विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। यूएपीए मामले में न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी को अवैध मानते हुए आज सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। वकील अर्शदीप खुराना ने कहा कि कोर्ट ने उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है।
पूरी कार्यवाही अवैध थी: वकील अर्शदीप खुराना
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी और रिमांड की कार्यवाही को अवैध माना है और पुरकायस्थ की रिहाई का निर्देश दिया है। ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत बांड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। अर्शदीप खुराना ने कहा कि हम शुरुआत से कहते आए हैं कि उनके खिलाफ पूरी कार्यवाही अवैध थी और गिरफ्तारी का तरीका भी अवैध था। यह आदेश जस्टिस बी आर गवई और संदीप मेहता की पीठ ने जारी किया। अदालत ने ये भी कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी के समय ये नहीं बताया गया कि इसका आधार क्या था. इसकी वजह से गिरफ़्तारी निरस्त की जाती है।
प्रबीर पुरकायस्थ के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को हिरासत में लिए जाते समय गिरफ़्तारी का आधार नहीं बताया गया था, जबकि इसकी जानकारी लिखित में दी जानी चाहिए थी। हालांकि, दिल्ली पुलिस की ओर से एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि पुरकायस्थ को बताया गया था कि उनकी गिरफ़्तारी किन आधारों पर की गई है। उन्होंने कहा कि लिखित में इसकी जानकारी देना यूएपीए के तहत अनिवार्य नहीं है।
क्या था मामला?
प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ शिकायत थी कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए एक समूह – पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) के साथ साजिश रची थी। आरोप था कि समाचार पोर्टल का इस्तेमाल देश की संप्रभुता के खिलाफ किया गया था।