विशेष संवाददाता
- भाजपा के पार्षद पर लगा है उगाही की रकम न देने पर दंपत्ति से मारपीट का आरोप
- मारपीट व खोखा पलटने का वीडियों वायरल होने पर पुलिस ने किया गिरफ्तार
- मेयर ने बताया बहुत शरीफ है उनका पार्षद, पुलिस ने गिरफ्तार कर गलत किया
- भाजपा के दो दर्जन से अधिक पार्षदों ने पुलिस मुख्यालय पर प्रर्दशन कर लगाया जाम
- मारपीट प्रकरण के बाद मेयर व पार्षदों के आरोपियों के पक्ष में आने से सामने आया भाजपा का चेहरा
- लोग सवाल उठा रहे अगर अगर दंपित्त देर रात तक खोखा खोलते थे तो पुलिस से शिकायत करते मारपीट क्यों की
गाजियाबाद । गाजियाबाद में वार्ड नंबर 28 राजीव कालोनी के भाजपा पार्षद सुधीर कुमार बाल्मिकी की गुंडई के मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन प्रकरण में भाजपा के पार्षदों व मेयर ने सामने आकर जिस तरह आरोपी पार्षद की पैरवी शुरू कर उसे निर्दोष बताना शुरू किया है उससे इन जनप्रतिनिधियों का चाल, चरित्र और चेहरा साफ उजागर हो गया है। वोट लेने के लिए कुछ महीना पहले यही मेयर और पार्षद जनता के सामने गिडगिडा रहे थे। लेकिन अब आलम देखिए कि देर रात तक खोखा लगाकर परिवार का भरण पोषण करने वाले दंपित्त ने पार्षद को गुंडा टैक्स नहीं दिया तो उसके साथ न सिर्फ मारपीट की गई बल्कि उसका ठेला भी पलट दिया गया। इस गुंडागर्दी का वीडियों जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो साहिबाबाद पुलिस ने मारपीट, छेड़छाड़, लूट और रंगदारी मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपी पार्षद को जेल भेज दिया। होना तो ये चाहिए था कि मेयर को अपनी पार्टी से ऐसे पार्षद की घिनौनी हरकत की शिकायत करके उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहना चाहिए था लेकिन हुआ इसके एकदम उलट मेयर साहिबा आरोपी पार्षद का चरित्र प्रमाण पत्र देकर उसे शरीफ इंसान बताने लगी और पुलिस अफसर पर उसे छोड़ने का दबाव बनाने लगी।
मेयर सुनीता दयाल कहना है कि उनका पार्षद शरीफ और सम्मानित है। पुलिस द्वारा पार्षद पर बेवजह कार्रवाई की गई है। उन्होंने साहिबाबाद एसएचओ को फोन कर इस मामले को निपटाने के लिए कहा था। लेकिन इसके बाद भी एसएचओ ने पार्षद को हवालात में डाल दिया। यह सब बहुत गलत हुआ है।
मेयर सुनीता दयाल का कहना है कि जितने बड़े आरोप उस पर लगा दिए गए, वो ऐसा पार्षद नहीं है। बड़ा शरीफ पार्षद है। वहां रात के 2 बजे कौन शरीफ लोग खोखा खोलकर बैठता है। पता नहीं किस बात पर झगड़ा हुआ। थोड़ा-बहुत झगड़ा हुआ, जिसे इतना तूल दे दिया। पार्षद ने गलत काम नहीं किया, ये मैं भी जानती हूं। लेकिन एसएचओ ने पार्षद को छोड़ने की बजाय हवालात में डाल दिया।
पुलिस कमिश्नर के बयान से हूं आहत
मेयर ने कहा, मेरी इस बारे में पुलिस कमिश्नर से भी बात हुई। जिस तरह से उन्होंने पार्षद के विषय में बोला, मैं बड़ी आहत हूं। पुलिस कमिश्नर ने उसको गुंडा, बदमाश, मवाली बताया। मैंने कहा कि आप इतनी बड़ी-बड़ी बात कर रहे हैं उसके बारे में, क्या आप जानते हैं? बल्कि पार्षद तो गलत काम के खिलाफ मुझसे ही शिकायत करता रहता था। मेयर ने कहा कि इस षड़यंत्र में एक गैंग शामिल है, जो हरिद्वार तक डग्गेमार बस चलवाता है। इन बस वालों और खोखे वालों का आपस में मिले हुए हैं।
मेयर के बयान की हो रही आलोचना
गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल का अजीब बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि उन पर जो बड़े आरोप लगे हैं, उसे देखते हुए वह ऐसे पार्षद नहीं हैं। वह बहुत सम्मानित पार्षद हैं। मेयर के इस बयान की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है। यूजर मेयर को जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं। एक यूजर का कहना है कि मेयर को आंख बंद करके सपोर्ट नहीं करना चाहिए। उनके पार्षद ने अपराध किया है जिसकी उन्हें सजा मिली है। मेयर साहिबा आप किसी को करेक्टर सर्टिफिकेट देने वाली कौन होती हैं। एक यूजर ने तो यहां तक लिखा कि मैडम जब वोट चाहिए था तो हाथ जोडकर इसी जनता के आप और आपके पार्षद गिडगिडा रहे थे। अब गुंडा टैक्स नहीं मिल रहा तो लोगों से गुंडई करेंगे। मेयर साहिबा अगर आपके शरीफ पार्षद को इतनी ही परेशानी थी तो नगर निगम में लिखित शिकायत देता पुलिस कंपलेंट करता खुद गुंडागर्दी करने की क्या जरूरत आ पडी। बता दें कि मेयर बनने के बाद से ही सुनीता दयाल लगातार विवादों में बनी हुई हैं कभी अतिक्रमण के नाम पर हिन्दू धर्म स्थलों को तोडने का लेकर तो कभी कूडा उठाने के विवाद में उन पर लगातार उंगलिया उठती रही हैं।
मेयर ही नहीं भाजपा के पार्षद भी नंगई पर उतरे डीसीपी सिटी की नोकझोंक, लगाया जाम
दंपती से मारपीट के आरोप में गिरफ्तार भाजपा पार्षद सुधीर कुमार बाल्मिकी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में मेयर तो बुधवार को पार्षदों ने भी जमकर हंगामा काटा । वह देर शाम पुलिस कमिश्नर से मिलने वाले थे। उन्होंने हापुड़ रोड पर जाम लगा दिया। इससे हापुड़ रोड पर लगभग एक किलोमीटर लंबा जाम लग गया। सूचना पर एडीशनल सीपी कल्पना सक्सेना, डीसीपी सिटी ज्ञानन्जय सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसे लेकर पार्षदों और डीसीपी के बीच काफी नोकझोंक हुई। पार्षदों ने इस मामले में एसएचओ साहिबाबाद और मोहन नगर चौकी प्रभारी को निलंबित करने की मांग की है। मांगे न मानी जाने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। इसके बाद सभी पार्षद वापस लौट गए। ऐसा लगता है कि जो पार्षद आरोपी पार्षद की पैरवी करने गए थे उन्हें ऐसा लग रहा था कि मानों उनके हितों पर चोट लगी है।
बता दें कि साहिबाबाद थाना क्षेत्र के मोहननगर में महिला सीता अपने पति राम उदगार और दो बेटों के साथ रहती हैं। दंपती एक बंद फैक्टरी में चौकीदारी करते हैं। फैक्टरी के बाहर उनकी चाय की दुकान है। आरोप है कि पार्षद सुधीर कुमार ने दुकान लगाने की एवज में छह हजार रुपये की मांग करता है। रविवार रात पार्षद अपने दो भाइयों के साथ दुकान पर पहुंचा और उनसे सामान लेकर चल दिया। जब उन्होंने रुपये मांगे तो वह आग बबूला हो गया। गाली गलौज कर दुकान हटवाने की धमकी दी। आरोप है कि महिला के विरोध करने पर उन्होंने अभद्रता की और पीटा भी। आरोप है कि पार्षद के भाई ने कान और नाक से सोने के गहने छीनकर तीन हजार रुपये लूट लिए। शिकायत पर पुलिस ने सोमवार रात को पार्षद सुधीर, उसके भाई संदीप और अज्ञात के खिलाफ मारपीट, बलवा, छेड़छाड़, लूट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी पार्षद को गिरफ्तार कर लिया।
उगाही करने का भी आरोप
वहीं पार्षद सुधीर कुमार का कहना है कि देर रात तक दुकान खुलने का विरोध किया था। उनके समर्थक साथ में पहुंचे थे। दुकानदार अवैध रूप से शराब बेचता है। उन्हें बदनाम करने के लिए यह आरोप लगाए जा रहे हैं। उनके ऊपर लगाए आरोप निराधार हैं।
जबकि पीड़ित दुकानदार ने आरोप लगाया है कि पार्षद यहां दुकान लगाने वालों से प्रतिदिन दो सौ रुपये मांगता है। मना करने पर धमकी देता है। दुकान हटवा देता है। दुकानदार ने उगाही करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।