संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच टीम ने जम्मू कश्मीर से फर्जी तरीके से अवैध शस्त्र लाइसेंस तैयार करवाकर पिस्टल, रिवाल्वर व राइफल , बंदूक खरीदने वाले एक गिरोह का पर्दाफास करते हुए एक शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया है।
क्राइम ब्रांच के एडीसीपी सच्चिदानंद ने बताया कि पकड़े गए आरोपों का नाम परमेंद्र है वह बीए पास है तथा आर्मी से नायब सूबेदार पद से रिटायर है। आर्मी में नौकरी के दौरान साल 2012- 2013 में जब उसकी पोस्टिंग माल कैंप, हिमाचल प्रदेश में थी तो इस दौरान वहां पर आर्मी वालों का शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए जम्मू कश्मीर से तीन-चार एजेंट आते रहते थे। परमेंद्र को भी शस्त्र लाइसेंस बनवाना था तो उसने एक एजेंट जिसका नाम अमित मुतरेजा उर्फ अनिकेत अवस्थी उर्फ अनिरुद्ध जो शास्त्री नगर, जयपुर का रहने वाला था वह अपने साथी कृष्ण कुमार सोनी के साथ शस्त्र लाइसेंस बनवाने का काम करता था। उन्होंने परमेंद्र को कहा कि जम्मू और कश्मीर में उसकी जान पहचान है। तुम्हें थोड़े से पैसे खर्च करने पड़ेंगे हम ही तुम्हारा शस्त्र लाइसेंस बनवाकर दे देंगे। परमेंद्र ने परेशानी से बचने के लिए अमित मुतरेजा को 15000 रूपए और अपना पहचान पत्र वह अन्य कागजात दे दिए ।
अमित मुतरेजा ने जम्मू – कश्मीर से परमेंद्र का लाइसेंस बनवा दिया था और कहा कि मेरी जम्मू-कश्मीर में शस्त्र लाइसेंस बनाने वालों से अच्छी बात है। तुम्हारा कोई भी जानकार हो जो आर्मी की नौकरी न भी करता हो तो भी मैं उसका सस्ता लाइसेंस बनवा दूंगा। लेकिन उसका खर्चा ज्यादा आएगा। परमेंद्र को उसने कमीशन देने का वादा किया तो वह लालच में आ गया। उसके बाद परमेंद्र ने गाजियाबाद व नोएडा के अपने जानने वाले कुछ लोगों से संपर्क करके अमित मुतरेजा के साथ मिलकर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए उन लोगों के पहचान पत्र और अन्य कागजात में रुपए लेकर उनके कागजों में कुछ और फर्जी कागज लगाकर जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ कुपवाड़ा से में जिलाधिकारी कार्यालय के शास्त्र विभाग में कुछ अधिकारियों कर्मचारियों के साथ सेटिंग कर उनके फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवा दिए।
कुछ लोगों के कागजों की छाया प्रति परमेंद्र ने अपने पास रखी थी। पिस्तौल का लाइसेंस बनवाने के लिए परमेंद्र उन लोगों से 80000 हज़ार प्रति लाइसेंस पर राइफल के लाइसेंस के लिए 90000 प्रति लाइसेंस लेता था। पूरी प्रक्रिया समझने व देखने के बाद परमेंद्र को लगा कि जम्मू कश्मीर से शस्त्र लाइसेंस बनाना बहुत आसान है। तो उसने वहां के शस्त्र कार्यालय में सेटिंग से कुछ सादी शस्त्र लाइसेंस की किताबें निकलवा ली। बाद में उसने उन सदा शस्त्र लाइसेंस की किताबों को अपने शस्त्र लाइसेंस के जैसा तैयार कर उनमें अपने लाइसेंस के यूनिक नंबर में हेरा फेरी करके फर्जी बनवाई गई स्टैंप लगाकर तैयार कर फर्जी शस्त्र लाइसेंस देना शुरू कर दिया। जिसका लाइसेंस होता उसे शास्त्र दिलवाने के लिए परमेंद्र स्वयं आर्मी की वर्दी पहन कर फर्जी शस्त्र लाइसेंस लेकर उन गन हाउस पर जाकर पिस्टल, राइफल ,रिवाल्वर या बंदूक दिलवा देता था। परमेंद्र ने उन लोगों को फर्जी लाइसेंस पर शास्त्र मेरठ, बुलंदशहर व नोएडा स्थित गन हाउस से खरीदवाए थे। जिन लोगों को परविंदर ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस दिए थे उनको यह जानकारी नहीं थी कि उनके शस्त्र लाइसेंस फर्जी हैं। परमेंद्र के वर्दी में होने के कारण गन हाउस वालों को भी परमेंद्र के ऊपर शक नहीं होता था। शस्त्र लाइसेंस का रिनुअल करवाने के लिए परमेंद्र शस्त्र लाइसेंस धारको से 5- 5 हजार रूपए लेकर कुछ दिनों बाद फर्जी तरीके से उन पर फर्जी मोहर लगाकर तारीख़ लिखकर उनको वापस दे देता था। बाद में पुनः शस्त्र का रिनुअल करने के लिए उन लोगों ने परमेंद्र को शस्त्र लाइसेंस और पैसे दिए थे। इसी दौरान परमेंद्र व अमित मुतरेजा के बीच पैसों की लेनदेन को लेकर झगड़ा हो गया। आपस में मुकदमे हो गई। पुलिस परमेंद्र के घर उसे पकड़ने के लिए जाती थी। इसलिए उसने डर के मारे सारे शस्त्र लाइसेंस नष्ट कर दिए थे। और असलहो को छिपा दिया। उसके बाद परमेंद्र जेल चला गया। जेल से आने के बाद सभी लाइसेंस धारी बार-बार परविंदर से अपने शस्त्र लाइसेंस को रिनुअल करने का शास्त्र वापस देने के लिए उन्हें कह रहे थे। परमेंद्र इस प्रयास में था कि किसी तरह फर्जी तरीके से दोबारा शस्त्र लाइसेंस बनाकर उसे पर स्टांप आदि लगाकर उन्हें वापस कर दे।
चूंकि अब चुनाव का माहौल चल रहा है तो परमेंद्र को डर था की कहीं पुलिस को यह सब पता ना चल जाए और उसके घर छापा ने मार दे। इसलिए वह इसे जल्दी बनाकर वापस देने के प्रयास में था। पकड़ा गया आरोपी परविंदर शातिर्ण कृष्ण का अपराधी है इसके द्वारा नोएडा में गाजियाबाद में कई लोगों के साथ धोखाधड़ी करके फर्जी तरीके से जम्मू कश्मीर राज्य के किश्तवाड़ में कुपवाड़ा जनपद में सेटिंग करके फर्जी तरीके से लोगों के शस्त्र लाइसेंस बनाए गए थे।
अभियुक्त ने कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां दी है जिसके आधार पर इस पूरे जालसाजी से लाइसेंस बनवाने के रैकेट में लिप्त अन्य अभियुक्त की गिरफ्तारी और बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं। पर्वेंद्र कुमार तेवतिया मूल रूप से बुलंदशहर का रहने वाला है उसके कब्जे से पुलिस ने पॉइंट 32 बोर की फैक्ट्री मेड पिस्टल और चार मैगजीन, फैक्ट्री मेड पॉइंट 32 बोर की रिवाल्वर और एक मैगजीन, 315 बोर की फैक्ट्री में राइफल और दो मैगजीन, फैक्ट्री मेड डबल बैरल बन्दूक और एक मैगजीन, फर्जी शस्त्र लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस सादे, आर्मी का फर्जी पहचान पत्र, फर्जी लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस की छाया प्रति, जम्मू कश्मीर के जनपद किश्तवाड़ का कुपवाड़ा के शस्त्र लाइसेंस कार्यालय जिला मजिस्ट्रेट की फर्जी रबर स्टैंप बरामद की गई है। आरोपी को पकड़ने और इस रैकेट का खुलासा करने में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी और उनकी टीम की विशेष भूमिका रही।