए पैरवी करने जा रहे वकील एपी सिंह ने कहा है कि देव प्रकाश मधुकर ने एसआईटी और एसटीएफ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. मैंने वादा किया था कि हम कोई अग्रिम जमानत का इस्तेमाल नहीं करेंगे. कोई आवेदन नहीं करेंगे और किसी भी अदालत में नहीं जाएंगे, क्योंकि हमने किया क्या है? हमारा अपराध क्या है? हमने आपको बताया था कि हम देव प्रकाश मधुकर को आत्मसमर्पण कराएंगे, उसे पुलिस के सामने ले जाएंगे, उससे पूछताछ करेंगे, जांच में भाग लेंगे. हमने उसे एसआईटी और उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया है. अब पूरी जांच हो सकती है. उसके स्वास्थ्य का ध्यान
शुक्रवार को राहुल गांधी ने हाथरस पीड़ितों से की थी मुलाकात
गौरतलब है कि बीते मंगलवार यानी 2 जुलाई को यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के समाप्त होने के बाद अचानक भगदड़ मच गई थी जिसमें 121 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर राजनीति भी पूरी तरह से गरमाई हुई है और राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी खूब लगा रहे हैं. वहीं, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी हाथरस हादसे के कई पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की थी और यूपी सरकार से पीड़ित परिवारों को उचित और जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग भी की थी.