संवाददाता
नई दिल्ली। ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए केंद्र सरकार फुल एक्शन मोड में है। इसके लिए सरकार ने नया प्लान बनाया है। जिसके तहत सरकार करीब 18 लाख सिम और मोबाइल कनेक्शन को अगले 15 दिन में बंद करने जा रही है। ये पहली बार होगा जब इतनी ज्यादा संख्या में सरकार मोबाइल और सिम कनेक्शन बंद करने जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक टेलिकॉम विभाग की ओर से बीते 9 मई को टेलिकॉम कंपनियों जैसे जियो, एयरटेल और वीआई को 28,220 मोबाइल बैंड को बंद करने का निर्देश दिया था। साथ ही करीब 20 लाख मोबाइल कनेक्शन का दोबारा से वेरिफिकेशन करने का निर्देश भी दिया गया था। इसके पीछे कारण मोबाइल हैंडसेट से हो रहे ऑनलाइन फ्रॉड है।
केंद्र की मोदी सरकार ने देश से साइबर क्राइम और ऑनलाइन फ्रॉड को हटाने के लिए सिम कार्ड्स को बंद करने का फैसला किया है। प्लान के तहत सरकारी और प्राइवेट एजेंसियों की मदद से ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों की पहचान की जाएगी। सूत्रों की मानें, तो टेलिकॉम कंपनियां मोबाइल कनेक्शन और सिम कार्ड का रीवेरिफिकेशन करेगी, उसके बाद उन्हें ब्लॉक कर सकती है। टेलिकॉम कंपनियों की ओर से अगले 15 दिनों में फर्जी मोबाइल और सिम कार्ड को बंद करने का टास्क दिया गया है।
देश में मोबाइल फोन से होने वाले साइबर क्राइम में तेजी से इजाफा हो रहा है। एनसीआरपी की मानें, तो साल 2023 में डिजिटल फाइनेंशिल फ्रॉड में करीब 10,319 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस मामले में 694,000 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
फ्रॉड के लिए अलग रीजन के सिम अलग रीजन में इस्तेमाल किए जाते हैं। पिछले साल साइबर फ्रॉड में शामिल 37,000 सिम कार्ड को बंद किया गया है। इसी दौरान करीब 17 मिलियन मोबाइल कनेक्शन को बंद किया गया है। इसके अलावा 1,86,000 हैंडसेट को ब्लॉक किया गया है।
आजकल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से सिम क्लोनिंग जैसी घटनाएं भी सामने आ रही हैं, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड को करने में किया जाता है। सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ साइबर क्राइम, डिजिटल फ्रॉड जैसे कामकाज में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने के लिए सरकार ने ये एक्शन प्लान तैयार किया है। ऐसे लोगों के मोबाइल हैंडसेट को बंद करने के साथ सिम कार्ड ब्लॉक किया जाएगा