संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो चिट फंड कंपनी में निवेश करने के नाम पर 100 से ज्यादा लोगों से अब तक दो करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी कर चुका है. आरोपी पिछले 4 साल से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था.
अब क्राइम ब्रांच की टीम ने उसको हिमाचल प्रदेश के पालमपुर से धरदबोचने में सफलता हासिल की है. पुलिस ने उसके ऊपर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया हुआ था. आरोपी की पहचान ईस्ट ऑफ कैलाश के प्रेम वाधवा (64) के रूप में हुई है. आरोपी यह चिट फंड कंपनी अपने साले हरीश के साथ मिलकर संचालित कर रहा था.
क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त सतीश कुमार ने बताया कि 64 साल का आरोपी प्रेम वाधवा अपने पिता की श्रीनिवास पुरी में दूध की दुकान चलाने का काम करता था. इसके चलते उसकी लोगों से अच्छी जान पहचान भी बन गई थी. उसने साल 2007 में एक चिट फंड में इन्वेंस्टमेंट कराने का कारोबार शुरू किया और लोगों को उसमें निवेश करने के लिए राजी भी कर लिया. इस कंपनी को वो 2020 तक चला रहा था और करीब 100 लोगों से 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की मनी अर्जित भी कर चुका था. लेकिन अचानक वो गायब हो गया. चिट फंड कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने वाले करीब 50 लोगों ने आर्थिक अपराध शाखा में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया.
ऐसे हो रहा था फ्रॉड
डीसीपी के मुताबिक श्रीनिवास पुरी में चलाई जा रही चिट फंड में मनी इन्वेस्टमेंट करने वाले लोगों का पैसा आरोपी प्रेम वाधवा का साला हरीश ही इकट्ठा करता था. इस कंपनी में लोग अपने बचत रकम का कुछ हिस्सा इन्वेस्टमेंट में लगाकर मुनाफा कमाने के लिए जमा कर रहे थे, लेकिन मार्च 2020 में अचानक प्रेम वाधवा गायब हो गया. आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदले और वर्तमान में वह हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में रह रहा था.
इस तरह से पकड़ा गया
मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच को आरोपी के खिलाफ गुप्त सूचना मिली, जिसके बाद एसीपी नरेंद्र सिंह की निगरानी में इंस्पेक्टर संदीप स्वामी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया और आरोपी की धर पकड़ के लिए योजना तैयार की गई. डीसीपी के मुताबिक मैन्युअल और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला कि आरोपी चंडीगढ़ से लेकर पंजाब, हिमाचल और दूसरे राज्यों में लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा है. आखिर में उसकी लोकेशन हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में पता चली. इसके बाद टीम आरोपी को पकड़ने के लिए हिमाचल प्रदेश के पालमपुर रवाना हुई जहां टीम के सदस्य सब इंस्पेक्टर रवि सैनी को गुप्त सूचना मिली कि आरोपी बस स्टैंड पालमपुर हिमाचल प्रदेश के पास आने वाला है. इसके बाद टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए पूरा जाल बिछाया और उसको पालमपुर के बांदला गांव से गिरफ्तार कर लिया गया. उसने क्राइम ब्रांच में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली है. आरोपी 11वीं क्लास तक पढ़ा है और शानदार जीवन जीने के लिए उसने लोगों को चिटफंड के माध्यम से ठगने का कारोबार शुरू किया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तारी करने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.