विशेष संवाददाता
रांची । झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ गए। लैंड स्कैम मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार हेमंत सोरेन 149 दिनों बाद जेल से बाहर निकले। रांची स्थित बिरसा मुंडा केद्रीय कारागार से बाहर निकलने पर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और जेएमएम के कई वरिष्ठ नेताओं-कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान कल्पना सोरेन के आंखों में खुशी के आंसू छलक आएं, वहीं पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने हाथ हिलाकर सभी का स्वागत किया।
जेल से बाहर आने के बाद हेमंत पिता शिबू सोरेन से मिलने पहुंचे
इससे पहले हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर हेमंत सोरेन के जेल से निकलने को लेकर कार्यवाही शुरू हुई। हेमंत सोरेन की ओर से उनके छोटे भाई बसंत सोरेन पीएमएलए कोर्ट पहुंचे। साथ ही उन्होंने जमानत को लेकर कानूनी प्रक्रिया शुरू की। कोर्ट के रिलीज ऑर्डर के साथ बसंत सोरेन भी जेल पहुंचे। वहीं पत्नी कल्पना सोरेन भी जेल पहुंची।
50-50 हजार रुपये के दो निजी मुचलके पर जमानत
हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन की जमानत के लिए 50-50 हजार रुपये के दो निजी मुचलके पीएमएलए कोर्ट में भरने का निर्देश दिया था। इसे लेकर उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में सारी कानूनी प्रक्रिया को पूरी की। इसके बाद पीएमएलए कोर्ट ने रिलीज आदेश बिरसा मुंडा जेल प्रशासन को भेजा। रिलीज ऑर्डर मिलने के बाद जेल प्रशासन ने हेमंत सोरेन को जमानत पर छोड़ दिया।
जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में पिछले तीन दिनों तक सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल होने के ठोस सबूत नहीं मिले।
हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद किसने क्या कहा…
हर अत्याचारी का अंत बुरा ही होता है। तानाशाहों के पास जितनी भी शक्ति है, बंदूक, गोले बारूद हों – अंत में हमेशा सत्य की ही जीत होती है।
शरद पवार- उन्हें राजनीति से प्रेरित मामले में जेल भेजा गया। 149 दिन के संघर्ष को आज न्याय मिला। कोर्ट से हेमंत सोरेन को मिली जमानत से यह अहसास और मजबूत हो गया है कि सत्य की जीत अब ज्यादा दूर नहीं है। हम एनडीए सरकार से मांग करते रहेंगे कि वह बदले की भावना से कोई कार्रवाई न करे। यह सुनिश्चित करने का प्रयास करे कि लोकतंत्र संविधान के अनुरूप फले-फूले।
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी- महत्वपूर्ण आदिवासी नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक मामले के कारण इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन आज उन्हें माननीय उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई। हेमंत, हमारे बीच फिर से आपका स्वागत है।
ED ने जमानत का किया था विरोध – 13 जून को ED की ओर से वकील एसवी राजू ने कहा कि हेमंत सोरेन को जमानत नहीं दी जा सकती। वे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उन्हें जमानत मिली तो वे राज्य की मशीनरी का इस्तेमाल करते हुए जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
ED ने कोर्ट में आरोप लगाया कि सोरेन ने अवैध तरीके से बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जा किया। यह पीएमएलए-2002 में निहित प्रावधानों के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग है।