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समीकरण ऐसे ही रहे तो दिल्ली की सियासी पिच पर बीजेपी 52 विधानसभा सीटों पर कर सकती है ‘खेला’

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में दिल्ली में मिली शानदार जीत से भाजपा उत्साहित है। अब उसकी नजर कुछ महीने बाद होने वाले दिल्ली के विधानसभा चुनाव पर है। पार्टी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में चुनावी रणनीति पर मंथन होगा।

लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी की यह पहली बड़े स्तर की बैठक है जिसमें प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों के साथ ही जमीन पर काम करने वाले नेता भी शामिल होंगे। पहली बार इतने बड़े स्तर पर कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकर्ताओं को बुलाया जा रहा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सभी सातों सीटों पर जीत दोहराने की चुनौती थी।

इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी थी AAP

वर्ष 2014 व वर्ष 2019 के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला था और पार्टी को सभी सीटों पर जीत मिली थी। इस बार भाजपा की राह रोकने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने आएनडीआइए गठबंधन के तहत मिलकर चुनाव लड़ा था। आमने-सामने के मुकाबले में भी पार्टी सभी सीटें जीतने में सफल रही।

लगातार सड़क पर विरोध करती रहेगी बीजेपी

लगातार तीसरी बार इस सफलता से पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा हुआ है। इसे बनाए रखने के लिए पार्टी के नेता आम आदमी पार्टी की सरकार के विरोध में आक्रामक तेवर अपना रहे हैं। जल संकट व अन्य मुद्दों को लेकर बयानबाजी के साथ ही सड़क पर उतरकर विरोध जताया जा रहा है। अब कार्यकारिणी की बैठक में इसे और धार देने की तैयारी है।

लोकसभा चुनाव परिणाम की होगी समीक्षा

बैठक में लोकसभा चुनाव परिणामों की समीक्षा की जाएगी। प्रत्येक मंडल (वार्ड) में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा होगी। यदि कहीं कम मत मिले हैं तो उसके कारणों की पड़ताल कर विधानसभा में प्रदर्शन सुधारने की रणनीति बनेगी।

मजबूत वार्ड में और बेहतर प्रदर्शन पर मंथन होगा। इस बार लोकसभा चुनाव में दिल्ली में भाजपा को 70 में से 52 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी।

प्रत्येक मंडल में कार्यकर्ताओं को किया जा रहा है सम्मानित

भाजपा नेता लोकसभा चुनाव में जीत का श्रेय कार्यकर्ताओं की मेहनत को दे रहे हैं। इसके लिए मंडल स्तर पर कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जा रहा है। बेहतर प्रदर्शन वाले बूथ को विशेष तौर पर सम्मान मिल रहा है। कार्यकारिणी की बैठक में भी कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने के लिए प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

लगभग दो हजार पदाधिकारी होंगे शामिल

सामान्य रूप से प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकारिणी सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल होते हैं। इनकी संख्या साढ़े तीन से चार सौ तक होती है।

इस बार कार्यकारिणी सदस्यों के साथ ही प्रदेश व सभी 14 संगठनात्मक जिलों के पदाधिकारी, 256 मंडलों के अध्यक्ष, मोर्चों के प्रदेश पदाधिकारी, प्रकोष्ठों के पदाधिकारी शामिल होंगे। माना जा रहा है कि लगभग दो हजार सदस्य इस बैठक में शामिल होंगे।

 

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