संवाददाता
लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार (7 मई 2024) को ऐसा कदम उठाया, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. मायावती ने बीते रोज 7 मई को अपने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक और अपने उत्तराधिकारी के पद से हटाने का ऐलान किया है. दिलचस्प बात ये है कि आकाश आनंद ने महज पांच महीने पहले ही ये पद दिया गया था. एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर पोस्ट करते हुए मायावती ने इस बात की घोषणा की कि ये निर्णय पार्टी के हित में लिया गया है, जब तक कि आनंद पूरी तरह परिपक्व नहीं हो जाते. उन्होंने कहा कि उनके भाई और आकाश पहले की तरह आपनी जिम्मेदारियां निभाएंगे.
एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए बसपा सुप्रीमो ने ये तो बता दिया कि पार्टी आकाश आनंद को उनके पद से हट रही है, लेकिन इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि आखिर आनंद को उनके पद से हटा ने के पीछे की वजह क्या है. आश्चर्य की बात तो ये भी है कि ये निर्णय लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के दिन लिया गया. मायावती द्वारा एक्स पर ये पोस्ट किया गया कि उनकी पार्टी बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के स्वाभिमान और सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए एक आंदोलन है. इसके लिए मैने और कांशीराम जी ने अपना जीवन समर्पित किया और इस आंदोलन तो और भी आगे बढ़ाने के लिए हम नई पीढ़ी को जोड़ रहे हैं. यही कारण है कि हमने आकाश आनंद को समन्वयक बनाया था, लेकिन पार्टी के हित में उनको अभी और परिवक्व होने की आवश्यक्ता है.
कौन है आकाश आनंद
आकाश आनंद BSP सुप्रीमों मायावती के भाई के बेटे हैं. लंदन के इंस्टीट्यूट से एमबीए की पढ़ाई की. आकाश का पहला भाषण अप्रैल 2019 में आगरा की कोठी मीना बाजार मैदान में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिया था. इस प्रचार में वह समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मंच पर बैठे थे. उनके इस भाषण को लोगों ने खूब पसंद किया और जय भीम, जय भारत के नारे भी लगाए थे. यही नहीं उस भाषण के बाद उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और अन्य नेताओं से खूब प्रशंसा अर्जित की. 2019 जून में उनको राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया था. इसके बाद साल 2022 जनवरी में अपने जन्मदिन के मौके पर मायावती ने कहा था कि वह पार्टी में उनकी भूमिका बना रही हैं.
मायावती ने कहा था कि आकाश आनंद अभी युवा हैं और राजनीति में और परिपक्वता हासिल कर रहे हैं. पहले उनको पार्टी का आधार को बड़े पैमाने पर लेकर जाने की जिम्मेदारी सौंपी थी. वहीं सही समय आने पर उनको चुनाव लड़ने का भी मौका दिया जाएगा. आकाश आनंद की शादी मार्च 2023 में गुरुग्राम में BSP सासंद अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा सिद्धार्थ से हुई थी.
क्या था आकाश आनंद का विवादित बयान
बात बीते माह 28 अप्रैल 2024 की है, जब आकाश आनंद सीतापुर में एक चुनावी रैली में गए थे. इस रैली में उन्होंने आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था, जिसके कारण उनके उपर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया है. इसपर जिला प्रशासन द्वारा इसके स्वत: संज्ञान लिया गया.
आकाश आनंद ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार आलोचना की और कहा कि ये सरकार बुलडोजर सरकार और देशद्रोहियों की सरकार है, जो कि युवाओं को भूखा छोड़ देती है और बड़े बूढ़ों को अपना गुलाम बना कर रखती है. उन्होंने यूपी की BJP सरकार को आतंकवादी बताया और कहा कि ऐसा तो अफगानिस्तान में होता है. पुलिस ने इस मामले में कहा था कि आनंद के अलावा ये मामला उनके साथ BSP के उम्मीदवार महेंद्र यादव, अक्षय कालरा और विकास राजवंशी पर भी दर्ज किया गया है.
विपक्ष ने पूछे सवाल
आनंद को पद से हटाए जाने के बाद कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि मायावती द्वारा अपने भतीजे को पार्टी समन्वयक और अपने उत्तराधिकारी के पद से हटाने की बात बेहद शॉकिंग है. उन्होंने सवाल किया कि क्या BJP के दबाव में आकर तो मायावती ने ये निर्णय नहीं लिया है? इसका जवाब तो आपको देना ही होगा. समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि BSP और BJP का अघोषित गठबंधन है और जिस तरह से आकाश आनंद को उनके पद से हटाया गया है, ये इस बात का सबूत है. जनता ये देख रही है और उनको इस बात का सबूत भी मिल गया है.
BJP का जवाब
BSP प्रमुख मायावती का कटाक्ष करते हुए BJP नेता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि मायावती ऐसे पार्टी चलाती हैं जैसे की कोई प्राइवेट लिमिटेड संस्थान हो और वह कभी भी कोई भी निर्णय ले लेती हैं. रही बात आकाश आनंद के बयान की तो लोगों के अंदर उनको लेकर गुस्सा देखा गया, जिसके बाद मायावती ने अपने भतीजे को पद से हटा दिया.