संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के नए वीसी ने अवैध निर्माण को रोकने के लिए एक सिस्टम बनाने की बात कही है। गाजियाबाद में सेटेलाइट के माध्यम से अवैध निर्माण पर नजर रखी जाएगी। इसे लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारियों पर ठोस कार्यवाही होगी। जीडीए की इस कार्यवाही में आम आदमी को किसी भी सूरत में परेशान नहीं किया जाएगा। जीडीए के प्रति लोगों की राय बदलने के लिए भी प्रभावी नीति अपनाई जाएगी।
जीडीए के प्रति लोगों की धारणा बदलने की कोशिश
गाजियाबाद के वीसी अतुल वत्स ने बताया कि जीडीए के प्रति लोगों की धारणा को बदलने पर कार्य किया जाएगा। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को घाटे से उबारना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने बताया कि आयकर विभाग में जीडीए के 481 करोड़ रुपए का रिफंड आधार में लटका हुआ है। जिसके लिए वे इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में लेकर जाएंगे। जीडीए में लैंड बैंक को बढ़ाना भी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने बताया कि जीडीए में फैले भ्रष्टाचार को समाप्त करना उनके एजेंट में शामिल है।
घर बैठे एक क्लिक पर जानिए प्रॉपर्टी स्टेटस
मधुबन बापूधाम योजना को विकसित करना और किसानों से वार्ता कर हल निकालने की भी उन्होंने बात कही है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में सबसे अधिक परेशानी प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोगों को होती है। जीडीए से प्रॉपर्टी खरीदने के बाद नामांतरण और रजिस्ट्री जैसी चीजों के लिए विभाग के बाबुओं की मिन्नतें करनी पड़ती है। इससे बचने के लिए उन्होंने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में एक सॉफ्टवेयर तैयार करने की बात कही है। जिसके जरिए एक क्लिक पर सभी फाइलों का स्टेटस लोग घर बैठे देख सकेंगे। इसके बाद विभाग में आकर बाबू से मिलने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यदि किसी बाबू की लापरवाही सामने आई तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।
निर्माण होने पर एक्शन तय
उन्होंने बताया कि अवैध निर्माण पर निगरानी रखने के लिए सैटेलाइट की मदद ली जाएगी। अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर उक्त अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। भ्रष्टाचार पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर उक्त अधिकारी के विरुद्ध सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा।