संवाददाता
पटना। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैंने बहुत ईमानदारी से देश की सेवा की और मैं आज भी प्रधानमंत्री जी का शुक्रगुजार हूं। उन्होंने कहा कि हमारे साथ नाइंसाफी हुई है, इसलिए मैं केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।
पीएम मोदी का शुक्रगुजार हूं- पशुपति पारस
पशुपति पारस ने कहा कि प्रधानमंत्री जी देश के नेता हैं और बड़े नेता है, मैं उनका धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे पांच सांसद थे और मैंने पहले ही कहा था कि एनडीए में सीट बंटवारा होने के बाद हम फैसला लेंगे। पशुपति पारस ने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को भेज दिया है।
पशुपति पारस के इस्तीफे पर बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने कहा कि मोदी जी ने रामविलास पासवान के उत्तराधिकारी के रूप में चिराग को नहीं बल्कि पशुपति पारस को आगे बढ़ाया। अब चिराग को भी मौका मिलना चाहिए। विजय सिन्हा ने कहा कि हम पशुपति पारस की इज्जत करते हैं और उन्हें पूरा सम्मान देंगे।
आरजेडी का बड़ा बयान
पशुपति पारस के इस्तीफे पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी का भी बयान सामने आया है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि पशुपति पारस के पास पांच सांसद थे, उन्हें एक भी सीट नहीं दी जबकि चिराग अकेले सांसद थे और उन्हें पांच सीट दे दी, ये साफ है बीजेपी ने रामविलास जी के उत्तराधिकारी के रूप में उनके बेटे को चुना है। पारस को महागठबंधन में शामिल करने के सवाल पर शिवानंद तिवारी ने कहा कि अभी वह जहां पर है, वहां उन्हें कोई सीट नहीं मिली तो मैं आगे का क्या बोलूं।
ऐसा माना जा रहा है कि पारस अलग पड़ने के बाद विकल्पहीन होकर इस्तीफा देने को मजबूर हुए। दरअसल, रामविलास पासवान के निधन के बाद जब चाचा-भतीजा में अनबन शुरू हुई तो मामला हाजीपुर सीट पर जाकर अटक गया। दोनों इस सीट पर अड़े और भाजपा ने अंतत: चिराग पासवान पर अपना हाथ रख दिया। इसी से पारस नाराज हो गए। वे लालू यादव और तेजस्वी से मुलाकात के बाद राजद में शामिल होने की घोषणा कर सकते है।