विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। सीबीआई ने दिल्ली शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुधवार को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. जांच एजेंसी ने उन्हें तिहाड़ जेल से ले जाकर राउज एवेन्यू कोर्ट (ट्रायल कोर्ट) में पेश किया, जहां से कोर्ट की इजाजत लेकर उनको गिरफ्तार किया. वहां से कोर्ट ने केजरीवाल को तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया. 29 जून शाम 7:00 बजे से पहले उनको फिर से अदालत में पेश करना होगा. सीबीआई कस्टडी में केजरीवाल घर का खाना, दवाईयां और रोज पत्नी व वकील से एक घंटे की मुलाक़ात कर सकेंगे. हालांकि, CBI ने कोर्ट से 5 दिन की रिमांड मांगी थी.
सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने कोर्ट में कहा कि मैं और मनीष सिसोदिया दोनों निर्दोष हैं. हमने कभी मनीष पर दोष को नहीं मढ़ा है. CM ने यह बयान तब दिया जब CBI ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल ने इस घोटाले का सारा दोष मनीष सिसोदिया पर मढ़ा है. इससे पहले कोर्ट रूम में ही सुनवाई के दौरान केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई थी. उनका ब्लड शुगर लेवल डाउन हुआ तो चाय नाश्ता कराया गया.
बता दें, 25 जून की रात सीबीआई ने तिहाड़ जेल जाकर केजरीवाल से पूछताछ की थी और उनके बयान किए थे. केजरीवाल पर आबकारी नीति घोटाले का आरोप है. केजरीवाल फिलहाल ईडी के गिरफ्त में हैं और मनी लॉड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं.
जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे केजरीवालः
इस बात के पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि CBI भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है. अब अगर सुप्रीम कोर्ट ने अगर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे भी दी तो केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. बता दें कि CBI और ED ने दिल्ली शराब नीति मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर अगस्त 2022 में केस दर्ज किए थे. ED ने 21 मार्च को शराब नीति मामले में केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था. उन्हें 1 अप्रैल को तिहाड़ भेजा गया.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी. केजरीवाल इसी दिन जेल से बाहर आए. उन्होंने 1 जून तक चुनाव प्रचार के बाद 2 जून की शाम को तिहाड़ जेल में सरेंडर किया था. वो तीन जुलाई तक न्यायिक हिरासत में हैं.
मंगलवार की देर रात यह दावा किया गया कि सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, बाद में पता चला कि जांच एजेंसी ने उनसे सिर्फ पूछताछ की और तिहाड़ से वापस लौट गई. CBI और ED ने दिल्ली शराब नीति मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर अगस्त 2022 में केस दर्ज किए थे. ED ने 21 मार्च को शराब नीति मामले में केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था. उन्हें 1 अप्रैल को तिहाड़ भेजा गया.
केजरीवाल पर यह है आरोपः
ईडी और सीबीआई ने केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है कि दिल्ली आबकारी नीति में हेरफेर करने के लिए साउथ ग्रुप के मेंबर्स से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली. आम आदमी पार्टी ने घोटाले के रुपयों का एक हिस्सा 2022 में गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान इस्तेमाल किया था. इस तरह आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया.
कौन हैं साउथ ग्रुप के मेंबर्सः
साउथ ग्रुप में अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर शरत रेड्डी, YSRCP के लोकसभा सांसद एम. श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा और कविता शामिल थे. इस ग्रुप का प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुचीबाबू ने किया था. तीनों ही शराब घोटाले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
CBI और ED दोनों क्यों कर रहे हैं जांच?:
पूरा मामला दिल्ली की शराब आबकारी नीति मामले से जुड़ा हुआ है. मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए हैं. ईडी का दावा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ घोटालों को लेकर पर्याप्त सबूत हैं. अरविंद केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिल पाई है.
वहीं, दूसरी ओर सीबीआई दिल्ली की नई शराब नीति बनाने और इसे लागू करने में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच कर रही है. अगस्त 2022 में दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने नई उत्पाद शुल्क नीति को रद्द कर दिया था.
सीबीआई का आरोप है कि उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करने में अनियमितताएं बरती गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री होने के नाते दिल्ली सरकार के मुखिया हैं इसलिए सीबीआई उन्हें भी अपनी जांच के घेरे में ले रही है.