साउथ लॉबी को फायदा पहुंचाकर ली गई घूस और गोवा चुनाव में खर्च की गई
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। गुरुवार को करीब 2 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद शुक्रवार को जांच एजेंसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश करके 10 दिनों की रिमांड मांगी है। इससे पहले गुरुवार रात को सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई गिरफ्तारी को अवैध बताने वाली याचिका आज सुबह सुनवाई से पहले ही ये कहते हुए वापस ले ली गई की वे निचली अदालत में अपना पक्ष रखेंगे। सुनवाई के बाद अदालत ने केजरीवाल को 6 दिन की रिमांड पर ईड़ी के सुपुर्द कर दिया।
केजरीवाल मुख्य साजिशकर्ता- ED
सुनवाई के दौरान ईडी ने शराब घोटाले (Delhi Excise Policy Case) को लेकर कई बड़े दावे किए। ईडी ने कहा अरविंद केजरीवाल नई आबकारी नीति मामले में मुख्य साजिशकर्ता में शामिल रहे हैं और इसके जरिये रिश्वत ली गई। रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल गोवा चुनाव में भी किया गया था। कोर्ट में एएसजी ने दलील दी कि केजरीवाल आबकारी नीति बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
दो मौके पर रिश्वत का पैसा दिया गया- ED
ईडी ने दावा किया कि इस मामले में अरविंद केजरीवाल के करीबी विजय नायर शामिल रहे और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) केजरीवाल से मिले थे और उन्हें नीति से जुड़ी फाइल दी थी। विजय नायर का संबंध यह है कि वह केजरीवाल के पास घर मे रहते थे और उनका केजरीवाल के घर निरंतर आना-जाना था। वह आप के मीडिया प्रभारी भी थे। मगुंटा रेड्डी ने बयान में कहा है कि वह आबकारी नीति के संबंध में केजरीवाल से मिला था। दो मौके पर रिश्वत का पैसा दिया गया।
एएसजी ने दलील देते हुए कहा कि आबकारी नीति में फायदा लेने के बदले रिश्वत मांगी गई और ऐसा न करने पर नियम बदलने की बात कही गई। आबकारी नीति के बदले रिश्वत लेना ही अपराध नहीं है, रिश्वत के बदले शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचना भी अपराध है। जांच में सामने आया है कि हवाला के जरिये 45 करोड़ रुपये गोवा भेजे गए थे।
किसे हुआ 600 करोड़ का फायदा?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने बड़ा दावा किया और कहा कि 100 करोड़ की रिश्वत देकर दक्षिण लॉबी को करीब 592 से 600 करोड़ का फायदा हुआ, यह भी अपराध का हिस्सा है। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि इस दक्षिण लॉबी में तेलंगाना एमएलसी के कविता, सरथ रेड्डी (अरबिंदो ग्रुप के प्रमोटर), मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी (सांसद, ओंगोल), उनके बेटे राघव मगुंटा और अन्य शामिल हैं। इसका प्रतिनिधित्व अरुण रामचंद्र पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुची बाबू कर रहे थे।
‘पहली बार कोई सिटिंग CM गिरफ्तार हुआ’
अरविंद केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आपकी (ईडी) एक दिन सरकारी गवाह से डील हो जाती है और आप किसी को गिरफ्तार करने जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय में सरकारी गवाह को सबसे अविश्वसनीय कहा गया है। भारत के 75 साल के इतिहास में पहली बार कोई सिटिंग मुख्यमंत्री गिरफ्तार हुआ है। उसकी पार्टी के चार बड़े नेता जेल में है। इस मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार करने की कोई जरूरत नहीं है। ईडी ने कहा कि कई लोगों को फायदा हुआ और रिश्वत ली गई, लेकिन आपको (ईडी) दिखाना होगा कि केजरीवाल इससे कैसे जुड़े हैं।
सिंघवी ने कहा आप इस तरह से मेरे मुवक्किल (केजरीवाल) को गिरफ्तार या तलाशी नहीं कर सकते। एजेंसी के पास गिरफ्तारी की पावर है, लेकिन गिरफ्तारी की जरूरत भी को भी दिखाना चाहिए। एक सामान्य मामले के तौर पर देखें तो अगर आप किसी को गिरफ्तार करना चाहते तो आपको दिखाना होगा कि आप क्यों गिरफ्तार कर रहे हैं। मार्च 2024 में ही गिरफ्तारी क्यों?
किस आधार पर रिमांड मांगी जा रही- केजरीवाल के वकील
केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने कहा कि बिना पर्याप्त सामग्री के रिमांड की मांग की नहीं की जा सकती है। आखिर किस आधार पर रिमांड मांगी जा रही है। पहला आरोप पत्र 2022 में दायर हुआ और 2 साल बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया।
बता दें कि ईडी और केजरीवाल के बीच नवंबर 2023 से ही चूहे-बिल्ली का खेल चल रहा था। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा हस्तक्षेप करने और उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान करने से इनकार करने के बाद ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया।
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की एक अदालत द्वारा ईडी की याचिका के खिलाफ जमानत दिए जाने के बाद वह काफी उत्साहित थे, लेकिन हाईकोर्ट में उनकी याचिका का कोई नतीजा नहीं निकला। गुरुवार को, जब केजरीवाल ने ठोस कार्रवाई से सुरक्षा मांगी तो हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा कि ईडी को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने से कौन रोक रहा है। राजू ने कहा, हमने कभी नहीं कहा कि हम गिरफ्तारी करने जा रहे हैं। उनके पास पावर है. आप जांच में शामिल हों, हम गिरफ्तार कर भी सकते हैं और नहीं भी।
नवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा कि ईडी को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने से कौन रोक रहा है। राजू ने कहा, हमने कभी नहीं कहा कि हम गिरफ्तारी करने जा रहे हैं। उनके पास पावर है. आप जांच में शामिल हों, हम गिरफ्तार कर भी सकते हैं और नहीं भी।
पिछले हफ्ते ईडी द्वारा भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता की गिरफ्तारी से संकेत मिले कि ईडी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी कार्रवाई तेज करने जा रही है। बीआरएस नेता के खिलाफ ईडी के बयान में कहा गया है, “जांच से पता चला है कि के. कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर कथित तौर पर दिल्ली शराब नीति-निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित AAP के शीर्ष नेताओं के साथ साजिश रची थी। इन एहसानों के बदले में वह कथित तौर पर आप के नेताओं को 100 करोड़ रुपये देने में शामिल थीं। ईडी केजरीवाल का सामना कविता से करा सकती है जो 23 मार्च तक एजेंसी की हिरासत में रहेगी।
नौ समन को नजरअंदाज किया
ईडी भले ही कथित तौर पर केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर काम करने के लिए विपक्ष के निशाने पर रही हो, लेकिन अरविंद केजरीवाल के मामले में कानूनी सलाह से पता चलता है कि जांच ठोस आधार पर थी। अधिकारियों के अनुसार, कानूनी सलाह यह थी कि केजरीवाल ने नौ समनों को दरकिनार कर अपने लिए मामला खराब कर लिया था। आप संयोजक ने पहले समन को अवैध और राजनीति से प्रेरित बताया और फिर कहा कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ईडी से स्पष्टीकरण भी मांगा कि उन्हें किस हैसियत से समन जारी किया जा रहा है। गुरुवार को ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि केजरीवाल को उनकी व्यक्तिगत हैसियत से पूछताछ के लिए बुलाया गया था, न कि आप’ के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर।
ईडी ने अपने पिछले आरोपपत्रों में भी केजरीवाल की तथाकथित साउथ ग्रुप के व्यवसायी समीर महेंद्रू के साथ बातचीत का हवाला दिया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर विजय नायर को मेरा लड़का कहा था। आप\ के पूर्व कम्युनिकेशन हेड नायर पर शुरू से ही साउथ ग्रुप के साथ मिलीभगत का आरोप है। यह सुनिश्चित करते हुए कि रिश्वत नकद में दी गई थी और शराब नीति इस तरह से तैयार की गई थी कि कथित रिश्वत देने वालों को फायदा मिले। साउथ ग्रुप के एक कारोबारी सरथ रेड्डी ने कथित तौर पर ईडी को बताया कि नायर ने ग्रुप के कारोबारियों के साथ चर्चा की और के. कविता और साउथ ग्रुप के पक्ष में शराब नीति को प्रभावित करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव रखा था।
ईडी अब केजरीवाल को हिरासत में लेकर उनकी कथित बातचीत और नायर के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछताछ करना चाहती है। एजेंसी यह भी चाहती है कि केजरीवाल जवाब दें कि क्या उन्होंने मार्च 2021 में सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी से मुलाकात की थी, जब दिल्ली उत्पाद शराब नीति के बारे में चर्चा हुई थी। इस बैठक में केजरीवाल ने कथित तौर पर उल्लेख किया था कि कविता को इस नीति के बारे में पहले से ही जानकारी थी।
एजेंसी ने के. कविता के घर पर छापा मारने के बाद रिश्वत की रकम के भुगतान और लॉन्ड्रिंग के बारे में नए सबूत जुटाए हैं। अधिकारियों ने कहा कि केजरीवाल अपने जवाबों में टालमटोल कर रहे थे और इसलिए हिरासत में पूछताछ की जरूरत थी।
अरविंद केजरीवाल दिल्ली के CM पद से इस्तीफा दें…हाईकोर्ट में याचिका
सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब इसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई है। याचिका हिन्दू सेना की तरफ से लगाई गई है, जिसमें यह कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के बाद भी सीएम ने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। हाईकोर्ट से यह मांग की गई है कि सीएम केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा दें।