विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर संसद में अपना पहला भाषण 1 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दिया। इसमें उन्होंने हिंदु-मुसलमान करके भारतीय समाज को बांटने का काम किया। यही नहीं उन्होंने हिंदुओं को हिंसक बता दिया। इसके साथ ही उन्होंने कई झूठ बोलकर देशवासियों को भ्रमित करने का काम किया। उन्होंने पिछले 10 साल से भारतीय समाज में चल रहे शांतिकाल में आग लगाने की भरसक कोशिश की। राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि हिंदू अगर हिंसक होता तो भारत का विभाजन न होता। हिंदू हिंसक होता तो कश्मीर घाटी हिंदुओं से खाली नहीं हो गई होती। हिंदू हिंसक होता तो आतंकी आक्रमणकारियों द्वारा तोड़े गए अपने देवताओं के मंदिरों की वापसी के लिए अदालतों में कानूनी लड़ाई न लड़ता।
भारतीय समाज में जहर घोलने की साजिश
भारत बुरे हाल में है, मुसलमान डरे हुए हैं, ये बताने का इंटरनेशनल मार्केट है। इस मार्केट की महारानी अरुंधति राय हैं। नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी को इन सबसे बचना चाहिए लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि वे उन्हीं के रास्ते पर चल रहे हैं। आप राहुल गांधी की बातें सुनिए और फिर अरुंधति राय को सुनिए। दोनों की बातें सेम टू सेम है। यह बात सभी जानते हैं कि भारत में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। भारत पांचवीं अर्थव्यवस्था से तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। लेकिन विदेशी ताकतों को यह मंजूर नहीं है। इसीलिए इस तरह का नैरेटिव तैयार किया जा रहा है और समाज में डर फैलाकर जहर घोला जा रहा है। इस तरह की बातें सुनकर विदेशी निवेशक तो एक बार को डर ही जाएगा और निवेश करने से पहले कई बार सोचेगा।
पिछला 10 साल भारत में शांतिकाल रहा
पिछले दस साल को भारत का शांतिकाल कहा जाना चाहिए। इस समय भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती इकॉनमी में एक है। अब पहले की तरह दंगे नहीं होते जिसमें हजार, दो हजार और तीन हजार तक लोग मारे जाते थे। अब दंगे पहले ही तरह महीनों नहीं चलते। आज एक भी लिंचिंग होती है तो नेशनल और इंटरनेशनल न्यूज बनती है। पहले ये नहीं होता था। जानते हैं क्यों? क्योंकि कांग्रेस के दौर के दंगों में हजार, दो हजार या तीन हजार लोगों का मारा जाना नॉर्मल होता था। दिल्ली, मेरठ, मुरादाबाद में हफ्तों दंगे चलते थे। सेना नहीं भेजी जाती थी। लेकिन 10 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस फिर से मुस्लिम तुष्टिकरण के रास्ते पर चल पड़ी है। इससे अगर किसी को चिंतित होना चाहिए सपा के अखिलेश यादव और राजद के तेजस्वी यादव को होना चाहिए। कांग्रेस ने अगर उनसे मुसलमान वोट ले लिया, जिसकी कोशिश है तो यूपी-बिहार की राजनीति फिर से 1990 से पहले के दौर में चली जाएगी।
पिछले 10 वर्षों में अल्पसंख्यकों पर अन्याय बहुत तेज़ी से बढ़े हैं।
भाजपा ने मुसलमानों के विरुद्ध हिंसा और अत्याचार किया है, सिखों और क्रिश्चन्स के खिलाफ नफ़रत फैलाई है – हर अल्पसंख्यक वर्ग पर आक्रमण किया है।
अल्पसंख्यक हर क्षेत्र में हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व करते हैं, नाम… pic.twitter.com/SJ0zCk3FLU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 1, 2024
राहुल ने बोला झूठ, मुसलमान डरे हुए हैं
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि पिछले 10 वर्षों में अल्पसंख्यकों पर अन्याय बहुत तेज़ी से बढ़े हैं। राहुल गांधी ऐसा कहकर डर फैला रहे हैं कि मुसलमानों पर हमले बढ़ गए हैं। ये भारत के विकास के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है, उनका ‘नरसंहार’ हो रहा है, अगर वे सचमुच डरे हुए हैं, तो विश्व इतिहास की ये पहली घटना होगी जब एक पीड़ित, भयभीत समुदाय अपनी आबादी को सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ा रहा है। 1951 की जनगणना में जो समुदाय 10 प्रतिशत से कम था, वह अब के प्रोजेक्शन के हिसाब से 15 प्रतिशत से ज्यादा है। बाकी सब घटे हैं। हिंदू सबसे ज्यादा घटा है। हिंदू जाति पर वोट करता है। मुसलमान एकजुट होकर धर्म के आधार पर। मुसलमानों में जातियां हैं, पर वोटिंग वे एक साथ करते हैं, इसलिए वोट के नतीजों को प्रभावित करने की मुसलमानों की ताकत बहुत अधिक है। वे कतई डरे हुए नहीं हैं। देश के कुछ सबसे बड़े बिजनेसमैन मुसलमान हैं। और वे आराम से अपना काम कर रहे हैं। देश के विकास में योगदान कर रहे हैं। अगर तथ्यों पर गौर किया जाए तो राहुल गांधी के झूठ की चिंदियां उड़ जाएंगी। भारत में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं।
हिंदू हिंसक होते हैंः राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान भगवान शंकर की तस्वीर दिखाते हुए कहा, “मोदी जी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया। इसका कारण है। हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है। हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत। शिवजी कहते हैं- डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं। दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा..नफरत-नफरत-नफरत… आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है सच का साथ देना चाहिए।” राहुल के इस बयान पर हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उठे और कहा, “ये विषय बहुत गंभीर है, पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना ये गंभीर विषय है।”
सदन में दिखाई भगवान शिव की तस्वीर
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हिंदुओं को हिंसक कहने के साथ ही सदन में भगवान शिव की तस्वीर दिखाई। राहुल ने कहा कि शंकर भगवान से सच, साहस और अहिंसा की प्रेरणा मिलती है। उनका कहना था, भगवान शिव कहते हैं कि डरो मत, डराओ मत। उन्होंने भगवान शिव की ‘अभय मुद्रा’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मुद्रा का उल्लेख इस्लाम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन, सभी धर्मों में हैं। इस तरह उन्होंने सनातन को नीचा दिखाने का काम किया है। इंडी अलायंस के दल पहले सनातन को खत्म करने की बात कह चुके हैं। ऐसे राहुल गांधी का सनातन पर बयान एक सोचे-समझे एजेंडे को उजागर करता है।
अग्निवीर पर राहुल गांधी ने बोला झूठ
राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना पर झूठ बोला। उन्होंने कहा, “एक बारूदी सुरंग से एक अग्निवीर शहीद हुआ। मैं उसे शहीद कह रहा हूं लेकिन भारत सरकार और नरेंद्र मोदी उसे शहीद नहीं कहते, उसे अग्निवीर कहते हैं, उसे पेंशन नहीं मिलेगी। उस घर को मुआवज़ा नहीं मिलेगा। शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा।” राहुल गांधी ने कहा, “भारत के एक आम जवान को पेंशन मिलेगी लेकिन एक अग्निवीर को जवान नहीं कहा जा सकता। अग्निवीर यूज़ एंड थ्रो मज़दूर हैं। उसे आप छह महीने की ट्रेनिंग देते हैं जिसे दूसरी तरफ़ पांच साल की ट्रेनिंग पाए चीन के जवान के सामने खड़ा कर दिया जाता है। एक जवान और दूसरे जवान के बीच फूट डाल देते हो। एक को पेंशन मिलेगी, शहीद का दर्ज़ा मिलेगा और दूसरे को न तो पेंशन मिलेगी न ही शहीद का दर्जा मिलेगा।” जबकि सच्चाई ये है कि अग्निवीर के परिवार ने कहा कि उन्हें 1 करोड़ 10 लाख रुपये की मदद मिल चुकी है।
नीट बोला झूठ, नीट कांग्रेस सरकार के समय बनी
राहुल गांधी ने नीट का मुद्दा उठाकर अपनी ही पार्टी की सच्चाई बता दी कि उनकी पार्टी सिर्फ अमीरों के लिए काम करती है गरीबों के लिए नहीं। राहुल गांधी ने संसद में अपने भाषण में कहा कि नीट को इस तरह से डिजाइन किया गया है यह सिर्फ अमीरों के लिए हो, इसमें गरीब छात्रों की कोई जगह नहीं हो। ऐसा बोलकर कांग्रेस पार्टी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया क्योंकि नीट की शुरुआत कांग्रेस सरकार समय ही हुई थी। इसके लिए 15 फरवरी 2012 को मनमोहन सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था और तब शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल थे। विपक्ष ने भारी विरोध किया था लेकिन कांग्रेस सरकार NEET और NTA बनाया और राज्य स्तर पर होने वाली पीएमटी की परीक्षाएं बंद करवा दी।
अयोध्या में विस्थापितों के मुआवजे को लेकर बोला झूठ
लोकसभा में राहुल गांधी ने अपने भाषण में अयोध्या में विस्थापित लोगों को उचित मुआवजा नहीं देने को लेकर झूठ बोला। राहुल गांधी ने कहा कि अयोध्या में एयरपोर्ट बना, लोगों से जमीन छीनी, छोटी-छोटी दुकानें, बिल्डिंग तोड़ी लोगों को सड़क पर ला दिया लेकिन आज तक मुआवजा नहीं मिला। इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस नेता पर सदन में गलत बयान देने आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “संसद में अयोध्या में विस्थापितों को दिए गए मुआवजे को लेकर राहुल गांधी ने गलतबयानी की है. राहुल गांधी का बयान यूपी और अयोध्या को बदनाम करने के लिए दिया गया है। सदन में दिया गया राहुल का झूठा बयान अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है।” उन्होंने बताया कि अयोध्या में विभिन्न विकास कार्यों के दौरान विस्थापित हुए लोगों को 1,733 करोड़ रुपए की धनराशि मुआवजे के तौर पर प्रदान की गई है।
अभय मुद्रा पर खुद घिरे राहुल गांधी, मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा बयान वापस लें
18वीं लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने हिंदू, भगवान शिवजी और अभयमुद्रा का जिक्र किया। अपने इस भाषण में राहुल गांधी ने कहा कि अभयमुद्रा का संकेत भगवान शिव, गुरु नानकदेव, ईसा मसीह, भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ने भी दिया है। राहुल ने कुरान में भी ‘डराना मना है’ का जिक्र है ये बात कही। राहुल गांधी के अभयमुद्रा वाले बयान का मुस्लिम धर्मगुरु ने विरोध किया है और कहा कि इस्लाम में इसका कहीं जिक्र नहीं है। उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए। अजमेर शरीफ के हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा, ‘हमने राहुल गांधी जी का भाषण सुना है। उन्होंने जो इस्लाम की प्रार्थनाओं से अभयमुद्रा को जोड़ा है या इस्लाम में इस मुद्रा के जिक्र की बात की है, ऐसा हमारी धार्मिक किताबों या इस्लाम की शिक्षाओं में कहीं भी नहीं लिखा है।’ ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन कॉउन्सिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि “इस्लाम में अभय मुद्रा हराम है। इस्लाम में अभय मुद्रा का कहीं कोई जिक्र नहीं है।”।
INDI Alliance ने सनातन संस्कृति पर पिछले दिनों जिस तरह जहर उगला, उस पर एक नजर-
सनातन धर्म का विरोध करने में 26 विपक्षी दल एकजुट
चेन्नई में 2 सितंबर को सनातन धर्म के उन्मूलन को समर्पित सम्मेलन में पोनमुडी ने कहा कि सनातन धर्म का विरोध करने की विचारधारा INDI Alliance के भीतर एक साझा उद्देश्य था, जो इसके सदस्य दलों के बीच किसी भी आंतरिक मतभेद से परे था। उन्होंने बताया कि गठबंधन के सभी सदस्य समानता को बढ़ावा देने, अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करने और लैंगिक समानता सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता में एकजुट हैं। इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामाजिक जागरूकता और चेतना बढ़ाने के लिए 26 राजनीतिक दलों वाले I.N.D.I. Alliance की स्थापना की गई थी।
सनातन धर्म मच्छर, डेंगू, फ्लू, मलेरिया की तरहः स्टालिन
तमिलनाडु सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देकर मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डाल दिया है। उदयनिधि ने एक सभा में सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की है। उदयनिधि ने कहा- ”मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना, ये कुछ चीजें ऐसी हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। इसे खत्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए।” यह देश के 100 करोड़ हिंदुओं और सनातनी का अपमान है।
मोदी दोबारा जीतेंगे तो सनातन का राज होगाः मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि नरेंद्र मोदी को वोट मत दीजिए। यदि मोदी दोबारा जीतते हैं तो फिर से देश में सनातनियों का, सनातन धर्म का तथा सनातनियों की सरकार बन जाएगी।
मंदिरों के सामने फांसी पर लटका देंगेः मुस्लिम लीग
केरल में मुस्लिम लीग के सदस्यों द्वारा हिंदू विरोधी नारे लगाए गए। नारे लगाए गए- “तुम्हें मंदिरों के सामने फांसी पर लटका देंगे और जला देंगे।” हालांकि, राहुल गांधी के अनुसार, मुस्लिम लीग एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, इसलिए वे I.N.D.I. Alliance का भी हिस्सा हैं।
हिंदू धर्म को नष्ट करना डीएमके का उद्देश्य
उदयनिधि और उनकी पार्टी द्रमुक की हिंदू धर्म के प्रति नफरत रातोंरात विकसित नहीं हुई; यह शुरू से ही रहा है। यह वीडियो एक साल पुराना है, जिसमें डीएमके के एक मंत्री ने कहा था कि उनकी पार्टी का एकमात्र उद्देश्य हिंदू धर्म को नष्ट करना है।
भगवान गणेश एक मिथक हैंः सीपीआई (एम)
केरल सीपीआई (एम) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन कहते हैं कि भगवान गणेश एक मिथक हैं, लेकिन अन्य धर्मों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी मान्यताएं मिथक नहीं हैं। सीपीएम I.N.D.I. Alliance का एक महत्वपूर्ण गठबंधन भागीदार है।
ममता बनर्जी ने माथे पर तिलक लगाने से किया इनकार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की तीसरी बैठक में भाग लेने के लिए मुंबई के होटल पहुंचीं, लेकिन उन्होंने परिसर में आने वाले सभी मेहमानों को लगाए गए औपचारिक तिलक लगाने से इनकार कर दिया। बैठक के लिए ममता बनर्जी जैसे ही होटल के अंदर पहुंचीं, तो होटल की महिला कर्मी ने उनको माथे पर तिलक लगा कर स्वागत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने माथे पर तिलक लगवाने से मना कर दिया।
केजरीवाल स्वास्तिक और भगवान हनुमान का उपहास किया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार दिल्ली में दिवाली से पहले पटाखे पर तो बैन लगाती ही रही है लेकिन इससे पहले भी केजरीवाल ने कई अवसरों पर देवी-देवताओं का उपहास उड़ाकर हिंदू भावनाओं का मजाक उड़ाया। चाहे भारतीय संस्कृति के शुभ प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक हो या फिर भगवान हनुमान, केजरीवाल ने उनका भी उपहास उड़ाया।
प्रियांक खड़गे ने सनातन को कहा बीमारी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन अर्जुन खड़गे के पुत्र और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता है या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता है वह बीमारी के समान है।
हिंदू मंदिर अश्लील संरचनाओं का एक संग्रहः तिरुमावलवन
I.N.D.I. Alliance से जुड़े सांसद तिरुमावलवन ने कहा, “भगवान अयप्पा का जन्म समलैंगिक विवाह से हुआ था। हिंदू मंदिर अश्लील संरचनाओं का एक संग्रह हैं जबकि मस्जिद और चर्च अच्छी संरचनाएं हैं। तिरुमावलवन, एक दलित कार्यकर्ता और 15वीं लोकसभा में संसद सदस्य हैं। वे भारत के तमिलनाडु राज्य की एक दलित राजनीतिक पार्टी, विड़ूदलाई चिरुतैगल कच्ची के मौजूदा अध्यक्ष हैं।
अनपढ़ और मूर्ख ही सनातन धर्म का पालन करते हैंः डीएमके प्रवक्ता
डीएमके प्रवक्ता कह रहे हैं, “केवल अनपढ़ और मूर्ख ही सनातन धर्म का पालन करते हैं, इसीलिए अधिकांश सनातनी यूपी-बिहार में पाए जाते हैं।”
सनातन धर्म कुष्ठ रोग और एचआईवी से भी ज्यादा घातक: ए राजा
सनातन धर्म के खिलाफ हेट स्पीच देने का सिलसिला नहीं थम रहा है। तमिलनाडु की सत्तारुढ़ पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के नेताओं में सनातन धर्म के खिलाफ जहर उगलने की होड़ मची हुई है। डीएमके के ए राजा ने सनातन धर्म का अपमान करते हुए इसकी HIV से तुलना की है। ए राजा ने कहा- ‘सनातन धर्म सामाजिक बीमारी है। यह कुष्ठ रोग और एचआईवी से भी ज्यादा घातक है।’
राहुल गांधी ने कहा था- ये देश तपस्वी का है पुजारी का नहीं
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि “भारत देश तपस्वी का है पुजारी का नहीं है”। राहुल गांधी के इस बेतुके बयान पर विवाद काफी बढ़ गया। देशभर में पुजारी राहुल गांधी के विरोध में उतर आए तो वहीं संत समाज ने कहा कि पुजारी और तपस्वी में कोई अंतर नहीं होता है। देश के प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तपस्या की है तभी आज वो इस मुकाम पर हैं।
बिहार के शिक्षा मंत्री ने किया भगवान राम का अपमान
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने बीते दिनों रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 11 जनवरी 2023 को कहा कि तुलसीदास की रामचरितमानस “समाज में नफरत फैलाती है”। बिहार के शिक्षा मंत्री की टिप्पणी राष्ट्र के राम भक्तों और सर्व समाज के भक्तों का घोर अपमान है। यह बयान जातीय विवाद पैदा करने, हिंदुओं को जातियों में बांटने के घृणित सोच के तहत दिया गया जिससे चुनावी लाभ हासिल किया जा सके।
केजरीवाल के करीबी ने शपथ दिलाई- मैं किसी हिंदू देवी-देवता को नहीं मानूंगा
केजरीवाल के करीबी और दिल्ली सरकार में तब मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने 5 अक्तूबर 2022 को एक कार्यक्रम में लोगों को हिंदू देवी-देवताओं को ईश्वर ना मानने की शपथ दिलाई थी। शपथ दिलाते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश को नहीं मानूंगा। मैं राम-कृष्ण की पूजा नहीं करूंगा। मैं किसी हिंदू देवी-देवता को नहीं मानूंगा।’ वीडियो सामने आने के बाद काफी विवाद हुआ था।
ममता बनर्जी को जय श्रीराम के नारे से चिढ़ है
पश्चिम बंगाल कि सीएम ममता बनर्जी को सनातन प्रतीकों और जय श्रीराम से चिढ़ है। मुंबई की बैठक में पहुंचे ममता ने तिलक लगाने से इनकार कर दिया वहीं उन्होंने 2019 में इंटेलिजेंस एजेंसियों को निर्देश देते हुए कहा है कि जो लोग जय श्रीराम के नारे लगाते दिखें उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। पश्चिम बंगाल की हिंदू विरोधी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदुओं की आस्था पर लगातार प्रहार करती रहती हैं। ममता राज में राज्य में पूरी तरह से तालिबानी शासन है। पश्चिम बंगाल में हिंदू देवी-देवताओं का नाम लेना अपराध बन गया है। यहां हिन्दुओं को न तो मंदिरों में पूजा करने की आजादी है और न ही सार्वजनिक रूप से जय श्री राम बोलने की।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बताया बकवास
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हिंदू धर्म, रामचरितमानस और ब्राह्मणों पर विवादित बयान दे रहे हैं। रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान देकर विवाद को बढ़ा दिया है। सपा नेता ने कहा, रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों के खिलाफ पार्टी के अंदर से ही विरोध के सुर उठने लगे। अमेठी से सपा विधायक राकेश प्रताप ने मौर्य कहा कि राम के चरित्र पर टिप्पणी करने वाला न तो सनातनी हो सकता है और न ही समाजवादी हो सकता है। ऐसा करने वाला सिर्फ एक विक्षिप्त प्राणी हो सकता है। लेकिन अखिलेश के करीबी स्वामी प्रसाद मौर्य अपने एजेंडे में लगे हुए हैं।
उद्धव ने कहा था- अयोध्या में भूमि पूजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह के पहले महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के एक मशविरे पर विवाद शुरू हो गया। उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर का भूमि पूजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराने का सुझाव दिया था जिस पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ये बयान शिवसेना के पतन का परिचायक है। यह सुझाव केवल एक अंधे विरोध करने की भावना से आया है। आलोक कुमार ने कहा कि यह शिवसेना का कैसा पतन है, जिसे कभी बाला साहब ठाकरे ने प्रखर हिंदुत्व की राजनीति के लिए गढ़ा था।
पीएम मोदी सनातन के उत्थान से दिला रहे भारत का प्राचीन वैभव
वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी ने जब देश की बागडोर संभाली तो तीर्थक्षेत्र के अर्थशास्त्र को नई ऊंचाई देने का काम शुरू किया। मोदी सरकार ने पिछले नौ साल के कार्यकाल में ऐसे कई तीर्थक्षेत्रों का विकास किया है जिससे न केवल देश में पर्यटन को नई ताकत मिली है बल्कि सनातन संस्कृति के उत्थान से अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है। पिछले कुछ सालों में तीर्थ क्षेत्रों में विस्तार और सुविधाओं में बढ़ोतरी से भक्तों की संख्या यहां इतनी अधिक हो गई है कि अब पर्यटन से इतर हिंदू तीर्थ क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में एक अलग आर्थिक क्षेत्र भी बनता दिख रहा है और इस पर न रिसेशन की माया है न ही NPA का काला साया। यह सब पीएम मोदी के विजन से संभव हो पाया है। भारत की यह अनोखी अर्थव्यवस्था सैकड़ों सालों से चली आ रही है और अब 2014 के बाद पीएम मोदी भारत को प्राचीन वैभव दिला रहे हैं।